कोरोना वायरस के क्लस्टर आउटब्रेक का पहला मामला, फार्मा कंपनी के 10 लोग पॉजिटिव, हजारों को क्वॉरंटीन में भेजा गया

स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार 26 मार्च को कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाए जाने के बाद, इस व्यक्ति के सात करीबी लोगों को जांच के बाद होम क्वारंटीन में भेज दिया गया है. वहीं इसी शख्स के साथ काम करने वाले 10 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं.

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बेंगलुरु. कर्नाटक (Karnataka) में जब पेशेंट 52 या पी52 (नाम न उजागर करने के चलते दी गई पहचान) कोरोना वायरस (Corona Virus) से पॉजिटिव पाया गया तो इसने प्रशासन को हैरान कर दिया. इस मरीज ने न तो कोई विदेश यात्रा की थी और न ही ये किसी संक्रमित मरीज या उसके किसी करीबी के संपर्क में आया था. देश में कोविड-19 (COVID-19) वायरस के कलस्टर आउटब्रेक का यह पहला मामला है और अधिकारी फिलहाल इसकी वजह का पता लगाने में जुटे हैें. क्लस्टर आउटब्रेक ऐसी अवस्था को कहते हैं, जहां एक पूरा समूह अचानक से किसी बीमारी की चपेट में आ जाता है.

पी52 मैसूर के नंजनगुड प्लांट के जुबिलेंट लाइफ साइंस में काम करते हैं. ये कंपनी इस प्लांट में एपीआई और एक्टिव फार्मा इंग्रीडिएंट्स बनाती है और ये कर्मचारी क्वालिटी एश्योरेंट टीम काम करते हैं. स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार 26 मार्च को संक्रमित पाए जाने के बाद, इस व्यक्ति के सात करीबी लोगों को जांच के बाद होम क्वारंटीन में भेज दिया गया है.

ऐसे बढ़ी संक्रमित लोगों की संख्या
इसके बाद 29 मार्च को जुबिलेंट लाइफ साइंस के पांच अन्य कर्मचारी संक्रमित पाए गए. 30 मार्च को चार और लोग संक्रमित पाए गए. पी52 से ही जुड़े 2 नए केस 31 मार्च को सामने आए. इन नए मामलों में संक्रमित लोगों ने दुबई की यात्रा की थी. कंपनी ने इसके बाद से ही अपने प्लांट की सारी गतिविधियां रोक दीं और करीब 1,000 से ज्यादा लोगों को सेल्फ क्वॉरंटीन के लिए भेज दिया.

फार्मा कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, ये पाया गया है कि उनके कई सारे कर्मचारियों को संक्रमण हुआ है और सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. इसके साथ ही साथ प्लांट के पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है.

बंद किया गया प्लांट
बयान में कहा गया कि हम फिर से इसकी जानकारी दे रहे हैं कि हमारे संस्थान के कई और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं. एहतियाती कदम के तौर पर फिलहाल प्लांट में काम पूरी तरह से रोक दिया गया है औ सभी लोगों को सेल्फ क्वारंटीन में भेज दिया गया है. हमने कर्मचारियों से बात करने, उन्हें दिशानिर्देश देने के लिए और उनके सवालों का जवाब देने के लिए एक ऑनलाइन चैनल तैयार किया है. पूरे प्लांट को फिर से सैनिटाइज किया जा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग लगातार इसे सुनिश्चित कर रहा है कि कंपनी अपने कर्मचारियों से बात कर जानकारी लेती रहे जिससे अचानक भारी तादाद में कोविड-19 से संक्रमण के मामले सामने न आएं, विभाग को अभी भी इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है कि संक्रमण की शुरूआत आखिर कहां से हुई. राज्य के स्वास्थ्य सचिव जावेद अख्तर ने कहा हम अब वहां आए कुछ पैकेजिंग मेटीरियल की भी जांच कर रहे हैं कि कहीं उनके चलते तो ये संक्रमण नहीं फैला है.

कर्नाटक में यह शायद पहला क्लस्टर आउटब्रेक का मामला हो सकता है. जिले के हेल्थ ऑफिसर डॉ वेंकटेश ने न्यूज़18 से कहा कि नंजनगुड़ तालुक को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और लोगों को सिर्फ जरूरी चीजों जैसे राशन और दुकानें मिल रही हैं.

Coronavirus: मरकज़ के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने शुरू की जांच, अब तक निकाले गए 2100 लोग

नई दिल्ली. दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) का मरकज़ अब कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण का हॉटस्पॉट बन गया है. दिल्ली पुलिस ने मरकज़ के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने सुबह 4 बजे से यहां से 2100 लोगों को निकाला है और उन्हें अलग-अलग जगह आइसोलेशन में रखा जा रहा है.

दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज़ मामले में मौलाना साद और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में मौलाना साद के खिलाफ 269, 270, 271 और 120-बी आईपीसी के साथ Epidemic Disease Act 1897 की धारा 3 के तहत भी मामला दर्ज किया.

केंद्र ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे भारत में मौजूद तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के करीब 2,000 विदेशी कार्यकर्ताओं का तत्काल पता लगाए और उन्हें आइसोलेट करें. तबलीगी जमात के मुख्यालय मरकज निजामुद्दीन में आयोजित हुए कार्यक्रम में भाग लेने वालों में से कई लोगों के कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाए जाने और छह लोगों की संक्रमण के कारण तेलंगाना में मौत हो जाने के बाद केंद्र ने राज्यों से यह बात कही.

वहीं, यूपी सरकार ने दावा किया है कि मरकज़ में शामिल हुए 95 फीसदी लोगों की पहचान कर ली गई है. कई शहरों की मस्जिदों में पनाह लेने वाले जमातियों को क्वारंटीन सेंटर भेजा गया है. अब तक 2000 से अधिक लोगों को क्वॉरंटाइन किया गया है.

गृह मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को लिखे पत्र में उनसे कहा है कि वे उन सभी विदेशी जमात अनुयायियों को पहली उपलब्ध उड़ान से उनके देश भेजें जो संक्रमित नहीं पाए गए हैं. गृह मंत्रालय ने पत्र में कहा, ‘इस समय तबलीग कार्य के लिए पर्यटन वीजा पर आए 70 से अधिक देशों के करीब 2000 विदेशियों के देशभर में फैले होने का अनुमान है. इनमें से अधिकतर विदेशी नागरिक बांग्लादेश (493), इंडोनेशिया (472), मलेशिया (150) और थाईलैंड (142) से आए हैं और देश में उनके रहने की अवधि छह माह तक है.

मंत्रालय ने 28 मार्च को सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा, कुछ तबलीगी जमात सदस्यों के दिल्ली के निजामुद्दीन में बंगले वाली मस्जिद स्थित उसके मुख्यालय में ठहरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. उसने कहा कि देश के अंदरूनी हिस्सों में घूमने वाले जमात दल कोविड-19 के संभावित वाहक प्रतीत होते हैं.

मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से तबलीग टीम के हर विदेशी नागरिक की पूरी जांच करने और आवश्यकता पड़ने पर उसे अलग रखने या अस्तपाल में भर्ती कराने की सलाह दी. उसने कहा कि यदि विदेशी नागरिक संक्रमित नहीं पाया जाता है तो उसे पहली उपलब्ध उड़ान से तत्काल उसके देश भेजा जाए. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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