सरकार ने दिए कृषि कानूनों में बदलाव के संकेत, सिंधु बॉर्डर पर 11 बजे किसानों की बैठक
Farmers Protest 9th Day Live Updates: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) में कोई बदलाव नहीं होगा. एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है. उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता. हालांकि, किसान अपनी मांग पर अड़े रहे.
Farmers Protest 9th Day Live Updates: मोदी सरकार के कृषि कानूनों (New Agriculture Law) के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 9वां दिन है. सरकार ने आंदोलन खत्म करने के लिए गुरुवार को करीब 7 घंटे किसानों से चौथे दौर की बातचीत की, लेकिन ये बातचीत भी बेनतीजा रही. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) में कोई बदलाव नहीं होगा. एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है. उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता. हालांकि, किसान अपनी मांग पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि कानून खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए. मसला इकलौते MSP का नहीं, बल्कि कानून पूरी तरह वापस लेने का है. किसान आज भी आंदोलन जारी रखेंगे और आज मीटिंग के बाद आगे की रणनीति तय होगी.
कृषक संगठनों के प्रतिनिधियो के साथ करीब आठ घंटे चली लंबी बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कंपनियों से किसानों की जमीन को काई खतरा नहीं है और जरूरत पड़ी तो सरकार यह चीज साफ करने को तैयार है. किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की तरफ से विज्ञान भवन में चौथे दौर की बातचीत का नेतृत्व करते हुए तोमर ने उम्मीद जतायी कि अगली बैठक में मामला निर्णायक स्तर पर पहुंचेगा और कोई समाधान होगा. उन्होंने किसान संगठनों से ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए अपना विरोध-प्रदर्शन समाप्त करने की भी अपील की.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केवल एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए. केंद्र और किसानों के बीच अब पांचवें दौर की बातचीत 5 दिसंबर को होगी.
सरकार ने किसानों से तीन कृषि कानून और एक प्रदूषण वाले कानून को वापस लेने की जगह सिर्फ संशोधन की बात कही है. अब सब की नजर पांच दिसंबर को होने वाली बैठक पर रहेगी.
राजधानी की सीमाओं पर 9वें दिन भी किसान आंदोलन के चलते टिकरी, झारोदास सिंघु, लामपुर, औचंदी, सफियाबाद, पियाओ मनियारी, सबोली बॉर्डर आवाजाही के लिए बंद है. एनएच-44 दोनों तरफ से बंद है. एनएच-24 पर गाजीपुर की सीमा गाजियाबाद से दिल्ली तक यातायात के लिए बंद है. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आने वाले लोगों को अप्सरा / भोपरा / DND का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलनरत किसानों की मांगें न माने जाने और सरकार द्वारा तारीख पर तारीख दिए जाने पर चिंता प्रकट की. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “मैं किसानों, उनके जीवन और आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं. भारत सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए. अगर ऐसा तुरंत नहीं किया जाता है, तो हम पूरे राज्य और देश में आंदोलन करेंगे. हम इन किसान विरोधी कानूनों का कड़ा विरोध करते हैं.”
सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से गुरुवार को चौथे दौर की बातचीत की। करीब 7 घंटे चली इस बैठक के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) को छुआ नहीं जाएगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है। उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता ।
हालांकि, किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि कानून खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। मसला इकलौते MSP का नहीं, बल्कि कानून पूरी तरह वापस लेने का है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केवल एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए। केंद्र और किसानों के बीच अब पांचवें दौर की बातचीत 5 दिसंबर को होगी।
सरकार ने 7 घंटे में किसानों की 7 चिंताएं सुनीं, सिर्फ एक पर वादा किया, बाकी पर भरोसा दिलाया
किसानों की चिंताएं | सरकार का जवाब |
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस बंद तो नहीं हो जाएगी? | MSP चल रही थी, चल रही है और आने वाले वक्त में भी चलती रहेगी। |
APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी खत्म तो नहीं हो जाएगी? | प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन हम APMC को भी मजबूत बनाएंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड के लिए PAN कार्ड तो कोई भी जुटा लेगा और उस पर टैक्स भी नहीं लगेगा। | सरकार का वादा– ट्रेडर के रजिस्ट्रेशन को जरूरी करेंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड पर कोई टैक्स नहीं लगेगा? | APMC मंडियों और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक जैसा बनाने पर विचार करेंगे। |
विवाद SDM की कोर्ट में न जाए, वह छोटी अदालत है। | ऊपरी अदालत में जाने का हक देने पर विचार करेंगे। |
नए कानूनों से छोटे किसानों की जमीन बड़े लोग हथिया लेंगे। | किसानों की सुरक्षा पूरी है। फिर भी शंकाएं हैं तो समाधान के लिए तैयार हैं। |
बिजली संशोधित बिल और पराली जलाने पर सजा पर भी हमारा विरोध है। | सरकार विचार करने पर पूरी तरह राजी है। |