कर्नाटक: येडियुरप्पा के खिलाफ बगावत का बिगुल? राज्यपाल से शिकायत के बाद अब ईश्वरप्पा ने खुद को बताया पार्टी का वफादार

कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री के एस ईश्वरप्पा (k s eshwarappa) ने बुधवार को राज्यपाल से मुख्यमंत्री बी एस येडियुरप्पा के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री पर उनके विभाग के मामलों में सीधा हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया थी.

 

मैसुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येडियुरप्पा (BS Yediyurappa) और भाजपा (BJP) के खिलाफ विद्रोह करने के आरोपों का सामना करने वाले राज्य के मंत्री के एस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) ने शुक्रवार को कहा कि वह विद्रोही नहीं, बल्कि पार्टी के प्रति वफादार हैं. गौरतलब है कि राज्य भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ईश्वरप्पा ने अपने विभाग के मामलों में येडियुरप्पा के कथित हस्तक्षेप के बारे में राज्यपाल वजुभाई वाला (vajubhai vala) से शिकायत की थी.

ईश्वरप्पा ने कहा, ‘मैं विद्रोही नहीं हूं, बल्कि मैं हमेशा से वफादार रहा हूं और अपनी पार्टी के खिलाफ कभी भी बगावत नहीं करूंगा.’ बहरहाल, उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी नाराजगी केवल न्याय पाने के लिए है. अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए, ईश्वरप्पा ने कहा कि उनके विभाग से संबंधित 1,299 करोड़ रुपये मंजूर किए गए, जिसमें वे 65 करोड़ रुपये भी शामिल हैं, जो बिना उनकी जानकारी के बेंगलुरु शहरी जिला पंचायत को दिए गए.

मंत्री ने आरोप लगाया, ‘मेरी जानकारी के बिना, बेंगलुरु शहरी जिला पंचायत के लिए 65 करोड़ रुपये मंजूर किए गए. इसके अलावा, पहली किश्त में 774 करोड़ रुपये और दूसरी किश्त में 460 करोड़ रुपये जारी किए गए. कुल मिलाकर 1,299 करोड़ रुपये जारी किए गए, जो कामकाज संबंधित लेन-देन नियमों का उल्लंघन है.’ ईश्वरप्पा ने बताया कि उन्होंने नियमों के उल्लंघन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सहित कई पार्टी नेताओं को पत्र लिखा. उन्होंने अनुदान की राशि जारी करने पर रोक लगा दी थी.

येडियुरप्पा से मेरी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं- ईश्वरप्पा
ईश्वरप्पा ने आरोप लगाया कि हालाँकि, मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव को पत्र लिखकर धन जारी करने का और बाद में मंत्री को सूचित करने का निर्देश दिया था. मंत्री ने स्पष्ट किया कि येडियुरप्पा के साथ कुछ भी व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है.  कहा कि अन्य मुख्यमंत्रियों द्वारा मंत्रियों को दरकिनार करके अनुदान जारी करने की नई मिसाल बनाने से रोकने के लिए उन्हें इस मुद्दे को उठाना पड़ा.
ईश्वरप्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसे लोगों ने गुमराह किया है जिन्होंने पहले उन्हें भाजपा के खिलाफ विद्रोह करने और कर्नाटक जनता पार्टी बनाने के लिए की सलाह दी थी. दूसरी ओर कर्नाटक के भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने कहा है कि ईश्वरप्पा को एक वरिष्ठ नेता और मंत्री होने के नाते ऐसा कोई पत्र नहीं लिखना चाहिए था.

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद नलिन कुमार कतील ने शुक्रवार को कहा कि ईश्वरप्पा द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ कथित तौर पर उनके विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करने की शिकायत को दो दिनों के भीतर हल किया जाएगा. भाजपा इकाई प्रमुख ने कहा कि इस मामले पर ईश्वरप्पा के साथ चर्चा की जाएगी और इसे दो दिनों में हल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ईश्वरप्पा से व्यक्तिगत रूप से बात करने के बाद मतभेदों को सुलझा लिया जाएगा.

Leave A Reply

Your email address will not be published.