नई दिल्ली. धनतेरस (Dhanteras) के दिन हर आम और खास जमकर खरीदारी करता है. दीवाली (Diwali) से पहले होने वाली इस खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है. सोने (Gold)-चांदी से लेकर स्टील के बर्तनों की खूब बिक्री होती है. लेकिन देश की 37 ऐसी खानाबदोश (Nomad) या घुमंतू जातियां भी हैं जिन्हें पूरे साल धनतेरस का इंतज़ार रहता है. आम लोगों की तरह से यह कोई खरीदारी नहीं बल्कि घरों और दुकान-फैक्ट्रियों में चोरियां करते हैं. इस दिन की गई चोरी के माल की ही यह लोग दीवाली वाले दिन पूजा करते हैं. इस दिन कामयाब होने वाली चोरी (Stealing) को यह पूरे साल के लिए शुभ मानते हैं.
साल में दो बार होती हैं बड़ी पूजा
क्राइम स्पेशलिस्ट और राजस्थान पुलिस को अपनी सेवाएं देने वाली एसपी शर्मा को इन 37 खानाबदोश या घुमंतू जातियों का इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जाता है. यूपी पुलिस भी कुछ खास तरह के अपराध में एसपी शर्मा की मदद लेती है. एसपी शर्मा बताते हैं कि धनतेरस के साथ ही दीवाली के और भी दिन हैं जब चोरियां होने की ज़्यादा गुंजाइश रहती है. क्योंकि दूसरे शहरों में नौकरी करने वाले बहुत से लोग त्योहार मनाने अपने घरों को चले जाते हैं. और फिर यह लोग ऐसे ही खाली घरों को निशाना बनाकर चोरियां करते हैं.
चैत नवरात्र मतलब होली के आसपास राजस्थान में कैलादेवी की पूजा यह लोग धूमधाम से करते हैं. उस दौरान भी इनके अपराध बढ़ जाते हैं. इस दौरान भी यह लोग कामयाब होने वाले अपराध को पूरे साल के लिए शुभ मानते हैं.
एसपी शर्मा की मानें तो चोर पहले आपकी कालोनी या मोहल्ले में फेरी वाले बनकर आते हैं और रेकी कर चले जाते हैं. इसलिए दीवाली के दौरान अलर्ट रहें. खाली घर छोड़कर जा रहे हैं तो अखबार वाले को मना कर दें कि वो अखबार न डाले. घर के बाहर अखबार के ढेर से पता चल जाता है कि घर में कोई नहीं हैं. कुछ ऐसा इंतज़ाम करें कि घर के किसी एक हिस्से की लाइट रोज शाम को जल जाया करे. नजदीक के पुलिस स्टेशन पर बताकर जाएं. कीमती सामान खाली घर में छोड़कर न जाएं.