नई दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद, RSS और बजरंग दल के कई नेता खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (Khalistan Liberation Front) के निशाने पर थे. पुलिस ने इस बात का खुलासा फ्रंट से जुड़े आरोपियों से पूछताछ के बाद की है. बता दें कि पुलिस ने खालिस्तान आंदोलन के 3 आतंकियों को शनिवार को गिरफ्तार किया था. कहा जा रहा है ये सब उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में हत्याओं को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.
माहौल खराब के फिराक में थे
पुलिस के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद, RSS और बजरंग दल के ये नेता दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में रहते हैं. कहा जा रहा है कि इन नेताओं को निशाना बनाकर खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के ये लोग उत्तर भारत में माहौल खराब करने की फिराक में थे. इन सबने एक वेबसाइट के जरिये ग्रेटर खालिस्तान बनाने के लिए ‘रेफरेंडम 2020’ वोटिंग की भी शुरुआत की थी. रेफरेंडम के जरिए ग्रेटर खालिस्तान का हेडक्वॉर्टर लाहौर में बनाना चाहते थे.
ISI का भी हाथ
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस पूरी प्लानिंग के पीछे ISI का भी हाथ था. ये सब सोशल मीडिया के जरिये ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को रैडिक्लाइज़ करना चाहते थे. इनके कई वॉट्सएप चैट को भी ट्रेस किया गया है, जिसमें उन बड़े नामों का जिक्र था जिनकी ये टारगेट किलिंग करना था. कुल तीन आरोपी शनिवार को पकड़े गए थे. एक दिल्ली से, दूसरा हरियाणा तीसरा पंजाब से.
पिस्तौल और कारतूस बरामद
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि तीनों गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी मोहिंदर पाल सिंह (29), पंजाब निवासी गुरतेज सिंह (41) और हरियाणा निवासी लवप्रीत सिंह (21) के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि आरोपियों से तीन पिस्तौल और सात कारतूस भी बरामद की गई है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनके पास से तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गये हैं जिनमें खालिस्तान आंदोलन से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीर मौजूद हैं.