नई दिल्ली. अधिकारियों (Officers) ने बताया कि पंजाब (Punjab) में नकली शराब त्रासदी (spurious liquor tragedy) में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 80 हो गई. इस मामले में पीड़ितों के लिए पंजाब के CM अमरिंदर सिंह ने 2 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है. पुलिस ने कड़ी कार्रवाई कर इस मामले में अब तक 100 से ज्यादा छापे मारकर 17 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस दौरान राज्य के तरन तारन जिले (Tarn Taran district) से 23 और मौतों का मामला सामने आया. शुक्रवार रात तक जिले में 19 लोगों की मौत हो चुकी थी. डिप्टी कमिश्नर (Deputy Commissioner) कुलवंत सिंह ने शनिवार को कहा, “तरन तारन (Tran Taran) में, मरने वालों की संख्या 42 तक पहुंच गई है,” उन्होंने यह भी बताया कि जिले के सदर और शहर के इलाकों (Sadar and city areas) में ज्यादातर मौतें हुई हैं.
इस घटना के तहत तरन तारन के अलावा बुधवार रात से अभी तक अमृतसर (Amritsar) में 11 और बटाला (Batala) के गुरदासपुर (Gurdaspur) में नौ लोगों मौत होने की सूचना है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई पीड़ितों के परिजन (families of several victims) बयान दर्ज कराने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन पुलिस (police) उन्हें सहयोग करने के लिए प्रेरित कर रही है.
परिजनों ने जहरीली शराब पीने से मौत की बात नहीं मानी, दिल का दौरा बताया मौत की वजह
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ज्यादातर परिवार सामने नहीं आ रहे हैं और वे कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं. कुछ तो पोस्टमॉर्टम भी नहीं करने दे रहे हैं.’’ इसबीच गुरदासपुर के उपायुक्त मोहम्मद इश्फाक ने कहा कि कुछ परिवारों ने यह मानने से भी इंकार कर दिया है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है.
उपायुक्त ने बताया, ‘‘कुछ मृतकों के परिजन यह मानने को तैयार नहीं हैं कि परिवार के सदस्य की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. वे कह रहे हैं कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.’’
तरन तारन के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने कहा कि कुछ परिवारों ने तो पुलिस को सूचना दिए बगैर ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस ने अभी तक इस मामले में 10 लोग को गिरफ्तार किया है.