सरकार ने अगले आदेश तक कोविड-19 रैपिड एंटबॉडी टेस्टिंग किट पर लगाई रोक, ICMR करेगा सटीकता की जांच: सूत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr Harshvardhan) ने शुक्रवार को कहा था कि कोविट-19 जांच किट (Covid-19 Test Kit) के नतीजे जगह-जगह पर अलग-अलग आ रहे हैं और ‘‘इन पर विश्वास नहीं किया जा सकता.’’
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जहां एक और कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 25 हजार के करीब पहुंच गई है वहीं अब तक 779 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं सरकार ने अगले आदेश तक कोरोना वायरस की जांच के लिए मंगाई गई रैपिड एंटबॉडी टेस्टिंग किट (Rapid Antibody Test Kit) पर रोक लगा दी है. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
चीन (China) से मंगाई गई इन किट पर शुरुआत से ही सवालिया निशान उठ रहे थे. शुरुआत में कुछ किट क्वालिटी टेस्ट में पास नहीं हो सकी थीं जिसके बाद सरकार ने साफ किया था वह खराब क्वालिटी की किट को चीन को वापस करेगी. इसमें पीपीई किट भी शामिल थीं. इसके कुछ दिन बाद राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार ने रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट किट के नतीजों पर संशय जाहिर किया था. इसके बाद देश की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान इकाई ‘भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद’ (आईसीएमआर) ने मंगलवार को राज्यों को सलाह दी थी कि दो दिन के लिए इसका इस्तेमाल रोक दिया जाए. उसने रैपिड जांच किटों के परिणाम सही नहीं आने की शिकायतों के बाद इस संबंध में जांच की बात कही थी. अब सरकार ने इन टेस्ट किट का इस्तेमाल पूरी तरह से रोकने के निर्देश दिए हैं.
आईसीएमआर की मुहर के बाद हटेगी रोक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा था कि जांच किट के नतीजे जगह-जगह पर अलग-अलग आ रहे हैं और ‘‘इन पर विश्वास नहीं किया जा सकता.’’ शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनके हवाले से कहा, ‘‘यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इसकी सटीकता पर टिप्पणी नहीं की है. आईसीएमआर अपनी प्रयोगशाला में जांच और किट की दक्षता की समीक्षा कर रही है तथा जल्द ही नये दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे.’’ एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शुक्रवार को राज्यों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक बैठक होने के बाद उनसे उस वक्त तक त्वरित एंटीबॉडी जांच किट का उपयोग रोकने को कहा गया, जब तक कि आईसीएमआर इसकी सटीकता पर मुहर नहीं लगा देती है.’’
आईसीएमआर के महामारी एवं संचारी रोग विभाग प्रमुख डॉ रमन आर गंगाखेडकर ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था कि त्वरित जांच और आरटी-पीसीआर जांच के नतीजों में अत्यधिक अंतर देखा जा रहा है जो कुछ राज्यों में छह से 71 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है. उन्होंने यह भी कहा था कि यदि त्वरित जांच किट की खेप त्रुटिपूर्ण पाई गई तो कंपनी को उसकी जगह दूसरी खेप भेजने को कहा जाएगा.
भारत के सहयोग के लिए तैयार चीनी कंपनियां
वहीं भारत में कोविड-19 की त्वरित जांच के लिए 5.5 लाख किट की आपूर्ति करने वाली चीन की दो कंपनियों ने कहा है कि वे अपने उत्पादों के परिणामों में सटीकता नहीं होने की शिकायतों के मामले में जांच में सहयोग को तैयार हैं. अलग-अलग बयानों में ग्वांगझोऊ वोंदफो बायोटेक और लिवजोन डायग्नोस्टिक्स ने कहा कि वे अपने उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियम का कड़ाई से पालन करती हैं. कंपनियों ने कहा कि सटीक परिणाम पाने के लिए किटों को रखे जाने और उनके इस्तेमाल के लिए विशेष दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.
पिछले हफ्ते भारत ने चीन की दोनों कंपनियों से 5.5 लाख त्वरित एंटीबॉडी जांच किट खरीदी थीं. इन्हें कई राज्यों में वितरित किया गया था.
(भाषा के इनपुट सहित)