कोरोना वायरस: जिस दवा के मुरीद बने हैं ट्रंप उसे गलती से भी न लगाएं हाथ, खुद खाने से पड़ सकते हैं बीमार
डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह इस दवा की मांग की, उससे दुनिया भर में इस बात पर चर्चा शुरू हो गई कि आखिर यह कौन सी दवा है. सवाल यह भी पूछे जाने लगे कि क्या हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन कोरोना वायरस (Coroanvirus) का मुकाबला कर सकता है?
नई दिल्ली.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Doanld Trump) ने भारत से हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (hydroxychloroquine) दवा की मांग की है. यह एंटी मलेरिया दवा है. ट्रंप की ओर से इस तरह दवा की मांग से दुनिया भर में इस बात पर चर्चा शुरू हो गई कि आखिर यह कौन सी दवा है. सवाल यह भी पूछे जाने लगे कि क्या हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन कोरोना वायरस (Coroanvirus) का मुकाबला कर सकता है? हालांकि इस दवा के इस्तेमाल से आपके सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. भारत सरकार ने बीते दिनों यह स्पष्ट कर दिया कि कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को यह हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा दी जाएगी.
सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का असर कम है और इस आधार पर इसका इस्तेमाल सिर्फ स्वास्थ्यकर्मी कर सकते हैं. वहीं भारतीय दवा उद्योग ने कहा है कि हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का देश में पर्याप्त स्टॉक है.
बता दें कि हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा खाने के बाद कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसमें नाक बहना, पेट में दर्द और बार-बार शौच जाना मुख्य है. साथ ही दवा का इस्तेमाल करने के बाद से ही असहनीय दर्द, पाचनतंत्र खराब होने और सिर में दर्द बने रहने की आशंका है.
क्या है हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा
अगर अमेरिकी संदर्भ में हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा की बात करें तो साल 1955 में यहां इस दवा का इस्तेमाल करने की परमिशन दी गई थी. हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन 128वीं दवा है जो अमेरिका में सबसे ज्यादा डॉक्टरों द्वारा प्रिफर की जाती है. साल 2017 ने अमेरिकी डॉक्टरों ने इस दवा को खूब लिखा. एक आंकड़े के अनुसार कम से कम 55 लाख अमेरिकियों ने इस दवा का इस्तेमाल किया.
हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का ब्रांड नेम प्लक्वेनिल है, जिसका इस्तेमाल मलेरिया में इलाज के लिए किया जाता है. इसके साथ ही रिमोटाइड अर्थराइटिस और गर्भावस्था के दौरान जोड़ों में होने वाले दर्द का मुकाबला करने के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल होता है. WHO ने इसे जरूरी दवाओं की लिस्ट में शामिल कर रखा है.