Covid-19: मालदीव और UAE से भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के 3 युद्धपोत रवाना
मालदीव और यूएई (Maldives & UAE) में फंसे अपने नागरिकों को लाने के लिए भारत ने तीन नौसैनिक जहाज भेजे हैं जिसमें से मुंबई के तट पर तैनात आईएनएस मगर (INS Magar) के साथ आईएनएस जलाश्व (INS Jalashwa) को सोमवार रात मालदीव के लिए रवाना हुए.
नई दिल्ली.कोरोना महामारी और लॉकडाउन (lockdown) के बीच मालदीव और यूएई (Maldives and UAE) में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए नौसेना के तीन जहाज मंगलवार सुबह रवाना कर दिए गए हैं. रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि मालदीव और यूएई में फंसे अपने नागरिकों को लाने के लिए भारत ने तीन नौसैनिक जहाज भेजे हैं जिसमें से मुंबई के तट पर तैनात आईएनएस मगर (INS Magar) के साथ आईएनएस जलाश्व (INS Jalashwa) को सोमवार रात मालदीव के लिए रवाना कर दिया गया. जबकि दुबई में फंसे लोगों को लाने के लिए आईएनएस शार्दुल को भेजा गया है.
Three Navy warships have sailed out to bring back Indian citizens from Maldives and United Arab Emirates (UAE). The warships include INS Jallashwa, INS Magar and INS Shardul: Indian Navy officials (1/2) pic.twitter.com/VNE1dAdf9g
— ANI (@ANI) May 5, 2020
उन्होंने बताया कि ये तीनों जहाज कोच्चि लोटेंगे. आईएनएस मगर और आईएनएस शार्दुल दक्षिणी नौसेना कमान के जहाज हैं, जबकि आईएनएस जलाश्व पूर्वी नौसेना कमान के हैं.
1 हजार से ज्यादा लोगों की है क्षमता
आईएनएस जलाश्व में एक हजार से ज्यादा लोगों के सवार होने की क्षमता है जबकि शार्दुल और मगर से एक बार में 400 से 500 लोगों को लाया जाएगा. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बड़ी संख्या में लोगों को स्वदेश वापस लाया जाएगा.
आईएनएस जलाश्व एक पूर्व अमेरिकी नौसेना जहाज हैं, जिसे 2007 में भारतीय नौसेना द्वारा अधिग्रहित किया गया था. 16,000 टन से अधिक वजन के साथ, आईएनएस जलाश्व विमान वाहक पोतस आईएनएस विक्रमादित्य के बाद भारतीय नौसेना में दूसरा सबसे बड़ा युद्धपोत है. जलाश्व में टैंकों को ले जाने में सक्षम है और इसमें 1,000 तक सैनिक रह सकते हैं.
बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन जैसे खाड़ी में लगभग 10 अरब भारतीय रहते हैं. तीनों मुल्कों में 15 लाख भारतीय बतौर निवासी या कामगार रहते हैं. यहां तक कि इराक जैसे संघर्ष में उलझे मुल्क में भी तेल श्रमिक, ट्रक चालक वगैरह के रूप में 17,000 से अधिक भारतीय (पिछले साल का आंकड़ा) काम कर रहे हैं.