Covid-19: भारत में बढ़ा कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा, ICMR की रिपोर्ट में खुलासा
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की टीम ने 15 फरवरी और 2 अप्रैल के बीच कोविड-19 से संक्रमित 5,911 मरीजों की जांच की. इसमें से 104 मरीजों कोरोना पॉजिटिव (Coronavisus) पाए गए.
नई दिल्ली. चीन से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) का असर अब भारत में तेजी से देखने को मिल रहा है. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 6412 हो गई है, जबकि 199 लोगों की मौत हो चुकी है. इन सबके बीच इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने देश को भयानक खतरे के संकेत दिए हैं. हाल के कुछ हफ्तों में ICMR की ओर से देशभर के अलग-अलग जिलों से लिए गए कोरोना वायरस मरीजों के नमूनों और उनकी केस हिस्ट्री की जानकारी में जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन (Community Transmission) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. ICMR ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा न के बराबर है.
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की टीम ने 15 फरवरी और 2 अप्रैल के बीच कोविड-19 से संक्रमित 5,911 मरीजों की जांच की. इसमें से 104 मरीजों कोरोना पॉजिटिव पाए गए. ये सभी मरीज 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशा के 52 जिलों से थे. जांच में इन पॉजिटिव मरीजों में से 40 मरीजों ने कभी विदेश यात्रा नहीं की और न ही इनका संबंध कभी किसी विदेशी यात्री से रहा. 15 राज्यों के 36 जिलों में ऐसे मरीजों में कोरोना का संक्रमण देखने को मिला जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी.
गुजरात में 792 गंभीर रूप से बीमार लोगों की जांच की गई. इनमें से 13 मामले कोरोना पॉजिटिव पाए गए. तमिलनाडु में 577 मरीजों की जांच की गई जिसमें से 5 मरीजों में कोविड-19 सक्रिय था. महाराष्ट्र में 553 मरीजों में से 21 में कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसी तरह केरल 502 मरीजों में 1 मरीज करोना पॉजिटिव मिला.
ICMR की रिपोर्ट में कहा गया है जिन जिलों में इस तरह के मरीज ज्यादा देखने को मिल रहे हैं वहां और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. कोरोना के खतरे को लेकर ICMR ने जब 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट दी थी तब उसने कम्युनिटी ट्रांसमिशन के खतरे को पूरी तरह से नकार दिया था लेकिन अब जो रिपोर्ट सौंपी गई है वह अच्छे संकेत नहीं दे रही है.
ये तब होता है जब वायरस सोसायटी में घुसकर बहुत बड़ी संख्या में लोगों को बीमार करने लगे. कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों की मौत होने लगे. लेकिन साथ ही साथ एक बार बीमार हो चुके लोगों में इसके लिए इम्युनिटी पैदा हो जाए और आखिर में वायरस कुछ न कर सके. इसे प्रतिरक्षा का सिद्धांत कहते हैं. कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होते ही ये हालात आते ही हैं. रोग प्रतिरक्षा पैदा होने में कितना वक्त लगता है ये कई बातों पर निर्भर है. जैसे बीमारी कितनी तेजी से फैल रही है. इम्युनिटी पैदा होने में आमतौर पर 6 महीने से लेकर 1 साल का वक्त लगता है. अभी तक SARS-CoV2 के मामले में वैज्ञानिक ये बता नहीं सके हैं.
What Is Community Transmission: भारत सरकार ने यूं तो अभी तक कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसारण यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी वक्त इसकी घोषणा हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है।
क्या है लोकल ट्रांसमिशन
दूसरे चरण में लोकल ट्रांसमिशन होता है, यानी स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित शख़्स के संपर्क में आये जो विदेश यात्रा करके लौटा हो।
संक्रमण के सामुदायिक प्रसारण का क्या मतलब है?
‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ तब होता है जब कोई व्यक्ति सीधे तौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है। आसान भाषा में इस दौरान ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि इंफेक्शन कैसे लगा है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मतलब अब वायरस एक कम्युनिटी में फैल रहा है और ये उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो कभी देश से बाहर या किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिले जो इससे पीड़ित है।
कोरोना वायरस के चलते भारत का हाल
भारत में पाए गए लगभग सभी मामले ऐसे थे जिनके ट्रेवल हिस्ट्री का पता लगाया जा सका। हालांकि, कुछ ऐसे भी मामले थे जिसमें समझना मुश्किल हो गया कि आखिर व्यक्ति संक्रमित कैसे हो गया। जैसे रामपुर का रहने वाला एक 20 साल का नाई कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। इसके मामले में एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये कम्युनिटी ट्रांसमिशन का केस हो सकता है।
यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि भारत में परीक्षण धीरे-धीरे आगे बढ़ा है। ज़्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में ज़्यादा मामले इसलिए सामने नहीं आए हैं, क्योंकि यहां अभी तक पर्याप्त लोगों का परीक्षण नहीं किया गया है।
भारत ने उठाए हैं ये कदम
भारत सबसे पहले चीन से आने और जाने वाली सभी यात्राएं रद्द कर दी थीं। हालांकि, जब कोरोना वायरस के मामले दुनिया के बाकी देशों में फैलने शुरू हुए तो, भारत ने सभी फ्लाइट्स और वीज़ा पर रोक लगा दी।
आपको बता दें कि दुनियाभर में अब तक करीब 4 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं और 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 500 के करीब पहुंच गई है और मंगलवार शाम तक 9 लोगों की मौत COVID-19 की वजह से हो चुकी है। अब तक भारत में कुल 23 प्रदेशों में कोरोना संक्रमण के मरीज़ मिले हैं।
इटली, ईरान, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ़्रांस, दक्षिण कोरिया और अमरीका समेत कई अन्य समृद्ध देशों से तुलना करें तो भारत की स्थिति फ़िलहाल काफ़ी नियंत्रित दिखाई पड़ती है।