रिसर्च का दावा- भारत में असली आकड़ों से ज्यादा लोग हैं कोरोना संक्रमित
रिसर्च में दावा किया गया है कि ये वायरस (Coronavirus) चुपचाप लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. कई लोगों में इसके लक्षण भी जल्दी नहीं दिखते हैं.
रिसर्च का दावा
कम आंकड़ों की ये है वजह
रिसर्च के मुताबिक, ये आकंड़े इसलिए कम सामने आ रहे हैं क्योंकि कोरोना के लक्षण मरीजों में काफी देर से दिख रहे हैं. पता न चलने के चलते मरीजों में इसके टेस्ट नहीं हो पाते हैं. इसके अलावा हर देश में कोरोना की टेस्टिंग भी काफी कम हो रही है. शुरूआत में दुनिया के बाकी देशों की तरह भारत में भी सिर्फ उन्हीं लोगों का टेस्ट हो रहा था जो विदेश से आ रहे थे.
संक्रमित मरीजों की बढ़ने की रफ्तार
लॉकडाउन से पहले भारत में संक्रमित मरीजों का अनुपात 4 का था. लेकिन अब ये घटकर 3 पर आ पहुंचा है. यानी हर एक मरीज से औसतन 3 मरीज संक्रमित हो रहे हैं. बीमारी को फैलने से रोकने के लिए ये जरूरी है कि संक्रमित मरीजों की संख्या 1 से नीचे आ जाए. फिलहाल हर दिन तेज़ी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है.