केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में सोमवार को एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई जिससे देश में कोविड-19 से मरने वालों की कुल संख्या नौ हो गई. इससे पहले सात मौतें गुजरात, बिहार, कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र (2) में हुई थीं. मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के कुल मामले अभी तक 468 हो गये जिसमें 424 सक्रिय मामले हैं जबकि रविवार की शाम तक 329 सक्रिय मामले थे.
पूरी दुनिया में इस वायरस से अभी तक 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब साढ़े तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं. वायरस के प्रसार में तेजी को देखते हुए राज्य सरकारों ने अतिरिक्त कदम उठाने का निर्णय किया है.
देश में सबसे पहले पंजाब ने सोमवार को पूरे राज्य में कर्फ्यू लगा दिया और इससे केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सोमवार की मध्य रात्रि से पूरे राज्य में कर्फ्यू लगाया जाएगा क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई ‘‘महत्वपूर्ण मोड़’’ पर पहुंच गयी है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘कई लोग अब भी लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कृपया खुद को, अपने परिवार को बचाएं और निर्देशों का गंभीरता से पालन करें. मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि वे सुनिश्चित करें कि नियम-कानूनों का पालन हो.’’
25 मार्च से विमान सेवाएं बंद
कोरोना वायरस के प्रसार से उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए प्रयास तेज करते हुए विमानन मंत्रालय ने घोषणा की कि देश में 25 मार्च से किसी भी घरेलू यात्री विमान को उड़ान की अनुमति नहीं होगी. भारत ने रविवार से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा रखी है.
दिल्ली, झारखंड और नगालैंड ने राज्यव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है जबकि बिहार, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में इस तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. केरल, राजस्थान और उत्तराखंड सहित कई राज्यों ने पूरी तरह लॉकडाउन कर रखा है. चंडीगढ़ में संघशासित प्रशासन ने भी मध्य रात्रि से कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है.
मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के 80 जिलों में यात्रा एवं आवाजाही पर प्रतिबंध है और अधिकारियों ने 31 मार्च तक सभी यात्री रेलगाड़ियों और अंतरराज्यीय बस सेवाओं को स्थगित कर दिया है.
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई
केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर उनसे कहा है कि उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें जो लॉकडाउन के आदेशों का उल्लंघन करते पाए गए हैं. पत्र सूचना कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘राज्यों से कहा गया है कि उन इलाकों में पूरी तरह लॉकडाउन लागू करें जहां इनकी घोषणा की गई है. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’’
राष्ट्रीय राजधानी में एम्स ने विशिष्ट सेवाओं सहित अपने सभी ओपीडी, सभी नये एवं पुराने मरीजों के पंजीकरण को 24 मार्च से अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय किया है क्योंकि यह अपने संसाधनों को कोविड-19 पर नियंत्रण में लगाएगा. गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र में रविवार को एक-एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मौत हो गई जबकि इससे पहले चार मौतें कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब में हुई थी.
राज्यों के ये हैं आंकड़ें
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चार नये मामलों के साथ महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले 74 हो गए हैं जिनमें तीन विदेशी नागरिक हैं. केरल में 67 मामले हैं जिनमें सात विदेशी नागरिक हैं. कर्नाटक में कोरोना वायरस के 33 मामले सामने आए हैं . तेलंगाना में दस विदेशियों सहित ऐसे मामले बढ़कर 32 हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश में 31 पॉजिटिव मामले हैं जिनमें एक विदेशी नागरिक है. दिल्ली और गुजरात में 29- 29 मामले हैं जबकि राजस्थान में 28 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें दो विदेशी नागरिक हैं. हरियाणा में 26 मामले हैं जिनमें 14 विदेशी नागरिक हैं जबकि पंजाब में 21 मामले हैं. लद्दाख में 13 मामले हैं जबकि तमिलनाडु में नौ मामले पॉजिटिव हैं जिनमें दो विदेशी नागरिक हैं. पश्चिम बंगाल में सात मामले हैं जबकि मध्य प्रदेश में अभी तक छह मामले सामने आए हैं. चंडीगढ़ और आंध्रप्रदेश में क्रमश: छह और सात मामलों की पुष्टि हुई है, जम्मू-कश्मीर में चार मामले हैं. उत्तराखंड में तीन, बिहार, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश में दो-दो मामले जबकि पुडुचेरी और चंडीगढ़ में एक- एक मामले सामने आए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिए ये आदेश
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) ने कहा कि सोमवार की सुबह दस बजे तक 18 हजार 383 नमूनों की जांच की गई. इस बीच उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को निर्देश दिया कि उच्चस्तरीय समितियों का गठन कर कैदियों की श्रेणी निर्धारित की जाए जिन्हें पैरोल पर रिहा किया जा सके.
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जेलों में भीड़भाड़ कम करने के प्रयास के तहत उसने यह निर्देश जारी किया है. इसने कहा कि दोषी करार दिए गए या सात वर्ष जेल तक की सजा वाले कैदियों को पैरोल दिया जा सकता है. अदालत ने आदेश दिया कि कैदियों की रिहाई के लिए उच्चस्तरीय समिति को राज्य कानूनी सेवाएं अधिकारी के साथ विचार-विमर्श कर काम करना चाहिए.