Coronavirus: लॉक डाउन या हेल्थ इमरजेंसी? पीएम के संबोधन पर लग रही ये अटकलें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आज शाम 8 बजे होने वाले संबोधन से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये संबोधन हेल्थ इमरजेंसी-लॉकडाउन या कुछ और.

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों की संख्‍या 172 पर पहुंच गई. इस संक्रमण से अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे. उनके इस संबोधन से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये संबोधन हेल्थ इमरजेंसी-लॉकडाउन या कुछ और क्योंकि इस तरह का संबोधन उन्होंने नोटबंदी के दौरान भी दिया था. गौरतलब है कि वह देशवासियों से कोविड 19 से जुड़े मामलों और उससे निपटने के संबंध में बात करेंगे.

दिल्ली में चलाए जा रहे अभियान
बुधवार को पीएम मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए उच्‍चस्‍तरीय मीटिंग भी की. इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के प्रयासों की समीक्षा की गई. इस बीच नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है. गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में कोरोना से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं. दिल्ली में इस बीमारी से बचाव के लिए जागरुकता अभियान के साथ हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था भी की गई है.

31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज, स्पा, जिम सभी बंद

कोरोना वायरस के असर को देखते हुए दिल्ली के नेशनल ज्यूलॉजिकल पार्क को भी 31 मार्च तक बंद किए जाने की घोषणा कर दी गई है. वहीं, CBSE ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इसके अनुसार, प्रत्येक केंद्र अधीक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उम्मीदवार एक दूसरे से एक मीटर की दूरी पर बैठे हों और खांसी/छींकने वाले उम्मीदवारों को मास्क उपलब्ध कराया जाए.

वहीं, दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में 50 से ज्यादा लोगों की मौजूदगी की अनुमति नहीं देने की बात कही है. उधर, दिल्ली मेट्रो में लाखों लोगों हर दिन यात्रा करते हैं. जिसको देखते हुए मेट्रो स्टेशन और ट्रेन की कोचों को सैनिटाइज किय़ा जा रहा है.

ऐसे में पीएम मोदी लॉकडाउन का ऐलान कर सकते हैं साथ ही सावधान रहने की अपील भी कर सकते हैं. लोग अटकले लगा रहें है कि क्या महामारी को देखते हुए नेशनल इमरजेंसी या हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति का भी उपयोग किया जा सकता है.

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने पूछा- लॉक डाउन से क्यों हिचक रही है सरकार?

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक कुल 170 कंफर्म मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में मार्च में होने वाली बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाएं टाल दी गई हैं. कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्कूल-कॉलेज, मॉल, पब, रेस्टोरेंट्स, सिनेमा हॉल बंद 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं. लोगों को घर से काम करने की सलाह दी जा रही है. कोरोना की वजह से देश में लॉक डाउन (Lockdown) जैसे हालात बन रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सवाल किया है कि आखिर सरकार लॉक डाउन के बारे में क्यों नहीं काम करती?

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘WHO के जनरल डायरेक्टर के कल के बयान के बाद हमारे सभी कस्बों और शहरों में 2-4 सप्ताह के तत्काल लॉकडाउन का आदेश देने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए. केंद्र सरकार के फैसले से आगे कदम बढ़ाते हुए कुछ राज्यों को अपने शहरों और कस्बों को लॉकडॉउन करना चाहिए.’

कांग्रेस नेता ने आगे ट्वीट किया, ‘ चूंकि ICMR के रैंडम सैंपल परीक्षण से पता चला है कि अब तक कोई सामुदायिक ट्रांसमिशन (स्टेज 3) नहीं है, इसलिए यह अस्थायी लॉकडाउन की घोषणा करने और स्टेज 2 में बीमारी को रोकने का समय है.’

इंडियन एक्स्प्रेस को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा कि यदि देश को सुरक्षित रखना है तो हमें कई शहरों को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, जिससे कोरोना वायारस को फैलने से रोका जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक नुकसान के साथ ही गरीबों की मदद के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. पीएम ने सार्क देशों के प्रमुखों से तो बात ली लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री से लगातार संपर्क में रहना चाहिए, राज्य और केंद्र मिलकर ही इस चुनौती से निपट सकते हैं.

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