कोरोना महामारी से दम तोड़ने वालों में 47 फीसदी मरीज 60 की उम्र से कम: स्वास्थ्य मंत्रालय

COVID-19 Death: कोविड-19 संबंधी मौत के लगभग 53 प्रतिशत मामलों में लोगों की उम्र 60 साल या इससे अधिक रही. 10 प्रतिशत मामलों में 26-44 वर्ष की आयु समूह के लोग शामिल रहे. 18-25 वर्ष आयु समूह और 17 साल से कम उम्र के लोगों में एक-एक प्रतिशत मौत के मामले देखने को मिले.

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नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 (COVID-19) संबंधी मौत के 47 प्रतिशत मामलों में 60 साल से कम उम्र के लोग शामिल हैं. मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 संबंधी मौतों में 70 प्रतिशत मामले पुरुषों और 30 प्रतिशत मामले महिलाओं से संबंधित रहे हैं. भूषण ने कहा, ‘कोविड-19 संबंधी मौत के लगभग 53 प्रतिशत मामलों में लोगों की उम्र 60 साल या इससे अधिक रही. 10 प्रतिशत मामलों में 26-44 वर्ष की आयु समूह के लोग शामिल रहे. 18-25 वर्ष आयु समूह और 17 साल से कम उम्र के लोगों में एक-एक प्रतिशत मौत के मामले देखने को मिले.’

प्रति दस लाख पर कोविड-19 संक्रमण के सबसे कम मामले वाले देशों में भारत बरकरार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत ने उन देशों के बीच अपनी स्थिति बरकरार रखने में सफलता पाई है जहां प्रति दस लाख कोविड-19 संक्रमण और प्रति दस लाख मृत्यु के मामले सबसे कम हैं. पिछले पांच सप्ताह से प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट आई है. मंत्रालय ने कहा, ‘सितंबर के दूसरे सप्ताह में प्रतिदिन सामने आने वाले नए मामलों का साप्ताहिक औसत 92,830 था जो अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में घटकर 70,114 रह गया.’

पिछले चौबीस घंटे में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 55,342 मामले सामने आए. मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रति दस लाख पर कोविड-19 के मामलों की संख्या 4,794 है और भारत में संक्रमण के 5,199 मामले सामने आ रहे हैं. ब्रिटेन में 8,893, रूस में 8,992, दक्षिण अफ्रीका में 11,675, अमेरिका में 23,072 और ब्राजील में 23,911 मामले सामने आ रहे हैं जो भारत से अधिक हैं. भारत में महामारी से औसतन 79 मौतें हो रही हैं जबकि विश्व में यह औसत 138 है. मंत्रालय ने कहा, ‘जहां तक कोविड-19 की जांच की बात है भारत का स्थान शीर्ष देशों में शामिल है.’ मंत्रालय ने कहा कि सोमवार को 10,73,014 जांच की गई और अब तक 8.89 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की गई है.
कोरोना संक्रमण का असर रिकवरी के बाद भी काफी समय तक रहता है. 
वाशिंगटन. कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित होने के बाद मरीजों में कई सप्ताह एवं महीनों तक इसके लक्षण (Symptoms) नजर आते हैं और विशेषज्ञों के लिए यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है कि मरीज कितने समय बाद पूरी तरह स्वस्थ महसूस करेंगे. जिन मरीजों में संक्रमण के मामूली लक्षण होते हैं, वे जल्द ही इस बीमारी से उबर जाते हैं, लेकिन बुजुर्ग और गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को कई बार स्वस्थ होने में तीन-चार महीने भी लग जाते हैं.

दो सप्ताह से छह सप्ताह में स्वस्थ होते हैं मरीज: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि आमतौर पर मरीज दो सप्ताह से छह सप्ताह में स्वस्थ हो जाते हैं. अमेरिका के एक अध्ययन के अनुसार, मामूली लक्षण वाले जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, उनमें से 20 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिनमें संक्रमित होने के कम से कम दो सप्ताह बाद भी बीमारी के लक्षण थे.

कई मरीजों में संक्रमित होने के चार महीने बाद भी बीमारी के लक्षणइटली में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 87 प्रतिशत लोगों में संक्रमित होने के दो महीने बाद भी थकान और सांस लेने में परेशानी समेत संक्रमण के लक्षण थे. शिकागो में फेफड़ों संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ डॉ. खालिलाह गेट्स ने कहा कि उनके कई मरीजों में संक्रमित होने के चार महीने बाद भी बीमारी के लक्षण हैं.

पूरी तरह स्वस्सथ होने के बारे में बताना मुश्किल
उन्होंने कहा कि यह बताना बहुत मुश्किल है कि कोई मरीज पूरी तरह स्वस्थ कब महसूस करेगा. संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. जय वार्के ने कहा, ‘आप गंभीर बीमारी से भले ही उबर चुके हों, लेकिन जरूरी नहीं कि आप पूरी तरह स्वस्थ हो गए हों.’

 

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