कांग्रेस में अब चुनाव समिति की सदस्यता को लेकर दो फाड़, वोटिंग कराने की उठी मांग- रिपोर्ट
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखकर कांग्रेस (Congress) में बदलावों की मांग करने वाले नेताओं ने यह मांग भी की थी कि पार्टी को एक फुल टाइम और प्रभावी नेतृत्व चाहिए.
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) की शुक्रवार को हुई वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद अब पार्टी में एक नया विवाद उत्पन्न होने के संकेत मिल रहे हैं. यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि जिन नेताओं ने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस में कई नए बदलाव करने की वकालत की थी, अब उनमें केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्यों को चुनने के लिए मतदान या नामांकान कराने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में बदलावों की मांग करने वाले नेताओं ने यह मांग भी की थी कि पार्टी को एक फुल टाइम और प्रभावी नेतृत्व चाहिए. अब पार्टी के कुछ ऐसे ही लोगों ने यह बात कंफर्म की है कि कांग्रेस अध्यक्ष और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्यों को नियुक्त करने के लिए चुनाव की रूपरेखा को स्वीकार कर लिया गया है. लेकिन जब सीईसी सदस्यों के चुनाव के लिए मांग की गई थी, तब परिणामस्वरूप मनमुटाव सामने आया.
लोगों के अनुसार बैठक में सीईसी के चुनाव कराने की मांग राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने की. हालांकि चिदंबरम उन नेताओं में शामिल नहीं हैं, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. लेकिन वह सीईसी के चुनाव के समर्थन में हैं. उनका कहना है कि सीईसी सदस्य को ठीक वैसे ही चुनाव जाना चाहिए जैसे राष्ट्रपति के चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया होती है.
बैठक में चुनाव कराने संबंधी मुद्दे पर गहन चर्चा हुई. एंटनी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. इस बीच अंबिका सोनी ने भी सवाल उठाया कि इसके लिए क्या कांग्रेस के संविधान में बदलाव की जरूरत होगी तो इस पर आनंद शर्मा ने कहा इसकी जरूरत नहीं है.