CDS जनरल बिपिन रावत बोले- LAC पर भारत-चीन के बीच स्थिति तनावपूर्ण लेकिन हम नहीं स्वीकार करेंगे कोई बदलाव
CDS विपिन रावत (Bipin Rawat) ने इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय सेना को अपने हथियार और अन्य जरूरतों के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.
नई दिल्ली. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत (CDS Bipin Rawat) ने इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय सेना को अपने हथियार और अन्य जरूरतों के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें अपनी सैन्य जरूरतों के लिए लगातार प्रतिबंधों के खतरे से बाहर निकलना होगा. CDS ने शुक्रवार को नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित डायमंड जुबली वेबिनार को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने LAC का भी जिक्र किया.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा, ‘पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक सीमा रेखा (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. भारतीय बलों की प्रतिक्रिया के चलते चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को लद्दाख में अपने दुस्साहस के लिए ‘अप्रत्याशित परिणामों’ का सामना करना पड़ा. हमारी पोजीशन पर कोई सवाल नहीं है. हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे.’ पूर्व सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि बालाकोट और सर्जिकल स्ट्राइक से हमने पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश दिया है.
… & invest in building long-term indigenous capability for strategic independence & application of decisive military power to squarely meet present & emerging challenges: CDS Gen Bipin Rawat at the Diamond Jubilee Webinar – 2020 organised by National Defence College. (2/2) pic.twitter.com/Kbo4nwep2q
— ANI (@ANI) November 6, 2020
पूर्व सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि बालाकोट और सर्जिकल स्ट्राइक से हमने पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश दिया है. पाकिस्तान सशस्त्र इस्लामी विद्रोह और आतंकवाद का केंद्र. तीन दशकों से पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई जम्मू-कश्मीर में छद्म युद्ध कर रही है. अब तेजी से सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बयानबाजी शुरू हो रही है और भारत के भीतर सामाजिक भेद पैदा करने के लिए झूठी सांप्रदायिक कहानियां फैलाई जा रही हैं.
कद से साथ बढ़ रहा खतरे का अनुपात- CDS
इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता पर जोर दिया. सीएडीएस ने कहा, ‘जैसे-जैसे भारत का कद बढ़ रहा है उसी अनुपात में हमारी सुरक्षा चुनौतियां भी बढ़ेंगी. हमें अपनी सैन्य आवश्यकताओं के लिए राष्ट्रों पर प्रतिबंधों या निर्भरता के निरंतर खतरे से बाहर निकलना चाहिए.’ जनरल रावत ने कहा कि हमें रणनीतिक स्वतंत्रता और निर्णायक सैन्य शक्ति के लिए वर्तमान और उभरती चुनौतियों को पूरा करने के लिए दीर्घकालिक स्वदेशी क्षमता के निर्माण में निवेश करना होगा.