चीन जासूसी मामले में हुआ बड़ा खुलासा, PMO की यह 2 जानकारी चाहते थे जासूस, इस तरह से पहुंचानी थी चीन

गिरफ्तार लोग जानकारी इकट्ठा कर चीन भेजते लेकिन इससे पहले ही दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और जांच एजेंसियां इस नेटवर्क के लोगों तक पहुंच गईं. तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया और तीनों ही अभी तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद हैं.

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नई दिल्ली. चीन जासूसी नेटवर्क (China espionage case) से पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जासूसी मामले में पकड़ी गई युवती ने कई बड़े राज़ उजागर किए हैं. युवती ने पूछताछ में खुलासा किया है कि यह जासूसी नेटवर्क प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की कुछ अहम जानकारियां जुटाने की कोशिश में लगा हुआ था. दूसरे बड़े कार्यालय भी उसके निशाने पर थे. उसके बाद यह अहम जानकारियां चीन (China) में वहां की एक राजनीतिक पार्टी के कुछ लोगों तक पहुंचानी थीं.

पीएमओ ऑफिस की यह जानकारी चाहते थे जासूस
जांच एजेंसियां लगातार जासूसी नेटवर्क के लोगों से पूछताछ कर रही हैं. अभी तक की पूछताछ में जो खुलासा हुआ है उसके मुताबिक भारत में रहकर चीन के लिए जासूसी कर रहे यह लोग पीएम नरेंद्र मोदी कार्यालय की यह जानकारी जुटाने की कोशिश में थे कि इस ऑफिस के स्टाफ में किस पद का कौन अफसर सबसे ज़्यादा प्रभावशाली है.

साथ ही दूसरे लोगों के बारे में भी यह जानकारी लेनी थी कि कौन अधिकारी और कर्मचारी किस पद पर है और उसका कितना प्रभाव है. यह जानकारी पद ग्रेड के हिसाब से हासिल की जानी थी. इसी तरह से यही सब जानकारी दूसरे ऑफिसों से भी निकालनी थीं.

जांच एजेंसियों की गिरफ्त में आ चुकी एक महिला क्विंसी का परिचय चीनी महाबोधि टेंपल के प्रमुख मौंक ने कोलकाता की एक  प्रभावशाली महिला से कराया था. क्विंसी को उस महिला से मिली जानकारी को चीनी भाषा में ट्रांसलेट कर के चीन भेजना था. चीन में यह दस्तावेज वहां की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रभावशाली लीडर की पत्नी मिसेज डिंग और मिस्टर चाऊ को भेजे जाने थे.

इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले महीने एक पत्रकार राजीव शर्मा समेत चीनी युवती और उसके नेपाली साथी शेर बहादुर को गिरफ्तार कर चुकी है. तीनों अभी भी तिहाड़ जेल में हैं. पकड़े गए लोगों के बयान के आधार पर खुफिया एजेंसियों ने पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और कोलकाता समेत अनेक जगहों पर कई लोगों से पूछताछ की जा रही है.

 

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