आंध्र प्रदेश: तिरूमला तिरूपति देवस्थानम के 14 पुजारी कोरोना वायरस से संक्रमित
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरूमला तिरूपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams) के 14 पुजारी कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाए गए हैं, इससे पहले भी 17 कर्मचारी संक्रमित पाए जा चुके हैं.
तिरुपति (आंध्र प्रदेश). तिरूमला तिरूपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams) के लगभग 14 पुजारियों के कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने गुरुवार को मंदिर के पुजारियों, स्वास्थ्य कर्मियों और सतर्कता अधिकारियों के साथ बैठक की. बता दें तिरूमला तिरूपति में इतने केस आने का ऐसा दूसरा मामला है. इससे पहले टीटीडी के ही लगभग 17 कर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे.
इन मामलों के सामने आने के बहाद टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी ने एक आपात बैठक (Emergency Meeting) के बाद बताया था कि संक्रमित हुए लोगों में एक आर्चक (सहायक पुजारी), कुछ संगीतज्ञ (Musicians) और सुरक्षा कर्मी शामिल हैं. टीटीडी बोर्ड (TTD Board) के अध्यक्ष ने कहा था कि कोविड-19 के प्रसार (Covid-19 Spread) के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया था और इसे 11 जून को फिर से श्रद्धालुओं (Devotees) के लिये खोल दिया गया तथा प्रतिदिन सिर्फ 6,000 श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई. सभी एहतियात (precautions) बरते जा रहे हैं.
रेड्डी ने कहा था कि देश में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) तेजी से फैलने को ध्यान में रखते हुए टीटीडी ने यह तय किया है कि किसी भी परिस्थिति में 12,000 से अधिक श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
श्रद्धालु कर रहे हैं इन नियमों का पालन
पिछले महीने मंदिर में दर्शन को लेकर जारी हुए आदेश में कहा गया था कि सभी श्रद्धालुओं को मास्क (Mask) पहनने होंगे और कतार में लगने से पहले सैनेटाइज करना जरूरी होगा. TTD ने मंदिर परिसर को स्पर्श-मुक्त परिसर में बदल दिया है. जब तीर्थयात्री दर्शन लाइनों में आएंगे, तो उन्हें किसी भी चीज के लिए कहीं भी छूने की जरूरत नहीं होगी. और भक्तों को दर्शन लाइनों में कम से कम 5-6 फीट का अंतर बनाए रखना होगा.
कोविड-19 महामारी के चलते तिरुपति मंदिर 20 मार्च से बंद था. बता दें कि तिरुपति मंदिर को देश के सबसे अमीर मंदिर निकायों में से एक माना जाता है. हर महीने औसतन 200 करोड़ रुपये का राजस्व यहां मंदिर के पास आता है. जो लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से बंद हो गया था.