चीन से विवाद के बीच भारत के साथ मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल होंगे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान

Malabar Naval Drill: भारत द्वारा नौसेना युद्धाभ्यास (Naval Drill) में शामिल होने के ऑस्ट्रेलियाई अनुरोध को ऐसे समय स्वीकार किया गया जब पूर्वी लद्दाख (Northern Ladakh) में चीन के साथ सीमा (India-China Border Dispute) को लेकर तनाव बढ़ रहा है.

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नई दिल्ली. भारत (India) ने सोमवार को घोषणा की कि आगामी मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Naval Drill) में ऑस्ट्रेलिया (Austrailia) भी शामिल होगा. इसका प्रभावी अर्थ यह हुआ कि ‘क्वॉड’ या चार सदस्यीय गठबंधन के सभी सदस्य इस महा अभ्यास में शामिल होंगे. बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) और अरब सागर (Arabian Sea) में अगले महीने होने वाले वार्षिक युद्धाभ्यास में अमेरिका (America) और जापान (Japan) अन्य देश हैं जो शामिल होंगे.

भारत द्वारा नौसेना युद्धाभ्यास (Naval Drill) में शामिल होने के ऑस्ट्रेलियाई अनुरोध को ऐसे समय स्वीकार किया गया जब पूर्वी लद्दाख (Northern Ladakh) में चीन के साथ सीमा (India-China Border Dispute) को लेकर तनाव बढ़ रहा है. रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने बयान में कहा, ‘‘ भारत समुद्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है और ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की पृष्ठभूमि में मालाबार-2020 नौसेना युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (Australian Navy) की भागीदारी देखने को मिलेगी.’’

नौसेना के बीच और मजबूत होगा समन्वय
बयान में कहा गया कि युद्धाभ्यास की योजना ‘‘समुद्र में बिना संपर्क’ ढांचे के आधार पर तैयार की गई है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस अभ्यास से इसमें शिरकत करने वाले देशों की नौसेना के बीच समन्वय और मजबूत होगा.’’ हालांकि, चीन वार्षिक मालाबार युद्धाभ्यास के उद्देश्यों को लेकर सशंकित रहता है, वह महसूस करता है कि यह युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.

मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत वर्ष 1992 में अमेरिकी और भारतीय नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर हुई थी. जापान वर्ष 2015 में इस युद्धाभ्यास का स्थायी प्रतिभागी बना.

पिछले कई साल से ऑस्ट्रेलिया होना चाहता था शामिल
ऑस्ट्रेलिया पिछले कई सालों से इस युद्धाभ्यास में शामिल होने को लेकर रुचि दिखा रहा था. ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों की मंत्री मारिज पायने ने पुष्टि की कि उनका देश इस साल के अंत में अभ्यास मालाबार में भाग लेगा.

मालाबार अभ्यास के उद्देश्य को लेकर चीन को संदेह है क्योंकि उसे लगता है कि वार्षिक युद्धाभ्यास भारत का प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव रखने का प्रयास है. मालाबार अभ्यास 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच एक द्विपक्षीय कवायद के रूप में शुरू हुआ था. जापान 2015 में अभ्यास में एक स्थायी भागीदार बन गया.

ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री लिंडा रेनॉल्ड्स ने कहा, “मलबार जैसे उच्च-सैन्य अभ्यास ऑस्ट्रेलिया की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने, हमारे निकट सहयोगियों के साथ अंतर-निर्माण करने और एक खुले और समृद्ध भारत-प्रशांत का समर्थन करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.” (भाषा के इनपुट सहित)

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