क्या कोरोना वायरस के मामलों को छिपा रही है सरकार? हेल्थ मिनिस्ट्री ने दिया ये जवाब

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना (Coronavirus) के मामलों की असली संख्या नहीं छिपाई जा रही है. उन्होंने कहा, 'जहां तक भारत की बात है, तो सरकार इस मामले में 100 फीसदी ट्रांसपरेंट हैं.'

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नई दिल्ली. भारत में अब तक कोरोना वायरस (Coronavirus) के 140 कंफर्म मामले सामने आए हैं. इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने कई बड़े कदम उठाए हैं. दिल्ली समेत कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज, मॉल, सिनेमाहॉल, पब, रेस्टोरेंट वगैरह 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं. पाकिस्तान समेत अन्य देशों में कोरोना के मामलों की संख्या ज्यादा है. इस बीच कई लोग शक जता रहे हैं कि स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकार देश में कोरोना के मामलों की संख्या को अपेक्षाकृत कम करके दिखा रही है? हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज किया है.

हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना के मामलों की असली संख्या नहीं छिपाई जा रही है. उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत की बात है, तो सरकार इस मामले में 100 फीसदी पारदर्शी हैं. प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. मंगलवार शाम तक देश में कोरोना के कुल 137 कंफर्म मामले सामने आए थे. अभी तक इस वायरस से तीन लोगों की मौत हुई है.’

लव अग्रवाल ने आगे कहा, ‘हम लोगों में पैनिक नहीं क्रिएट करना चाहते हैं. जांच के नाम पर हर किसी को टेस्ट कराने के लिए नहीं कहा जा सकता. इससे पैनिक ही बढ़ेगा. हालात और खराब होंगे. वेबसाइट पर लगातार कोरोना के मामलों की संख्या अपडेट की जा रही है.’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की गाइडलाइन के मुताबिक, लैब टेस्ट सिर्फ उनका ही किया जा रहा है, जिन्हें क्वालिफाइड फिजिशियन से ऐसा करने के लिए कहा है.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार की मुख्य मेडिकल रिसर्च बॉडी ICMR ने भी कहा है कि प्राइवेट लैब में कोविड-19 की टेस्टिंग फ्री में हो. अभी तक कोरोना के फर्स्ट स्टेप की स्क्रीनिंग के लिए 1500 रुपये और एडिशनल कंफर्मेटरी टेस्ट के लिए 3000 रुपये लिए जा रहे हैं.

दरअसल, एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन के बाद भारत विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला दूसरा देश है. भारत में अभी भी स्वास्थ्य सुविधाएं सभी तक नहीं पहुंच पाई हैं. ऐसे में एक्सपर्ट का ये भी मानना है कि जांच नहीं होने के कारण संक्रमण के ज्यादा मामले सामने नहीं आ पा रहे हैं. बता दें कि भारत में जिन लोगों को खांसी, जुकाम और बुखार है, लेकिन उन्होंने हाल ही में कोई यात्रा नहीं की है; उनका टेस्ट नहीं कराया जा रहा है.

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