वो 9 दवाएं, जिनका ट्रायल भारत में कोरोना के खिलाफ चल रहा है, यहां जानिये इनके नाम

नीति आयोग (स्‍वास्‍थ्‍य) के सदस्‍य वीके पॉल ने गुरुवार को जानकारी दी कि देश की लगभग 20 नई कंपनियां कोविड 19 (Covid 19) के लिए टेस्‍ट किट बना रही हैं.

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नई दिल्‍ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. गुरुवार को इनकी कुल संख्‍या बढ़कर 1.58 लाख से ऊपर पहुंच गई है. साथ ही 4531 लोगों की जान इससे जा चुकी है. इस सबके बीच देश-दुनिया में कोविड 19 (Covid 19) के खिलाफ वैक्‍सीन और दवा विकसित करने का प्रयास जारी है. इस बीच भारत में कोरोना वायरस (Covid 19 Vaccine) के खिलाफ 9 दवाओं का ट्रायल चल रहा है. नीति आयोग (स्‍वास्‍थ्‍य) के सदस्‍य वीके पॉल ने इसकी जानकारी गुरुवार को दी.

वीके पॉल ने कहा कि देश की लगभग 20 नई कंपनियां कोविड 19 के लिए टेस्‍ट किट बना रही हैं. जुलाई तक देश में 5 लाख स्‍वदेशी किट रोजाना तैयार होंगी. उन्‍होंने जानकारी दी कि भारत कई वैक्‍सीन का ट्रायल कोविड 19 के खिलाफ कर रहा है.

ये हैं वो 9 दवाएं-

1. फैवीपेराविर (favipiravir). यह एंटी वायरल ड्रग है. यह ओरल दवा है. इसका ट्रायल हो रहा है.

2. एक पेड़ से जुड़ा एक हिंदुस्‍तानी प्रोडक्‍ट है. इसे फाइटो फार्मास्‍यूटिकल कहते हैं. इसका नाम एसीक्‍यूएच है. इसका ट्रायल सीएसआईआर की लैब से आगे बढ़ा है.

3. इटोलीजुमैब (itolizumab) दवा है. यह आर्थराइटिस में दी जाती है.

4. बीसीजी वैक्‍सीन. वीके पॉल के मुताबिक यह हमने बचपन में ली हुई है. अगर इसे हम दोबारा लें तो व्‍यक्ति का इम्‍यून सिस्‍टम बढ़ जाता है. यह इम्‍यून सिस्‍टम कोविड 19 से जंग लड़ सकता है.
5. माइक्रोबैक्‍टीरियम डब्‍ल्‍यू. यह दवा इम्‍यूनिटी बढ़ाती है.

6. अरबिडोल (arbidol).

7. रैमडिसिविर

8. कंवैसलेंट प्‍लाज्‍मा का ट्रायल आईसीएमआर की देखरेख में चल रहा है.

9. हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन दवा. यह एंटी मलेरियल दवा है. इसका इस्‍तेमाल भारत में मलेरिया के खिलाफ काफी पहले से हो रहा है.

बता दें कि नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल भी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मौजूद रहे. उन्‍होंने कहा कि कोविड 19 के खिलाफ अंतिम जंग वैक्‍सीन के जरिये ही जीती जा सकेगी. उन्‍होंने कहा कि हमारे देश में साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी संस्‍थान और फार्मा काफी मजबूत हैं.

भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर (PSA) प्रोफेसर के विजय राघवन की ओर से जानकारी दी गई कि देश में वैक्‍सीन को लेकर रिसर्च जारी है. वैक्‍सीन बनाने में 10 साल लगते हैं हम एक साल में इसे बनाना चाहते हैं. उन्‍होंने जानकारी दी कि देश में 30 समूह कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्‍सीन विकसित करने के प्रयास कर रहे हैं.

इनमें बड़ी इंडस्‍ट्री से लेकर अकादमिक संस्‍थान शामिल हैं. इन 30 में से 20 समूह बेहतर राह पर हैं. उन्‍होंने कहा कि AICTE और CSIR ने एक ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन की शुरुआत की है- यह एक हाई-एंड हैकाथॉन है, जहां छात्रों को कम्प्यूटेशनल ड्रग डिस्कवरी करने के बारे में जानकारी के साथ प्रशिक्षित किया जाता है.

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