केंद्र के खिलाफ 16 विपक्षी दलों ने खोला मोर्चा, करेंगे राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार
Tractor Parade Violence: 16 दलों ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर हुई हिंसा में केंद्र की भूमिका की जांच की मांग की है. इस संयुक्त बयान को कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना, आरजेडी, सीपीएम, आईयूएमएल, पीडीपी, एमडीएमके समेत कई दलों ने साइन किया है.
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद वपक्षी राजनीतिक दल केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ खड़े हो गए हैं. इसके अलावा 16 विपक्षी दलों ने संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) के संबोधन का बहिष्कार करने का फैसला किया है. शुक्रवार को बजट सत्र (Budget Session) का पहला दिन है, जिसमें कोविंद संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे. पार्टियों ने सरकार के नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर यह फैसला किया है.
संविधान पर बताया हमला
इस संबोधन के खिलाफ खड़े हुए विपक्षी दलों का कहना है कि सितंबर में पास हुए तीन कानून संविधान के खिलाफ हैं. दलों ने इन कानूनों के राज्य के अधिकारों पर हमला बताया है. पार्टियों की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ‘अगर वापस नहीं लिए गए, तो ये कानून एमएसपी, सरकारी खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर टिकी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के प्रभाव को खत्म करने देंगे.’
16 दलों ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा में केंद्र की भूमिका की जांच की मांग की है. इस संयुक्त बयान को कांग्रेस (Congress), एनसीपी, डीएमके, शिवसेना, आरजेडी, सीपीएम, आईयूएमएल, पीडीपी, एमडीएमके समेत कई दलों ने साइन किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है ‘हम किसानों के साथ हैं और इन कानूनों की वापसी चाहते हैं.
पार्टियों ने बयान के जरिए आरोप लगाए हैं कि कृषि कानूनों को राज्यों और किसान संगठनों से सलाह के बगैर लाया गया है. साथ ही राजनीतिक दलों ने भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. दलों ने सरकार को घमंडी कहा है. खास बात है कि बुधवार को कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दिल्ली हिंसा का जिम्मेदार बताया था.