39 के हुए धोनी / माही सबसे ज्यादा 9 बार आईपीएल फाइनल खेलने वाले पहले खिलाड़ी, कैप्टन कूल के इन 7 रिकॉर्ड्स तक पहुंचना बेहद मुश्किल
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल के 190 मैच में 42.40 की शानदार औसत से 4432 रन बनाए हैं बतौर कप्तान धोनी ने सबसे ज्यादा 104 मैच जीते, इसमें चेन्नई के लिए 99 और पुणे टीम के लिए 5 मैच शामिल
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज 39 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड (तब बिहार) के रांची में हुआ था। कैप्टन कूल धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी ऐसे कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिन्हें तोड़ना किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद मुश्किल होगा। धोनी आईपीएल में सबसे ज्यादा 9 बार फाइनल खेलने वाले अकेले खिलाड़ी हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को तीन बार विजेता भी बनाया।
धोनी ने भारत के लिए अब तक सबसे ज्यादा 200 वनडे में कप्तानी की। इसमें भारत को 110 में जीत मिली। वह दुनिया के तीसरे ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा वनडे मैचों में कप्तानी की है। माही ने 90 टेस्ट, 349 वनडे और 98 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। 2015 में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। धोनी ने अपनी कप्तानी में देश को 2007 में टी-20 और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप के अलावा 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जिताई है।
- बतौर कप्तान सबसे ज्यादा मैच जीते
धोनी ने बतौर कप्तान आईपीएल में सबसे ज्यादा 104 मैच जीते हैं। इसमें सबसे ज्यादा 99 मैच चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए जीते, जबकि 5 मैच राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स को जिताए हैं। दूसरे नंबर पर मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा हैं, जिन्होंने अपनी टीम को 104 में से 60 मैचों में जीत दिलाई है।
- 20वें ओवर में सबसे ज्यादा रन
क्रिकेट जगत में धोनी को ऐसे ही बेस्ट फिनिशर नहीं कहा जाता है। उनके रिकॉर्ड्स भी इस बात की गवाही देते हैं। धोनी ने अब तक आईपीएल में खेले 190 मैचों के आखिरी (20वें) ओवर में सबसे ज्यादा कुल 564 रन बनाए हैं। उनके बाद दूसरे नंबर पर वेस्टइंडीज के केरॉन पोलॉर्ड हैं, जिन्होंने अब तक 281 रन बनाए हैं।
- धोनी ने 5 अलग-अलग नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक लगाए
धोनी ने आईपीएल में 5 अलग-अलग नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक लगाए हैं। ऐसा करने वाले वे अकेले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2009 में दिल्ली के खिलाफ 2009 में तीन नंबर बल्लेबाजी करते हुए 37 बॉल पर 58 रन की पारी खेली थी। 2013 में चौथे नंबर पर फिर दिल्ली के खिलाफ ही अर्धशतक लगाया था। सबसे ज्यादा हॉफ सेंचुरी माही ने 5 और 6 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए लगा हैं। इनमें 2010 में पंजाब और 2018 में बेंगलुरु के खिलाफ अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, 2013 फाइनल में मुंबई के खिलाफ धोनी ने 7वें नंबर पर 45 बॉल पर 63 रन की पारी खेली थी।
- सबसे ज्यादा आउट किए
विकेटकीपर धोनी ने आईपीएल में सबसे ज्यादा 132 खिलाड़ियों को आउट किया। इस दौरान उन्होंने विकेट के पीछ 94 कैच लिए और 38 स्टंपिंग की। धोनी यह विकेट आईपीएल के 190 में से 183 मैचों में लिए हैं। उनके बाद दूसरे नंबर पर 131 विकेट के साथ दिनेश कार्तिक हैं।
- सबसे ज्यादा स्टंप आउट
विकेटकीपर धोनी के नाम आईपीएल में सबसे ज्यादा स्टंप आउट करने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने अब तक 38 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा है। इस मामले में भी उनके बाद दिनेश कार्तिक ही हैं। इस विकेटकीपर ने 30 खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया है। धोनी भारतीय टीम की ओर से खेलते हुए एक बार बल्लेबाज को 0.09 सेकंड में स्टंप आउट किया था। तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के जॉर्ज बेली को शिकार बनाया था।
- माही के नाम सबसे ज्यादा आईपीएल फाइनल खेलने का रिकॉर्ड
धोनी के नाम आईपीएल में सबसे ज्यादा 9 बार फाइनल खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। इसमें उन्होंने चेन्नई की ओर से 8 बार फाइनल खेलते हुए टीम को 3 बार खिताब भी जिताया है। एक बार उन्होंने राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स के लिए फाइनल खेला था। उनके बाद दूसरे नंबर पर चेन्नई के ही सुरेश रैना है, जिन्होंने 8 बार फाइनल खेला है।
- बतौर कप्तान सबसे ज्यादा आईपीएल मैच खेले
माही के नाम आईपीएल में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा 174 मैच खेलने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। इनमें चेन्नई के लिए 160 और पुणे के लिए 14 मैच (2016 सीजन) शामिल हैं। उनके बाद दूसरे नंबर पर गौतम गंभीर हैं, जिन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स और कोलकता नाइट राइडर्स के लिए 129 मैच में कप्तानी की है।
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज 39 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड (तब बिहार) के रांची में हुआ था। धोनी ने अपनी कप्तानी में देश को 2007 में टी-20 और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप के अलावा 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जिताई। धोनी मैदान के अंदर और बाहर हमेशा शांत नजर आते हैं। बहुत ही कम मौके होंगे, जब फैंस ने उनको गुस्से में देखा होगा। धोनी के क्लब के कोच चंचल भट्टाचार्य ने बताया कि उनके पास गुस्से को कंट्रोल करने की एक अलग कला है।
1996 से 2004 तक कमांडो क्रिकेट क्लब में धोनी के कोच रहे चंचल ने कहा कि गुस्सा आने पर धोनी अपनी नाक को टेढ़ी कर लेते हैं। वे लोगों के सामने गुस्से को जाहिर नहीं होने देते। क्लब में भी खेलते समय उनका रवैया ठीक ऐसा ही था। भास्कर ने चंचल के अलावा स्कूल टाइम के कोच केआर बनर्जी और भारतीय टीम में धोनी के साथ खेले तेज गेंदबाज मोहित शर्मा से बात की…
- धोनी क्या शुरू से अनुशासन में रहे?
चंचल: एक बार किसी गलती पर मैंने पूरी टीम को सजा दी थी। सभी खिलाड़ियों को बस की बजाय बैग लेकर दौड़ते हुए स्कूल जाने के लिए कहा था। स्कूल करीब 1 किमी दूर था। दूसरे खिलाड़ियों ने मुझसे सजा को लेकर सवाल किए थे, लेकिन धोनी बिना कुछ कहे, बैग लेकर चल दिए। हालांकि, धोनी ने गलती नहीं की थी। उससे कुछ भी कहो, वह बिना कारण पूछे उसे कर लेता था। शायद यही खासियत उसे सफलता की ओर लेकर गई।
- क्या धोनी शुरू से शांत रहते थे। उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता था?
चंचल: दूसरे बच्चों की तरह धोनी को भी गुस्सा आता था, लेकिन उसे गुस्सा काबू करने की कला आती है। वह बिना लोगों को पता चले और बगैर किसी को नुकसान पहुंचाए अपना गुस्सा अलग तरीके से जाहिर करता था। गुस्सा आने पर धोनी नाक टेढ़ी कर लेता था और थोड़ी देर में ही नॉर्मल हो जाता था। इसी आदत से वह कैप्टन कूल बन पाया।
- भारतीय टीम में आने के बाद धोनी के व्यवहार में बदलाव आया?
चंचल: धोनी के अंदर एक खूबी है कि वह किसी का भी हौसला कम नहीं करता, बल्कि बढ़ाता है। कोई व्यक्ति यह पूछता है कि क्या आप मुझे जानते हैं, तो वह यह कभी नहीं कहता कि नहीं पहचानता। भले ही वह उस व्यक्ति को न जानता हो। माही उस व्यक्ति को अनजान जैसा महसूस नहीं होने देता और बात करता है। मैदान पर भी जूनियर्स का हौसला बढ़ाते हैं।
- बतौर कप्तान धोनी की सफलता के क्या कारण रहे?
चंचल: धोनी के अंदर एक खासियत यह भी है कि वह जिस पर भरोसा करता है, तो हमेशा उसके साथ खड़ा भी रहता है। उसे पता होता है कि कैसे किसी से उसका 100% लेना है। यही कारण है कि अपनी कप्तानी में न केवल नए खिलाड़ियों को मौका दिया, बल्कि उन पर भरोसा भी किया और उनसे 100% निकलवाने में भी सफल रहा। धोनी को हमेशा से ही खुद पर भरोसा रहा है। उन्हें किस नंबर पर बल्लेबाजी करना है, यह उन्होंने क्लब क्रिकेट में भी कभी नहीं कहा। उसे बल्लेबाजी के लिए जिस भी नंबर पर भेजो, वह बगैर सवाल के चला जाता था। यही कारण है कि उसकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई इतिहास रचे।
- धोनी को स्कूल में क्रिकेट और फुटबॉल के अलावा भी कोई दूसरा खेल पसंद था?
चंचल: धोनी के बारे में सभी को यही पता है कि वे क्रिकेट और फुटबॉल ही खेलते थे, लेकिन उन्हें बैडमिंटन खेलना भी बहुत पसंद था। वे बैडमिंटन में अंडर-19 स्टेट चैम्पियनशिप भी खेल चुके हैं।
- धोनी गुस्सा कंट्रोल करने की कैपेसिटी रखते हैं: मोहित
तेज गेंदबाज मोहित शर्मा ने भास्कर से कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि माही को गुस्सा नहीं आता। दूसरे लोगों की तरह उन्हें भी गुस्सा आता है, लेकिन वे गुस्सा कंट्रोल करने की कैपेसिटी रखते हैं। वे गुस्सा होने पर किसी से कुछ नहीं कहते।’’
- ‘माही वापसी करेंगे, उनमें क्रिकेट बाकी है’
मोहित ने कहा, ‘‘धोनी में अभी क्रिकेट बाकी है। वे वापसी करेंगे और उनके फैंस एक बार फिर उन्हें टीम इंडिया से खेलते देखेंगे। माही ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है। वे नए खिलाड़ियों को सपोर्ट करते हैं और उन पर भरोसा भी जताते हैं।’’ मोहित शर्मा आईपीएल में धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल चुके हैं। भारतीय टीम में भी धोनी के साथ खेल चुके हैं।
- धोनी पूरी तरह फिट हैं: केआर बनर्जी
स्कूल टाइम के कोच केआर बनर्जी ने भास्कर से कहा, ‘‘धोनी के संन्यास को लेकर चर्चा करना ठीक नहीं है। यह उनका निजी मामला है। अभी वे पूरी तरह फिट हैं। लॉकडाउन से पहले धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस की थी। इससे उनकी फिटनेस साबित होती है। स्कूल समय की बात करें तो धोनी क्लास में हमेशा शांत ही रहते थे। ज्यादा किसी से बात नहीं करते थे। जितना पूछा जाता था, उतना ही बोलते थे। यदि वे एक बार किसी से घुल-मिल जाते थे, तो उससे बहुत मजाक भी करते थे।’’