मध्य प्रदेशः ‘हनी ट्रैप’ में फंसा अधिकारी निलंबित, कई स्थानों से जुड़े मामले के तार

पुलिस ने शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज करके बृहस्पतिवार को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था. गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था.

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इंदौरः मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप (मोहपाश) मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले इंदौर नगर निगम के एक आला अधिकारी को अनैतिक कार्य में शामिल होने के आरोप में सोमवार को पद से निलम्बित कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम प्रशासन ने इस शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह को वर्ष 1965 के मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत निलंबित किया.

 

निलंबन आदेश में कहा गया कि “अनैतिक कृत्य (हनी ट्रैप मामले) में सिंह की कथित संलिप्तता पहली नजर में अशोभनीय होने के साथ नैतिक पतन की परिचायक है. इस कारण उनकी पेशेवर कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है.”

MP Honey Trap Case: Aarti Dayal, Monica Yadav Trapped Indore Engineer Harbhajan Singh With Honey

गौरतलब है कि पुलिस ने सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज करके बृहस्पतिवार को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था. गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था. नगर निगम अफसर ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी. ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे. इस बीच, पुलिस को जांच में कुछ नये सुराग मिलने के बाद इस मामले के तार कई स्थानों से जुड़ गये हैं.

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया, “पुलिस हिरासत में गिरोह की दो महिला आरोपियों से पूछताछ की गयी है. जांच में हमें कुछ नये सुराग भी मिले हैं. इनके आधार पर हम भोपाल, राजगढ़, छतरपुर और अन्य स्थानों पर जांच को आगे बढ़ा रहे हैं.”

 

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी पता चला है कि गिरोह की महिला आरोपियों ने मोहपाश की वारदात के लिये इंदौर के दो होटलों में ठहरने के दौरान फर्जी पहचान पत्र प्रस्तुत किये थे. गौरतलब है कि गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों में शामिल आरती दयाल (29) और मोनिका यादव (18) की पुलिस हिरासत अवधि एक स्थानीय अदालत ने कल रविवार को 28 सितंबर तक के लिये बढ़ा दी थी. बाकी चार आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद हैं.

हनी ट्रैप कर निगम इंजीनियर को फंसाने वाली आरती दयाल और मोनिका से पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं। खुद को नेचुरोपेथिस्ट बताने वाली आरती छतरपुर में एक युवक के साथ लिव इन रिलेशन में थी। परिवार को पता चलने के बाद उस से अलग होकर वह भोपाल के मिनाल क्षेत्र में रहने चली गई। यहां उसकी दोस्ती श्वेता और एक अन्य ब्लैकमेलर गैंग से हो गई। पुलिस के मुताबिक, आरती ने श्वेता और उसके साथियों की चमक भरी जिंदगी देखी तो वह भी करोड़पति बनने के सपने देखने लगी। उसे जब श्वेता ने हरभजन सिंह से मिलवाया, तब तक आरती उसे फंसाने की स्क्रिप्ट तैयार कर चुकी थी।

पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पहले तो आरती ने खुद हरभजन पर डोरे डाले और रिलेशन बनाने के लिए वॉट्सएप पर कई मैसेज भेजे। दो-तीन बार इंदौर के कैफे और रेस्त्रां में मुलाकात भी की, लेकिन उसे लगा कि वीडियो बनाना आसान नहीं है तो फिर उसने इस गेम में मोनिका को शामिल किया। उसे वह समझाकर लाई कि इंजीनियर बड़ा आसामी है। मुझे पैसा और तुम्हें सरकारी नौकरी मिलेगी। इसमें आरती को लगा कि अगर धमकाने के दौरान कभी वीडियो वायरल भी हो गया तो उसकी बदनामी नहीं होगी। मोनिका को ज्यादा लोग जानते भी नहीं थे।

मोनिका-आरती के साथ रूपा थी पर हरभजन से नहीं मिली : होटल इनफिनिटी में 30 अगस्त को मोनिका व आरती के साथ रूपा अहिरवार भी आई थी। हालांकि रूपा हरभजन से नहीं मिली। वह होटल आई और किसी काम का बोलकर चली गई थी। पुलिस ने होटल श्री और इनफिनिटी को नोटिस देखकर सीसीटीवी के फुटेज मांगे हैं।

भाई को पढ़ा रही इंदौर में : पता चला है कि आरती का भाई इंदौर के एक कॉलेज में पढ़ाई करता है। रविवार को आरती की कोर्ट में पेशी के दौरान वह भी आया था। पुलिस जानकारी जुटा रही है कि आरती भाई से मिलने के लिए इंदौर आती थी तो किन-किन लोगों से मिलती थी। उसके भाई ने हरभजन सिंह को मैसेज कर बहन को छुड़वाने का आग्रह किया था।

हनी ट्रैप गैंग ने कुछ और साथियों की जानकारी दी है, लेकिन पुलिस उनकी पूरी तस्दीक करने के बाद ही आरोपी बनाएगी। अभी जिन लोगों के नाम-पते सामने आए हैं, उनको ट्रेस किया जा रहा है और पुख्ता सबूत जुटाए जाएंगे। कई बार आरोपी गलत नाम बता देते हैं इसलिए जांच के बाद ही स्थिति साफ होगी। पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि गैंग में पर्दे के पीछे कौन है।

उधर, शनिवार को एसएसपी और एसपी ने महिला थाने पहुंचकर आरती और मोनिका से पूछताछ की, लेकिन निगम इंजीनियर हरभजन सिंह के अलावा किसी भी नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। दो दिन से रिमांड पर आई दोनों श्वेता जैन और बरखा साेनी से एटीएस पूछताछ कर रही थी तो कोई भी अफसर वहां नहीं जा रहा था। जैसे ही तीनों जेल गईं तो महिला थाने पर लगी पाबंदियां हटा लीं। एटीएस भी दोनों श्वेता और बरखा पर टारगेट कर रही है, क्योंकि उनसे अहम जानकारियां मिली है।

क्राइम ब्रांच छतरपुर पहुंची, आरती के परिजन गायब

इस बीच इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम आरती दयाल की जानकारी जुटाने छतरपुर पहुंची। आरती की गिरफ्तारी के बाद से ही उसका परिवार लापता है। उधर, आरती और मोनिका का रविवार को रिमांड खत्म हो रहा है। पुलिस को हरभजन के मामले में जितनी पूछताछ करना थी, वह सब की जा चुकी है। अब पुलिस सिर्फ औपचारिकता के नाते रिमांड मांगेगी।

मोबाइल रातभर चालू रखा, ताकि संपर्कों का पता चले

तीनों को भोपाल से पकड़ा था तो श्वेता विजय जैन का मोबाइल चालू था। उसका मोबाइल अगले दिन सुबह 9 बजे बाद बंद हुआ। अफसरों का कहना है हम जांच रहे थे कि उसे कितने फोन आते हैं। कुछ फोन की जानकारी खंगाली भी जा रही है। उधर, पुलिस जब तीनों को भोपाल से इंदौर लेकर आई तो विजयनगर के बाद गाड़ी का रूट बदल लिया था। उसे पाटनीपुरा होते हुए टर्न कर महिला थाने लाया गया था। पुलिस को पता चला था कि एक कार उनका पीछा कर रही है।

जिला जेल की अलग-अलग बैरक में रखा तीनों महिला आरोपियों को

लग्जरी लाइफ जीने वाली श्वेता जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी को शुक्रवार रात जिला जेल की अलग-अलग बैरकों में भेज दिया गया। सुबह भी वे आपस में बात नहीं कर पाईं। जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी के अनुसार तीनों को बता दिया है कि यहां रौब नहीं चलेगा। शनिवार को उनके सारे कागजात बनाए गए, जिसके चलते किसी को भी मिलने की परमिशन नहीं दी गई थी। किसी के भी परिजन ने जेल में मुलाकात के लिए वक्त नहीं मांगा है।

पूर्व गृह मंत्री बोले- मैं श्वेता जैन को नहीं जानता, सीबीआई जांच हो

शनिवार को इंदौर आए पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह से मीडिया ने जब पूछा कि सागर के किसी नेता का नाम भी मामले में आ रहा है। क्या आरोपी श्वेता जैन कभी आपके संपर्क में रही। इस पर उन्होंने कहा कि मैं श्वेता जैन काे नहीं जानता। मेरा सरकार से कहना है कि सीबीआई जांच हो और हर वह नाम सार्वजनिक किया जाए जो सीधे मामले से जुड़ा है। वहीं, गिरफ्तारी के बाद तत्काल जमानत के लिए श्वेता पति स्वप्निल की ओर से अमरसिंह राठौर व श्वेता पति विजय की ओर से धर्मेंद्र गुर्जर ने जमानत अर्जी दायर की। इस पर सुनवाई सोमवार को होगी।

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