वीडियो वायरल होने के बाद थोरबुंग बना जंग का मैदान:असम राइफल्स के कैंप के पास अटैक, कुकी मोर्टार से हमला कर रहे

लगातार फायरिंग की वजह से मैतेई और कुकी दोनों साइड के बंकरों पर आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है। यहां बफर जोन बनाने की कोशिश चल रही है।

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इंफाल. 19 जुलाई को 2 कुकी महिलाओं की निर्वस्त्र परेड का वीडियो वायरल होने के बाद से मणिपुर के थोरबुंग में फिर हिंसा शुरू हो गई है। बीते 6 दिन से इलाके में लगातार फायरिंग जारी है। सिर्फ फायरिंग ही नहीं मोर्टार से हमला किया जा रहा है।

घरों और रिलीफ कैंप की टीन की छतें छलनी हो गई है, गलियों में बुलेट्स के सैकड़ों शेल बिखरे पड़े हैं। 28 जुलाई को हम मौके पर थे, तब भी फायरिंग होती रही।

लगातार फायरिंग की वजह से मैतेई और कुकी दोनों साइड के बंकरों पर आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है। यहां बफर जोन बनाने की कोशिश चल रही है।
लगातार फायरिंग की वजह से मैतेई और कुकी दोनों साइड के बंकरों पर आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है। यहां बफर जोन बनाने की कोशिश चल रही है।

थोरबुंग के कांगवे में ही असम राइफल्स का कैंप है, ताज्जुब की बात है कि यहां से सिर्फ 30 मीटर दूर 27 जुलाई की रात 3 घरों में आग लगा दी गई। जहां आग लगी है, वहां से कुछ दूरी पर एक पेड़ की आड़ बनाकर फायरिंग की गई। हमें यहां कई बुलेट शेल्स मिले। एक दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में। खुद देख लीजिए..

गोलियों के ये शेल्स सड़कों पर बिखरे मिले। इनमें इनसास और AK 47 जैसी राइफलों के शेल्स भी हैं।
गोलियों के ये शेल्स सड़कों पर बिखरे मिले। इनमें इनसास और AK 47 जैसी राइफलों के शेल्स भी हैं।

कांगवे गांव के रहने वाले खोएबे बताते हैं कि पिछले 6 दिन से फायरिंग चल रही है। मैं अपना घर छोड़कर पास के एक रिफ्यूजी कैंप में शिफ्ट हो चुका हूं। मेरे घर से असम राइफल्स का कैंप सिर्फ 30-35 मीटर की दूरी पर है, लेकिन बीती रात कुकी लोगों ने जोरदार फायरिंग की। मेरे घर को छलनी कर दिया है। पूरे घर की दीवारों पर गोलियों के निशान हैं।

मोर्टार के हमलों से घर की छतों में छेद हो गए हैं। इसी तरह के हमले में पुओगाकचाओ इखाई गांव में 26 जुलाई को 18 साल के लड़के की मौत हो गई।
मोर्टार के हमलों से घर की छतों में छेद हो गए हैं। इसी तरह के हमले में पुओगाकचाओ इखाई गांव में 26 जुलाई को 18 साल के लड़के की मौत हो गई।

थोरबुंग में पड़ने वाले पुओगाकचाओ इखाई गांव में 26 जुलाई का रात भयानक रही। पूरी रात फायरिंग हुई। ये मैतेई आबादी वाला गांव है। घरों से लोगों खौफ की वजह से पलायन कर चुके हैं। 18 साल का लोंगजाम नाओचा 26 जुलाई की रात घर में सो रहा था।

नाओचा के घर की छत टीन की थी, रात में एक मोर्टार छत से छेद करते हुए घुसा। नाओचा के बिस्तर से सिर्फ 2 मीटर की दूरी पर ये मोर्टार गिरा। नाओचा जिस तकिए पर सिर रखकर सो रहा था, वो खून से भीग गया। परिवार वाले उसे लेकर अस्पताल भागे, लेकिन नाओचा दम तोड़ चुका था।

लोंगजाम नाओचा इसी जगह सोया था, तभी ऊपर से मोर्टार आकर गिरा। इसके छर्रे नाओचा के सिर में घुस गए।
लोंगजाम नाओचा इसी जगह सोया था, तभी ऊपर से मोर्टार आकर गिरा। इसके छर्रे नाओचा के सिर में घुस गए।

गांव की मुखिया चमखनानबी कहती हैं, ‘पिछले 6 दिन से हम सो नहीं पा रहे हैं। सोएंगे भी कैसे, जब घरों के ऊपर फायरिंग हो रही है, मोर्टार दागे जा रहे हैं। मेरे गांव के लड़के की मौत हो गई। इसके बाद हमने तय किया है कि गांव छोड़कर कुछ दूर बने रिलीफ कैंप जाएंगे।’

‘हमने शुरू में सोचा कि ये फायरिंग एक-दो दिन में रुक जाएगी, लेकिन ये सब नहीं रुक रहा। सुरक्षाबल के जवान हमारे घर के बिल्कुल पास हैं, लेकिन फिर भी कुकी लोग हमारे घर के इतने पास तक कैसे पहुंच पा रहे हैं।’

कांगवे गांव के लगभग सभी लोग रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। आसपास सुरक्षाबलों के कैंप हैं, इसलिए वे सुरक्षित हैं, पर मोर्टार हमलों का खतरा बना रहता है।
कांगवे गांव के लगभग सभी लोग रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। आसपास सुरक्षाबलों के कैंप हैं, इसलिए वे सुरक्षित हैं, पर मोर्टार हमलों का खतरा बना रहता है।

रिलीफ कैंप की छत गोलियों से छलनी हो चुकी है। रिलीफ कैंप में अब भी एक जिंदा मोर्टार शेल छत पर अटका हुआ है। रिलीफ कैंप की छत फाड़ते हुए ये शेल घुसा और कमरे में पंखा लटकाने वाले हिस्से में जाकर फंस गया। अभी मणिपुर पुलिस की टीम बम निरोधक दस्ते का इंतजार कर रही है।

गांव के कम्युनिटी हॉल में सुरक्षाबलों ने कैंप बनाया हुआ है। हमला होने पर जवान तुरंत पोजिशन लेते हैं और गांववालों को सुरक्षित जगह पहुंचाते हैं।
गांव के कम्युनिटी हॉल में सुरक्षाबलों ने कैंप बनाया हुआ है। हमला होने पर जवान तुरंत पोजिशन लेते हैं और गांववालों को सुरक्षित जगह पहुंचाते हैं।

इस कैंप में रहने वाले लोग दूसरे रिलीफ कैंप में जाने को मजबूर हो गए। लोग बताते हैं कि हमलावर कैंप से 20 मीटर की दूरी तक आ चुके थे। पहले रात में हमले होते थे, अब दिन में भी ये सब शुरू हो गया है।

हम पुओगाकचाओ इखाई गांव से टेराखोंगशानबी गांव की तरफ बढ़ रहे थे। ये बफर जोन के और ज्यादा नजदीक था। तभी जोरदार फायरिंग की आवाज आई। हम और हमारे साथ मौजूद लोग नीचे झुक गए। पास में खड़े सुरक्षाबलों के जवानों ने पोजिशन ले ली।

दीवार की आड़ बनाकर हम थोड़ी देर खड़े रहे। हमें सलाह दी गई कि इस इलाके को छोड़कर मेन रोड की तरफ चले जाएं। ये अंदरूनी इलाका था और चारों तरफ घना पहाड़, बचते-बचाते हम मेन रोड की तरफ बढ़े।

कांगवे गांव में 26 जुलाई की रात भीड़ ने घरों में आग लगा दी। बात सिर्फ आगजनी पर नहीं रुकी, आग लगाने आए लोगों ने फायरिंग की और कई घंटों तक इलाके को घेरे रखा।

बिष्णुपुर के एडिशनल एसपी सत्यम ने बताया, ‘दूसरी साइड से लगातार फायरिंग हो रही है। वायरल वीडियो वाले केस के बाद से ये ज्यादा बढ़ गया है। पिछले 3-4 दिन तो बहुत ही मुश्किल भरे रहे हैं।’

‘फायरिंग और शेलिंग 4 दिन से बढ़ गई है। हाइकोल की तरफ से पुलिस स्टेशन पर फायरिंग हो रही है। बीते दिन पुलिस स्टेशन के अंदर 4 बम ब्लास्ट हुए थे। उसके एक दिन पहले भी पुलिस स्टेशन में बम ब्लास्ट हुआ था।’

‘दूसरी तरफ से सॉफेस्टिकेटेड वेपन से फायरिंग हो रही है। AK सीरीज की राइफल्स, 3 नॉट 3, SLR, जी3, जी2 जैसे विदेशी हथियारों से फायरिंग की जा रही है।’

ये मोर्टार पॉम्पी गन से फायर किए जाते हैं। जब फायर किया जाता है, तब साथ में बहुत सारे छर्रे और दूसरे मेटल साथ में आते हैं।
ये मोर्टार पॉम्पी गन से फायर किए जाते हैं। जब फायर किया जाता है, तब साथ में बहुत सारे छर्रे और दूसरे मेटल साथ में आते हैं।

इप्रोवाइज्ड मोर्टार दिखाते हुए एडिशनल SP ऑपरेशन अमरजीत बताते हैं कि ये गांव के लोगों के बनाए मोर्टार हैं। ये छतों-दीवारों को फाड़ते हुए आगे बढ़ते हैं और ब्लास्ट करते हैं।

लोगों के पास हमने नाइट विजन बाइनाकुलर भी देखे। ये सिर्फ ऑटोमैटिक हथियार में ही लगाए जा सकते हैं। हमने ये कुकी और मैतेई दोनों ही इलाकों में देखे। कुकी पहाड़ों से घाटी में बने मैतेई घरों की निगरानी करते हैं और मैतेई अपने घरों से पहाड़ों पर कुकी कैंपों पर नजर बनाए रखते हैं।

नाइट विजन बाइनाकुलर एक-दूसरे पर नजर रखने में इस्तेमाल हो रहे हैं। आम लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर सकते, लेकिन थोरबुंग के लोगों में ये आम हो चुके हैं।
नाइट विजन बाइनाकुलर एक-दूसरे पर नजर रखने में इस्तेमाल हो रहे हैं। आम लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर सकते, लेकिन थोरबुंग के लोगों में ये आम हो चुके हैं।

हिंसा शुरू हुए तीन महीने होने को, अभी भी कोई हल नहीं
मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। हालात तब और बिगड़ गए जब 19 जुलाई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल हुआ। ये घटना 4 मई की थी। वीडियो देख लोगों में गुस्सा और बढ़ गया। पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें एक नाबालिग है।

इसी दिन एक और घटना घटी थी। इसमें दो लड़कियों का रेप कर हत्या कर दी गई थी। ये घटना कांगपोकपी जिले के कोनुंग ममांग इलाके में हुई थी, यह जगह दूसरे घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर है।

इन घटनाओं को लेकर PM नरेंद्र मोदी ने अपना गुस्सा जाहिर किया। वहीं, CM बीरेन सिंह ने दोषियों को फांसी देने की बात की। उधर, 21 जुलाई को मणिपुर के चुराचांदपुर में हजारों लोगों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने मशाल निकालकर मार्च किया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, CM बीरेन सिंह ने राज्य में सिर्फ एक रेप केस दर्ज होने की बात कही है। उन्होंने कहा- हिंसा के दौरान 6068 मामले दर्ज हुए। 4 मई को दो लड़कियों के साथ रेप की घटना से इनकार कर दिया। CM ने कहा- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई।

कुकी समुदाय के लोगों ने मणिपुर हिंसा के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। वे राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे थे।
कुकी समुदाय के लोगों ने मणिपुर हिंसा के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। वे राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे थे।

विपक्ष के सांसद जा रहे हैं मणिपुर
विपक्षी पार्टियों के दल I.N.D.I.A. के 20 सांसद इसी हफ्ते वीकेंड पर मणिपुर जा रहे हैं। ये लोग राज्य में हालात का जायजा लेंगे और वहां से लौटकर सरकार और संसद से मणिपुर समस्या के हल को लेकर सिफारिश करेंगे।

वहीं, विपक्षी सांसदों के मणिपुर जाने से पहले लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मणिपुर मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की है।

गोगोई के मुताबिक- BJP चाहती है कि मणिपुर में सब अच्छा-अच्छा ही दिखाया जाए, लेकिन वहां लगातार हिंसा हो रही है। इसलिए हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जांच करें कि कैसे वहां राज्य सरकार नाकाम रही। वहां लोगों को इतनी तादाद में हथियार कहां से मिले और प्रशासन क्या कर रहा है।

ये 20 सांसद जा रहे मणिपुर
अधीर रंजन चौधरी- कांग्रेस
गौरव गोगोई- कांग्रेस
फूलो देवी नेताम- कांग्रेस
सुष्मिता देव-TMC
महुआ माझी- JMM
कनिमोझी- DMK
मोहम्मद फैजल- NCP
जयंत चौधरी- RLD
मनोज कुमार झा- RJD
एनके प्रेमचंद्रन- RSP
टी थिरुमावलन- VCK
राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह- JDU
अनील प्रसाद हेगड़े- JDU
एए रहीम- CPI(M)
संतोष कुमार- CPI
जावेद अली खान- सपा
ईटी मोहम्मद बशीर- IML
सुशील गुप्ता- आम आदमी पार्टी
अरविंद सावंत- शिवसेना (उद्धव गुट)
डी रविकुमार- DMK

सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर मामले की सुनवाई टली
इस बीच, मणिपुर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार यानी 28 जुलाई को होने वाली सुनवाई टल गई है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच को करनी थी, लेकिन वे तबीयत खराब होने से कोर्ट नहीं आए। इस वजह से जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने लंबित मामलों की सुनवाई नहीं हुई।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार, 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर बताया कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है। गृह मंत्रालय ने कोर्ट से इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने की अपील की है।

इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना का वीडियो जिस मोबाइल से बनाया गया था, उसे भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने CBI को मोबाइल सौंप दिया है। वीडियो शूट करने वाले शख्स को भी अरेस्ट कर लिया गया है।

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