धारावी मॉडल विवाद: RSS क्रेडिट के लिए काम नहीं करता है, BJP के ट्रोल करते हैं- आदित्य ठाकरे

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से लड़ने में धारावी (Dharavi) की सफलता का श्रेय लेने के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी मौजूदा विवाद (current controversy) की पृष्ठभूमि में आया उनका बयान महत्वपूर्ण है.

मुम्बई. न्यूज 18 को दिए एक तेज-तर्राक साक्षात्कार में, महाराष्ट्र (Maharashtra) के कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने बुधवार को एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी में आरएसएस (RSS) के स्वैच्छिक काम (voluntary work) के लिए श्रेय लेने के लिए भाजपा (BJP) की आलोचना की है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मिशन धारावी (Dharavi) में सबसे आगे एजेंसी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) थी और अन्य सभी गैर-सरकारी संगठन (NGOs) परिधीय रूप से काम कर रहे थे. कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में धारावी (Dharavi) की सफलता का श्रेय लेने के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी मौजूदा विवाद (current controversy) की पृष्ठभूमि में आया उनका बयान महत्वपूर्ण है.

‘मैं विवाद में नहीं पड़ना चाहता, इंसान किस संगठन से जुड़ा इसकी बहस में शामिल नहीं’

यह पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस ने वास्तव में धारावी में काम किया है और श्रेय के लिए चल रही लड़ाई के बारे में उनका क्या सोचना है, ठाकरे ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि आरएसएस (RSS) क्रेडिट के लिए काम करता है. यह भाजपा के ट्रोल हैं जो ऐसा कर रहे हैं. लेकिन उन्हें पहले यह तय करने की आवश्यकता है कि क्या वे धारावी मॉडल की सफलता का श्रेय लेना चाहते हैं, या वे सरकार को उसकी विफलता के बारे में बताना चाहते हैं.”

ठाकरे ने कहा कि वह किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते थे. उन्होंने कहा, “अगर एक इंसान दूसरे इंसान की सेवा कर रहा है, तो यह अच्छी बात है. मैं इस बहस में शामिल नहीं होना चाहता कि वह इंसान किस संगठन से जुड़ा है. जो भी लोगों के लिए काम कर रहा है, वह एक नेक काम कर रहा है.”

अगर RSS इस लड़ाई में इतना महत्वपूर्ण है तो नागपुर में मामले क्यों: राजू शेट्टी
ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने न्यूज 18 से कहा, “इस सरकार को जहां जरूरी हो, वहां श्रेय देने के लिए बड़े दिन वाला होना चाहिए. संघ इस साल 100 साल पूरे करेगा. उन्होंने कभी किसी चीज के लिए श्रेय नहीं मांगा. वे उस काम के बारे में भी नहीं बताते हैं जो वे करते हैं. लेकिन स्वयंसेवकों के रूप में, हमें लगता है कि संघ (RSS) को इसका श्रेय मिलना चाहिए. हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम केवल धारावी या अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. कई अन्य आध्यात्मिक संगठन इसमें शामिल थे, टाटा ट्रस्ट भी था. बेशक, सरकार के पास उपलब्ध संसाधनों के चलते, सरकार हमेशा सबसे सबसे बड़ी खिलाड़ी या योगदानकर्ता होगी. हम इसे कभी चुनौती नहीं दे सकते. लेकिन जहां जरूरी हो, वहां खुलकर श्रेय दिया जाना चाहिए. मुझे खुशी है कि संजय राउत ने यह उदारता दिखाई. उन्होंने कहा कि अच्छा है कि आरएसएस (RSS) ने धारावी में काम किया. हम बस यह चाहते हैं कि इसकी स्वीकृति मिले.”

इस मुद्दे ने महाराष्ट्र में हलचल मचा दी है. जहां कई नेता कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आरएसएस के योगदान पर सवाल उठाने के लिए मैदान में कूद गए हैं. हाल ही में, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन नेता राजू शेट्टी ने पूछा कि अगर आरएसएस इसके खिलाफ लड़ाई में इतना महत्वपूर्ण होता तो नागपुर में कोरोना वायरस क्यों होता. आरएसएस का मुख्यालय नागपुर में स्थित है.

 

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