जान जोखिम में डाल सीमेंट मिक्सर मशीन में छुपकर यात्रा कर रहे थे 18 मजदूर, चालक के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस ने इन सभी मजदूरों को एक स्थानीय व्यवस्था के माध्यम से रिजॉर्ट (Resort) में ठहराया जहां इनके भोजन के अतिरिक्त स्वास्थ्य परीक्षण का इंतजाम करवाया गया. वहीं वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया और वाहन भी जब्त लिया.

इंदौर. सोमवार से देश भर में लॉकडाउन (Lockdown) का तीसरा चरण प्रारम्भ हो जाएगा. वहीं कई ऐसे लोग हैं जो पहले से ही अपने घरों से दूर हैं और लॉकडाउन के कारण घर वापस नहीं आ पा रहे हैं. खासकर वह वर्ग जो प्रतिदन कमाने खाने को मजबूर था. ऐसे में उनका हाल इतना बुरा हो गया है कि वे अपनी जान तक जोखिम में डाल रहे हैं. शनिवार दोपहर में इंदौर उज्जैन मार्ग पर एक सीमेंट मिक्सर मशीन को रोका गया तो पुलिस वालों को एकदम से झटका लगा. दरअसल, इस गाड़ी में कई लोग छुपकर और अपनी जान को जोखिम में डाल कर सफर (Travel) कर रहे थे.

दरअसल, पुलिस ने जब वाहन को रोककर चालक से आने-जाने की वजह पूछी तो उसने आपातकाल सर्विस का बहाना बनाया. लेकिन पुलिस को उसकी बात पर भरोसा नहीं हुआ. लिहाजा सख्ती से पूछताछ हुई तो वह घबरा गया. इसके बाद शंका होते ही पुलिस ने मिक्सर पेनल की पड़ताल की तो हलचल स्पष्ट समझ आ गई. पुलिस ने पेनल में छुपे लोगों को बाहर निकलने को कहा, और छोटे से द्वार से ही एक के बाद एक करके कुल 18 मजदूर बाहर निकले. ये सभी मजदूर महाराष्ट्र से लखनऊ जा रहे थे.

रिजॉर्ट में ठहराया मजदूरों को
पुलिस ने इन सभी मजदूरों को एक स्थानीय व्यवस्था के माध्यम से रिजॉर्ट में ठहराया जहां इनके भोजन के अतिरिक्त स्वास्थ्य परीक्षण का इंतजाम करवाया गया. वहीं वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया और वाहन भी जब्त लिया. गौरतलब है कि मजदूरों की भी बेहद मजबूरी रही होगी अन्यथा 40 डिग्री से अधिक के पारे की गर्मी में लोहे के सीमेंट मिक्सर मशीन में कौन हजारों किलोमीटर का सफर करता है. हालांकि मजदूरों का यह कदम बेहद घातक भी साबित हो सकता था.

इंदौर में पकड़ लिया जाता है

यातायात विभाग के डीएसपी उमाकांत चौधरी के मुताबिक उनकी अलग अलग टीम इंदौर की विभिन्न सीमाओं पर चेकिंग के लिए तैनात रहती है. इस दौरान कई ऐसे लोग मिलते हैं जो की छुपकर सफर कर रहे होते हैं. वे लोग किसी भी शहर में पुलिस को चकमा दे दें लेकिन इंदौर में उन्हें पकड़ ही लिया जाता है. अब तक एक हजार से अधिक लोगों को पकड़ा जा चुका है और वाहन चालकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है.

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