MP: कांग्रेस नेता उमंग सिंघार का आरोप, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 50 करोड़ और मंत्री पद का दिया था ऑफर

Madhya Pradesh By Election 2020: मध्य प्रदेश में उपचुनाव की हलचल के बीच पूर्व मंत्री उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने एक बड़ा बयान दिया है. सिंघार का आरोप है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने उन्हें 50 करोड़ और मंत्री पद का ऑफर दिया था.

धार. मध्य प्रदेश में उपचुनाव (MP By Election 2020) से ठीक पहले नेताओं की बयानबाजी और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जमकर जारी है. अब धार के बदनावर में पूर्व मंत्री उमंग सिंघार (Umang Singhar) के भाजपा (BJP) ज्वाइन करने के लिए आए ऑफर पर दिए बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है. उमंग सिंघार ने एक प्रेस वार्ता कर खुलासा किया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने उन्हें 50 करोड़ और मंत्री पद का ऑफर दिया था.

दरअसल, इस बयान के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ऑफर देने वाले का नाम सार्वजनिक करने की बात कही थी. इसी के चलते शनिवार को उमंग सिंघार ने इस बात का खुलासा किया कि उन्हें भाजपा में आने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 50 करोड़ रूपए देने का और मंत्री पद से नवाजे जाने की बात कहीं थी. उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि मैंने उस समय सिंधिया को कहा था कि मेरे लिए सिद्धांत महत्वपूर्ण है ,पद प्रतिष्ठा महत्वपूर्ण नहीं है.

इस कांग्रेस प्रत्याशी ने कराया स्टिंग ऑपरेशन

सांवेर उपचुनाव में कांग्रेस ने अब ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो केन्द्रीय चुनाव पर्यवेक्षक रुपवंत सिंह को सौंपा है. इसमें दावा किया गया है कि रात के वक्त ईवीएम की सुरक्षा के लिए कोई अधिकारी, कर्मचारी या सुरक्षा गार्ड नेहरू स्टेडियम में मौजूद नहीं था. कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू, उनकी एजेंट रश्मि बौरासी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव ने रात का नेहरू स्टेडियम का वीडियो मीडिया को भी जारी किया है.

प्रेमचंद गुड्डू का कहना है कि रात में नेहरू स्टेडियम में रखी ईवीएम की सुरक्षा के लिए कोई मौजूद नहीं था. स्टेडियम के मुख्य द्वार से लेकर आगे तक सारे दरवाजे खुले हुए थे. वहां सुरक्षा के ठोस प्रबंध नहीं थे. निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे भी बंद थे. ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खडे़ हो रहे हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के पास सिर्फ शिकायतों के अलावा कुछ बचा नहीं है.

कमलनाथ ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ  ने उच्च न्यायालय (Supreme Court) का रूख कर, निर्वाचन आयोग  द्वारा उनका ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा रद्द किए जाने संबंधी फैसले को चुनौती दी है. चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ का ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द कर दिया था.

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