भोपाल.मध्य प्रदेश की कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. बीजेपी पर कांग्रेस के विधायकों को मानेसर स्थित ITC मौर्या होटल में आरोप लगा है. इस बीच, सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि इन सभी विधायकों को कर्नाटक (Karnataka) के एक रिजॉर्ट में शिफ्ट किया जा सकता है. बता दें कि मानेसर में विधायकों के होने की सूचना मिलने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पार्टी नेता जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह के साथ होटल पहुंच गए थे. मंगलवार देर रात को वहां हंगामा भी हुआ. ऐसे में अब होटल में बाकी बचे विधायकों को कर्नाटक शिफ्ट करने की खबर सामने आई है.
वहीं, सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Shivraj Singh) चौहान बुधवार को दिल्ली में भारतीय जानता पार्टी के राष्ट्रय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात कर सकते हैं. इस खबर ने एमपी की सियासत में भूचाल ला दिया है. फिलहाल यह बताया जा रहा है कि कांग्रेस के चार विधायक अभी भी मानेसर स्थित होटल आईटीसी मौर्य में हैं.
जानें विधानसभा की गणित
मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 231 सीटें हैं. ऐसे में सरकार बनाने के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है. कांग्रेस के पास 111 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 107 है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी के दो एमएलए हैं. लिहाजा, यदि भाजपा चार से पांच विधायक भी तोड़ लेती है तो कांग्रेस की सरकार मुश्किल में आ सकती है. बावजूद इसके बीजेपी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 9 विधायकों की और जरूरत होगी.
हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
बता दें कि कांग्रेस ने बीजेपी पर मध्य प्रदेशकी कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में 10 से 11 विधायकों को रखा था. उन्होंने दावा किया कि इनमें से छह से सात विधायकों को बीजेपी के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है. दिग्विजय सिंह ने बताया कि अब सिर्फ चार विधायक ही भाजपा के पास है. हालांकि, दिग्जिवय सिंह और कमलनाथ सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह को सिर्फ BSP की निष्कासित विधायक रमाबाई के साथ ही लौटते हुए देखा गया. इस सबके बीच गुरुग्राम में रात भर सियासी ड्रामा चला. जानकारी के मुताबिक, नरोत्तम मिश्रा पांच विधायकों के साथ होटल में रुके थे.