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5 साल सीएम रहने के बाद कांग्रेस के वसंत राव नाइक ने 1972 में विधानसभा चुनाव जीता और दोबारा मुख्यमंत्री बने
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2014 में देवेंद्र फडणवीस सीएम बने, इस बार भी वही भाजपा-शिवसेना गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। रुझानों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन 156 और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन 98 सीटों पर आगे चल रहा है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 सीटें चाहिए। रुझानों के हिसाब से भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिल चुका है।
इन चुनावों में भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। नतीजे भाजपा-शिवसेना के पक्ष में रहे तो देवेंद्र फडणवीस दोबारा मुख्यमंत्री बन सकते हैं। ऐसा होता है तो वे कांग्रेस के वसंत राव नाइक के 47 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। महाराष्ट्र में सिर्फ नाइक ही ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्ता में वापसी की। अगर बात चुनाव प्रचार की करें तो भाजपा-शिवसेना की रैलियों का आंकड़ा 400 के पार है। वहीं, कांग्रेस-राकांपा ने इसके मुकाबले करीब आधी ही रैलियां कीं।
अपडेट्स
- मुंबई की वर्ली सीट से शिवसेना के आदित्य ठाकरे आगे चल रहे हैं।
- नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आगे चल रहे हैं।
- पर्ली सीट से कांग्रेस के धनंजय मुंडे आगे चल रहे हैं, भाजपा की पंकजा मुंडे पीछे चल रही हैं।
- शिरडी से भाजपा के राधाकृष्ण विखे पाटिल आगे चल रहे हैं।
- बारामती से राकांपा के अजित पवार आगे चल रहे हैं।
- कणकवली सीट से भाजपा के नितेश राणे आगे चल रह हैं।
- नालासोपारा से शिवसेना के प्रदीप शर्मा पीछे चल रहे हैं।
- सोलापुर सेंट्रल सीट से कांग्रेस की परणीति शिंदे पीछे चल रही हैं। परणीति पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं।
नाइक लगातार दो बार मुख्यमंत्री बने
1967 के चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद वसंत राव नाइक मुख्यमंत्री बने और कार्यकाल पूरा किया। 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दोबारा सत्ता में आई और वसंत राव नाइक मुख्यमंत्री बने। हालांकि, नाइक पहली बार 1963 में मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उनका यह कार्यकाल सिर्फ चार साल का था। 1962 के चुनाव के बाद एक साल मरोटराव कन्नमवार ने यह पद संभाला था।
कम वोटिंग का क्या असर होगा?
इस बार 60.5% यानी पिछली बार के मुकाबले 3% कम वोटिंग हुई है। सवाल है कि फायदा किसे होगा? 2014 में भाजपा सत्ता में आई, तब वोट प्रतिशत में करीब 4% का इजाफा हुआ था। हालांकि, एग्जिट पोल में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सत्ता में वापसी का अनुमान है।
भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का प्रचार कमजोर
चुनावी अभियान में भाजपा ने 330, शिवसेना ने 72 रैलियां कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में 9 रैलियां कीं। गृह मंत्री अमित शाह ने 10 चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 65 और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 50 जनसभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस ने 188 रैलियां कीं। इनमें राहुल गांधी की 5 जनसभाएं शामिल थीं। राकांपा की ओर से अध्यक्ष शरद पवार ने 60 से ज्यादा रैलियां कीं।
भाजपा ने अनुच्छेद 370, कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था को मुद्दा बनाया
महाराष्ट्र में भाजपा नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के जरिए राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। भाजपा ने विपक्षी दलों पर राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा।
कांग्रेस और राकांपा ने भाजपा को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। राहुल गांधी ने आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी के लिए सत्तारूढ़ दल को दोषी ठहराया। उन्होंने अपने भाषणों में नोटबंदी और जीएसटी को विफल बताया।