क्या नमक के पानी से गरारे करने पर कोरोना से बचाव मुमकिन है?

अगर आप गले की नियमित सफाई इस तरह से करते हैं, तो क्या कोविड 19 संक्रमण से बचाव संभव है? यह तो सर्वविदित है कि नाक, मुंह और गले की साफ सफाई संक्रमणों से बचने के लिए ज़रूरी हैं लेकिन विशेषज्ञों के हवाले से जानें कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए ये उपाय कितने कारगर हैं.

0 999,064

नई दिल्ली। सादे तापमान या कुनकुना पानी (Lukewarm Water) अच्छी मात्रा में पीने, कुनकुने पानी में नमक मिलाकर उससे गरारे करने (Gargle) और सोने से पहले भाप (Steam) का सेवन करने जैसे तरीके भारतीय परिवारों में पारंपरिक रूप से प्रचलित रहे हैं. बस, ज़रूरत इस समय में इन पर अमल करने की है क्योंकि संक्रमण (Infection) से बचाव में ये तौर तरीके काफी मददगार होते हैं.

अस्ल में, पुणे (Pune) स्थित संधिवाती (Rheumatology) केंद्र के डॉ. अरविंद चोपड़ा आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) द्वारा बनाए गए क्लिनिकल समूह के प्रमुख भी हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लिखा है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के दौर में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता (Awareness Program) के जो अभियान चलाए जा रहे हैं, उनमें बचाव के इन तरीकों को भी शामिल किया जाए. लेकिन सवाल यह है कि क्या ये तरीके कोविड 19 (Covid 19) संक्रमण से बचाव में कारगर हैं?

क्या कोई वैज्ञानिक आधार है?
डॉ. चोपड़ा ने जिन तौर तरीकों की हिमायत की है, उन प्रयोगों से कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव का वैज्ञानिक प्रमाण बताते हुए भारत के लोक स्वास्थ्य फाउंडेशन के डॉ. श्रीनाथ रेड्डी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है चूंकि यह वायरस सांस संबंधी रोग पैदा करता है और नाक, साइनस और फेफड़ों तक पहुंच बनाता है इसलिए हाथ धोने जैसी सावधानियों के साथ ये सावधानियां बरतने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि हो सकता है, कुछ फायदा ही हो. लेकिन, फिलहाल इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ऐसा करने से आपको कोरोना संक्रमण नहीं होगा.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी सलाहों में साफ किया है कि नाक या गले को नियमित रूप से नमक के पानी से साफ करने से सामान्य सर्दी की शिकायत से उबरने के बारे में भी सीमित प्रमाण ही मिलते हैं. लेकिन, यह साफ है कि सांस संबंधी संक्रमणों में इससे बचाव होना नहीं देखा गया. इसके बावजूद फ्लू के दौर में कई देशों में हैंडवॉश और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों के साथ गरारे भी पारंपरिक रूप से किए जाते हैं.

ये सावधानी बरतने का तरीका है
देश के वॉयरोलॉजी इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि नमक के पानी के साथ गरारे करना या भाप लेना स्वास्थ्य के लिए एक सामान्य सावधानी है और इसे कोरोना वायरस के खिलाफ हथियार नहीं समझना चाहिए. वहीं, हार्वर्ड के एक लोक स्वास्थ्य संबंधी स्कूल के हवाले से कहा गया है कि इस प्रैक्टिस से वायरस फेफड़ों तक नहीं पहुंचेगा, इसका कोई सबूत नहीं है.

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.