लॉकडाउन से जुड़ा सवाल कर रहा है परेशान तो यहां पढ़ें उसका जवाब

पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर के कई देशों में लॉकडाउन (Lockdown) होने की खबरें आई हैं. अब कोरोना वायरस (CoronaVirus) के खतरे के बीच अपने देश के कई शहरों में भी लॉकडाउन कर दिया गया है. कोई भी सरकार जब लॉकडाउन करती है क्यों ऐसा करती है और ऐसा करके क्या चाहती है. आइए जानते हैं इसे लेकर उपजने वाले कई सवाल और जवाब

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच सरकार ने देश के उन सभी शहरों में लॉकडाउन लगा दिया है, जहां इसका खतरा महसूस हो रहा है. जब भी कहीं लॉकडाउन लगाया जाता है तो आम लोगों पर कई तरह की पाबंदियां लग जाती हैं. घर से बाहर निकलने पर भी रोक लग जाती है.

क्या होता है लॉकडाउन?

जवाब: लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है जो सामान्य तौर पर लोगों को एक निश्चित इलाके में रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसकी घोषणा सामान्य तौर लोगों को बड़ी आपदाओं से बचाने के लिए की जाती है. दुनियाभर के कई देशों में ऐसा हो रहा है. फुल लॉकडाउन का मतलब होता है कि लोग अपने घरों से बिल्कुल बाहर नहीं निकल सकते जब तक कि कोई बेहद वाजिब वजह न हो या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं हो.

इसमें आम जनता को क्या करना चाहिए?

लॉकडाउन में सरकार ये चाहती है कि लोग एक जगह से दूसरी जगह आवाजाही नहीं करें. सरकार की व्यवस्था पर अमल करें. चूंकि ये लॉकडाउन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित किया गया है. लिहाजा सरकार कतई नहीं चाहती कि कहीं भी लोगों का जमावड़ा और बाहर निकलने पर आप संक्रमण के शिकार हो जाए. बल्कि सरकार इसके जरिए आपको महफूज रखने का काम करती है. इस पर अमल करना जरूरी. अलबत्ता किसी गम्भीर मरीज या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो तो जरूर घर से बाहर निकल सकते हैं.

क्या लॉकडाउन में सब्जी, दूध और ज़रूरी दुकानें खुलेंगी?
दूध, सब्जी, किराना और दवाओं की दुकानें लॉकडाउन के दायरे से बाहर होती हैं. लेकिन इन दुकानों पर बेवजह भीड़ लगाने से बचना बेहद जरूरी होता है.

क्या एटीएम और पेट्रोल पंप लॉकडाउन में खुलते हैं?
राज्य सरकार ने पेट्रोल पंप और एटीएम को आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में रखा है. सरकार जरूरत के हिसाब से पेट्रोल पंप और एटीएम खुलवा सकती है. यह जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर ज्यादा निर्भर है. अगर स्‍थानीय प्रशासन चाहे तो पेट्रोल पंप चला सकती है अथवा बंद भी कर सकती है.

क्या लॉकडाउन में निजी गाड़ियां कोई चला सकता है?
किसी भी जिले को लॉकडाउन के बाद निजी गाड़ियों का इस्तेमाल हो सकता है बशर्ते इससे लोगों को परेशानी ना हो, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपने लॉकडाउन में निजी वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. उसके बदले सार्वजनिक वाहनों या टैक्सियों के इस्तेमाल की इजाजत दी है.

क्या आप अपनी मेड को काम पर बुला सकते हैं?
नहीं. लॉकडाउन का निर्णय ही इसलिए लिया गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग की जा सके. दिल्ली-एनसीआर की ज्यादातर सोसायटी में अगले 31 मार्च तक मेड पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर आप किसी सोसायटी में नहीं रहते हैं और आपके घर मेड आती हैं तो बेहतर होगा कि आप उसे मना कर दें. हां, इन दिनों की छुट्टी के लिए उसकी सैलरी न काटें. याद करें पीएम मोदी की अपील.

ड्राइवर को बुला सकते हैं या नहीं?
जवाब: मेड वाला नियम आपके पर्सनल ड्राइवर पर भी लागू होगा. वैसे तो लॉकडाउन के दौरान कहीं भी बाहर निकलने की मनाही होती है लेकिन अगर किसी इमरजेंसी में आपको बाहर निकलना पड़े तो गाड़ी खुद ड्राइव करें.

क्या रेस्टोरेंट खुले रहेंगे? क्या आप खाना ऑर्डर कर सकते हैं?
जवाब: लॉकडाउन के दौरान रेस्टोरेंट तो खुले रहेंगे लेकिन आप वहां जाकर खाना नहीं खा सकते हैं. हां, आप खाना ऑर्डर कर सकते हैं. किसी ऑनलाइन पोर्टल से भी खाना ऑर्डर कर सकते हैं. हालांकि ये भी प्रशासन तय करेगा कि कौन से रेस्टोरेंट खुलेंगै और कौन से नहीं.

क्य अखबार और दूध की डेलिवरी होती रहेगी?
जवाब: अखबार और दूध की डेलिवरी होती रहेगी. हो सकता है कि अगर आपकी सोसायटी के भीतर दूध और अखबार डेलिवरी वाले को अंदर न आने दिया जाए तो आपको गेट पर कलेक्ट करने जाना पड़ सकता है.

क्या दौड़ने या टलहने जाया जा सकता है?
जवाब: सरकारी आदेश के मुताबिक जिम पर तो प्रतिबंध लगा दिया गया है. गार्डन में भी लॉकडाउन की वजह से नहीं निकला जा सकता है. हां अगर आपके सोसायटी परिसर के भीतर ऐसे समय में टहल या दौड़ सकते हैं जब भीड़ बिल्कुल न हो. हालांकि बेहतर होगा कि आप इस दौरान अपने घर के भीतर या छत पर एक्सरसाइज की प्रैक्टिस करें. ध्यान रखिए कि इस समय सोशल डिस्टेंसिंग बेहद ज्यादा आवश्यक है. आप घर के बाहर अकारण नहीं घूम सकते हैं.

क्या अस्पताल जा सकते हैं?
जवाब: हां, बिल्कुल. लॉकडाउन के दौरान अगर आपको या आपके परिवार में किसी को कोई दिक्कत हो तो आप अस्पताल जा सकते हैं. इसमें आप खयाल रखिए अगर आपको कोई हल्की समस्या है तो आप फोन के जरिए भी किसी परिचित डॉक्टर से संपर्क साध सकते हैं. ज्यादा दिक्कत होने पर ही घर से बाहर निकलें.

क्या ऐसे करीबी लोगों के साथ पार्टी की जा सकती है जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं
जवाब: नहीं. लॉकडाउन आपको किसी भी तरह के एंटरटेनमेंट की छूट नहीं देता. आप जिन्हें जानते भी हैं उनके साथ भी पार्टी नहीं कर सकते. कोरोना संक्रमण के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इसके लक्षण कुछ दिनों बाद पता चलते हैं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के साथ आपने पार्टी की और बाद में वो कोरोना मरीज निकला तो आप भी मुश्किल में पड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में सरकार आप पर कार्रवाई भी कर सकती है. याद रखिए किसी भी तरह की भीड़ इकट्टठा करने पर प्रशासन आप पर कार्रवाई कर सकता है.

क्या किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है?
जवाब: नहीं, लॉकडाउन के दौरान आप ऐसे किसी भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकते जिसमें भीड़ इकट्ठा हो. देश के कई राज्यों में सभी धार्मिक स्थलों पर रोक लगा दी गई है. ऐसा भीड़ से बचने के लिए ही किया गया है. ऐसे में अगर आपको पूजा या ध्यान करना हो तो घर में अकेले करें, किसी भी आयोजन को टाल दें.
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