दिल के दौरे या किडनी फेल होने से हो रही है अधिकतर कोरोना के मरीज़ों की मौत
कोरोना वायरस (Coronavirus) मुख्य तौर पर रेस्पिरेटरी सिस्टम (respiratory system) यानी फेफड़ों (lungs) पर असर डालता है लेकिन समय के साथ शरीर के दूसरे अंगों जैसे मस्तिष्क (brain) और ह्रदय (heart) पर भी इसका गंभीर होता है.
नई दिल्ली। दिसंबर में चीन के वुहान (Wuhan) शहर में कोरोना (corona) के शुरुआती मामले आने पर वैज्ञानिकों ने माना कि ये वायरस भी कोरोना फैमिली के दूसरे पैथोजन (pathogen) की ही तरह फेफड़ों पर ही असर डालता है. लेकिन अब इस वायरस का असर चौंका रहा है. कोविड-19 (Covid-19) के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों में न केवल फेफड़े, बल्कि दूसरे अंग भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं.
न्यूयॉर्क में Northwell Health के डायरेक्टर Dr. Eric Cioe-Peña के मुताबिक नाक, मुंह या आंखों से होते हुए वायरस रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट तक पहुंचते हैं और वहां से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं. इसके बाद का वायरस का सफर और खतरनाक होता है क्योंकि ये सीधे खून के जरिए शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंच जाते हैं. डॉक्टर एरिक कहते हैं कि COVID-19 के गंभीर मरीजों में Myocarditis या दिल में वायरस इंफेक्शन दिख रहा है. बहुत से मरीज, जिनमें हार्ट की कोई समस्या नहीं रही थी, कोरोना इंफेक्शन के बाद दिल के दौरे से उनकी मौत हो गई. ऐसा ही असर किडनी पर दिखा.
फेफड़ों तक पहुंचने के बाद वायरस क्या करता है
कोरोना हमले में मृत शरीरों के क्रॉस सेक्शन में पाया गया कि फेफड़ों में पाए जाने वाले alveolus की दीवारें वायरस के अटैक कारण फट जाती हैं और alveolus में सूजन आ जाती है. गुब्बारे के आकार ये छोटी-छोटी संरचनाएं alveolus फेफड़ों में होती हैं जो ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने की प्रक्रिया का हिस्सा रहती हैं. इसकी दीवारें फटने के बाद मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है. इससे मरीज में खांसी, बुखार के साथ सांस लेने में मुश्किल जैसे लक्षण दिखते हैं.
लिवर के साथ वायरस क्या करता है
ये शरीर का बेहद जरूरी अंग है, जिसे हिंदी में यकृत कहते हैं. ये पाचन में अहम भूमिका निभाता है. कोरोना प्रभावित आधे से ज्यादा मरीजों में पाचक एंजाइम उस स्तर पर पहुंच गए थे, जो बताते हैं कि खाने के पाचन में शरीर के इस हिस्से को मुश्किल हो रही है. ये भी हो सकता है कि वायरस से लड़ने में तेज हुए इम्यून सिस्टम और दवाओं की वजह से भी लिवर को नुकसान हो रहा हो.
किडनी डैमेज भी आम
कोरोना के बहुत से मामलों में मरीज की मौत किडनी डैमेज के कारण देखी गई. हो सकता है कि वायरस लंग्स के बाद सीधे किडनी पर हमला कर देते हों या फिर ये भी हो सकता है कि शरीर के सारे अंगों के काम करना बंद करने की वजह से किडनी पर असर पड़ता हो जैसे कि गिरते हुए ब्लडप्रेशर के कारण.
मस्तिष्क के साथ क्या होता है
कोविड-19 के कई मामलों में मरीज को ब्रेन स्ट्रोक, दौरे पड़ना, मतिभ्रम (mental confusion) के साथ-साथ मस्तिष्क में सूजन भी दिख रही है. फिलहाल डॉक्टर ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस के कारण ऐसा क्यों होता है.
आंखों पर भी दिख रहा है असर
बहुत ज्यादा बीमार मरीजों में आंखों की समस्या दिख रही है. जैसे कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis), आंखों की बाहरी सतह पर सूजन और पलकों के भीतरी हिस्से पर सूजन जैसी चीजें कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों में कॉमन है.
नाक पर क्या होता है असर
आजकल लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें कोरोना संक्रमित सूंघ न पाने की समस्या से ग्रस्त हैं. Sense of smell जाने की एक वजह ये भी मानी जा रही है कि मरीजों में नाक से होते हुए जब वायरस भीतर पहुंचते हैं तो होस्ट सेल तक पहुंचने की प्रक्रिया में नाक की नर्व्स को डैमेज कर देते हैं.
दिल के भीतरी हिस्से में सूजन (myocarditis) जैसी बातें देखी जा रही हैं
हार्ट और ब्लड वैसल्स पर भी असर
वायरस हमारी कोशिका से जुड़ने के लिए कांटेदार या नुकीले स्ट्रक्चर वाले प्रोटीन की मदद लेता है. हमारे भीतर की कोशिकाएं इस प्रोटीन के लिए होस्ट सेल का काम करती हैं. इसी प्रक्रिया के दौरान शरीर में खून का जमना, ह्रदय गति रुकना और दिल के भीतरी हिस्से में सूजन (myocarditis) जैसी बातें देखी जा रही हैं.
फिलहाल कोरोना के मरीजों का कई अलग-अलग तरह की दवाओं से इलाज हो रहा है. इसमें एंटी-मलेरिया ड्रग hydroxychloroquine या HCQ के साथ एजिथ्रोमाइसिन का कंबीनेशन मुख्य तौर पर इस्तेमाल हो रहा है. इसके अलावा एंटीवायरस दवा Remdesivir भी आजमाई जा रही है. वहीं गंभीर हालात वाले मरीजों को लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ उन्हें संक्रमण से निकालने की कोशिश हो रही है.