जानिए 50 साल में पाकिस्तान से कितना आगे निकल गया है बांग्लादेश

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अन्य संस्थाओं के सूचकांक और संकेतक बता रहे हैं कि आजादी के 50 साल बाद बांग्लादेश (Bangladesh) पाकिस्तान (Pakistan) से कई मामलों में काफी आगे निकल गया है.

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बांग्लादेश (Bangladesh) अगले साल अपना 50वां स्वाधीनता दिवस मनाने जा रहा है. इन 50 सालों में बांग्लादेश ने खुद को कई पैमानों पर स्थापित कर लिया है और आज आलम यह है कि 50 साल पहले पाकिस्तान (Pakistan) से अलग हुआ यह देश  पाकिस्तान से ही कई मामलों में आगे निकल गया है. ऐसा कोई और नहीं बल्कि अंतराराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कह रहा है.

तेजी से बढ़ रही है बांग्लादेश की इकोनॉमी

आईएमएफ ने बांग्लादेश के वित्तीय व्यवस्था को बढ़ती हुई व्यवस्था माना है. गौरतलब है कि 50 साल पहले जब बांग्लादेश अस्तित्व में आया था, तब उसे एक बास्केट केस कहा गया था. आज यह देश कई संकेतकों (Indicators) में पाकिस्तान से बहुत आगे निकल चुका है. आईएमएफ का मानना है कि बांग्लादेश की व्यवस्था साल 2021 में बढ़कर 322 अरब डॉलर हो जाएगी.

पाकिस्तानी से अमीर है बांग्लादेशी
आईएमएफ की यह जानकारी बताती है कि आज एक बांग्लादेशी नागरिक पाकिस्तानी नागरिक से कितना ज्यादा अमीर हो चुका है और वह और ज्यादा आगे निकलने जा रहा है. नब्बे के दशक में ही लोकतंत्र की बहाली के बाद से बांग्लादेश का विकास की गति पाकिस्तान से आगे निकल गी थी. इसकी वजह से साल 2012 में पाकिस्तान की सकल वित्तीय बचत (Gross Financial Savings) जीडीपी की प्रतिशत में 39.9 तक पहुंच गई थी, जबिक पाकिस्तान की वह बचत केवल 20.4 प्रतिशत ही थी और 2013 में भी वह 20.8 पर ही अटकी रही.

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50 सालों में बांग्लादेश (Bangladesh) ने सामाजिक स्तर पर बहुत ज्यादा विकास किया है.

सामाजिक संकेतों में पाकिस्तान से आगे
नोबोल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के मुताबिक बांग्लादेश विशिष्ट सामाजिक संकेतों में आगे हैं. मानव पूंजी (Human Capital) में बढ़ते निवेश के कारण बांग्लादेश के कर्मचारी ज्यादा उत्पादक हो गए हैं. बांग्लादेश सामाजिक संकेतों में पाकिस्तान से बहुत आगे है क्यों कि वहां के गैर सरकारी संगठनों की कार्यकुशलता शानदार है. बांग्लादेश में गैर सरकारी संगठन बहुत ही कम दखलंदाजी से काम करते हैं. ऐसा ही वहां की आपूर्ति स्वास्थ्यसेवा, कॉलेज, बैंक, डेरी सेवा, सेलफोन सेवा, जन स्वास्थ्य अभियान में भी दिखता है.

असमानता भी कम हो रही है
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बांग्लादेश 42वें सबसे बड़ी वित्तीय व्यवस्था से 26वें स्थान तक पहुंच जाएगा.  2017 के मानव विकास सूचकांक (HDI) के मुताबिक बांग्लादेश की सूचकांक 0.608 जबकि पाकिस्तान साल 2018 में 0.560 तक ही पहुंच सकता था. वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्थानों में है जहां कमाई में असमानता घट रही है.

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बांग्लादेश (Bangladesh) की तरक्की का असर वहां के लोगों तक बहुत अच्छे तरीके से पहुंचा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

कृषि पर निर्भरता भी हुई कम
आजादी के बाद से बांग्लादेश ने गरीबी, जन स्वास्थ्य सेवा और साक्षरता जैसे मामलों में अच्छी तरक्की की है. 1990 के दशक की शुरुआत में बांग्लादेश में एक कृषि केंद्रित वित्तीय व्यवस्था थी. लेकिन पिछले कई सालों में लोकतांत्रिक सरकार और बढ़ती जवाबदेही के साथ देश ने सामाजिक स्तर पर बहुत ज्यादा प्रगति की. और यह सब वर्ल्ड बैंक की वृद्धि सूचकांकों में साफ दिखाई देता है.

जब बांग्लादेश आजाद हुआ था उस समय के अमेरिकी सेक्रेट्री ऑफ स्टेट हेनरी किसिंगर ने इस देश को आधारहीन बास्केट कहा था. लेकिन तब बांग्लादेश की विदेशियों पर 88 प्रतिशत निर्भरता थी जो साल 2010 में घटकर केवल 2 प्रतिशत से कुछ ऊपर रह गई है.

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