PM मोदी को भाई कहने वाली करीमा बलोच की कनाडा में हत्या; जानिए बलूचिस्तान में किसलिए कर रही थीं संघर्ष?

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बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के हनन को लेकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली करीमा बलोच कनाडा में मृत पाई गईं। उनकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस को करीमा का शव टोरंटो के पास हर्बर फ्रंट में मिला। करीमा के पति हम्माल हैदर और भाई ने शव की पहचान की है। आरोप लग रहे हैं कि पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI ने करीमा की हत्या करवाई है।

करीमा बलोच कौन थीं? करीमा ने मोदी को लेकर क्या कहा था? क्या पहले भी इस तरह से किसी बलोच नेता की मौत हुई है? आइए जानते हैं…

कौन थीं करीमा बलोच?

  • करीमा बलोच ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट थीं। वे बलूचिस्तान में पाकिस्तान सेना के अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष कर रही थीं। 2016 में पाकिस्तानी सेना के उत्पीड़न से बचकर कनाडा पहुंचीं। करीमा यहां शरणार्थी की तरह रह रही थीं। उन्हें बलूचों की सबसे मजबूत आवाज में से एक माना जाता था।
  • 2016 में बीबीसी ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक बताया था। वे पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रही थीं। करीमा बलोच स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन – आजाद की पूर्व चेयरपर्सन भी थीं।
  • कनाडा में निर्वासन के दौरान भी वे सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार और सेना की ओर से बलूचिस्तान में किए जा रहे अत्याचारों पर लिखती रहती थीं। अल्पसंख्यकों, बलोच महिलाओं पर किए जा रहे अत्याचारों को उठाती रहती थीं।
  • वे बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों का मामला स्विट्जरलैंड में हुए यूनाइटेड नेशन के सेशन में भी उठा चुकी थीं। उन्हें बलूचिस्तान की सबसे प्रखर महिला एक्टिविस्ट माना जाता था।

मौत के बारे में अब तक क्या सामने आया है?

द बलूचिस्तान पोस्ट के मुताबिक करीमा रविवार को आखिरी बार टोरंटो के बे स्ट्रीट और क्वीन्स क्वे वेस्ट एरिया में देखी गई थीं। करीमा के परिवार ने बताया कि उनकी लाश मिली है। परिवार ने उनकी प्राइवेसी बनाए रखने की अपील की है। अपने एक्टिविजम के कारण करीमा अक्सर पाकिस्तान सरकार के निशाने पर रहती थीं। इसी वजह से उन्हें कनाडा में निर्वासित जीवन जीना पड़ रहा था। अब पाकिस्तान पर उनकी हत्या की साजिश रचने के आरोप लग रहे हैं। पाकिस्तानी मूल के लेखक तारेक फतह ने इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का दावा किया है।

भारत में कब चर्चा में आई थीं करीमा?

2016 में रक्षाबंधन पर करीमा बलोच ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपना भाई बताया और उनसे बलोच लोगों की आवाज बनने की अपील की। इस पोस्ट के बाद वे भारतीय मीडिया में सुर्खियों में आईं। इस पोस्ट के बाद पाकिस्तान ने करीमा समेत तीन बलोच नेताओं पर केस दर्ज किया था। इन सभी पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश और पाकिस्तानी अफसर पर हमला करने का आरोप लगा था।

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