फ्लोर टेस्ट से पहले राज्यपाल को इस्तीफा देने पहुंचे कमलनाथ, शिवराज बोले- सत्यमेव जयते
सरकार पर छाए संकट के बाद शुक्रवार दोपहर को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. शाम को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफे का ऐलान किया. दूसरी ओर शिवराज चौहान ने बीजेपी के विधायकों को डिनर पर बुलाया है. कमलनाथ ने कहा- जब हमारी सरकार बनी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार 15 दिन-महीनेभर की है,‘भाजपा को चिंता है कि प्रदेश नई दिशा में चल रहा है, वो लगे रहे कि वे मेरी सरकार को अस्थिर कैसे किया जाए’,‘किसने पैसा दिया, किसने दबाव डाला, ये समय के साथ सामने आ जाएगा, आज के बाद कल आता है’
भोपाल. मध्य प्रदेश में 17 दिन से जारी सियासी घमासान का शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे अंत हो गया। फ्लोर टेस्ट के पहले कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
सत्यमेव जयते! https://t.co/yJO30wvRsg
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 20, 2020
उन्होंने कहा कि भाजपा को 15 साल और मुझे 15 महीने मिले। जब हमारी सरकार बनी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार पंद्रह दिन-महीनेभर की है। कमलनाथ ने 12 बार अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि भाजपा को यह रास नहीं आया। प्रेस कॉन्फ्रेस के पहले भाजपा विधायक शरद कोल ने भी इस्तीफा दे दिया। स्पीकर एनपी प्रजापति ने कोल का इस्तीफा स्वीकार करने की जानकारी दी। हालांकि, भाजपा ने दावा किया कि कोल ने इस्तीफा नहीं दिया है।
MP political crisis: Kamal Nath announces resignation ahead of floor test
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— ANI Digital (@ani_digital) March 20, 2020
कमलनाथ ने भाषण में 5 आरोप लगाए
1. भाजपा साजिश करती रही
11 दिसंबर 2018 को मध्यप्रदेश विधानसभा का परिणाम आया। मेरे 40 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने हमेशा विकास में विश्वास रखा है। भाजपा को 15 साल मिले। मुझे 15 महीने मिले। ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गए। प्रदेश का हर नागरिक गवाह है कि भाजपा को प्रदेशहित में किए गए मेरे काम रास नहीं आए। बौखलाहट में वे मेरे खिलाफ साजिश करते रहे। आप सब जानते हैं कि महीनेभर में जब हमारी सरकार बनी थी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार पंद्रह दिन-महीनेभर की सरकार है।
Madhya Pradesh: #KamalNath arrives at Raj Bhavan in Bhopal. He has resigned as the CM, ahead of the floor test in the state assembly which was to be held today. pic.twitter.com/ZDoDjGjfxk
— ANI (@ANI) March 20, 2020
2. प्रलोभन का खेल खेला
आज हमारे 22 विधायकों को प्रलोभन देकर बंधक बनाने का काम किया है। करोड़ों रुपए खर्चकर प्रलोभन का खेल खेला गया। आज पूरा प्रदेश इसका गवाह है। एक महाराज और उनके द्वारा प्रोत्साहित 22 लोभियों के साथ मिलकर भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोभियों और बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
3. सरकार अस्थिर की
पिछले 15 महीने में हमने कई बार विधानसभा में बहुमत साबित किया। हमने जब यह बहुमत साबित किया तो उन्होंने इसे बर्दाश्त नहीं किया। मेरी सरकार को अस्थिर कर प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया। भाजपा को चिंता है कि प्रदेश नई दिशा में चल रहा है। वो लगे रहे कि वे मेरी सरकार को अस्थिर कैसे किया जाए। 15 महीनों में हमने तीन लाख किसानों का कर्ज माफ किया। दूसरे चरण में साढ़े सात किसानों के कर्ज माफ करने की प्रक्रिया हुई।
4. भाजपा को हमारे काम रास नहीं आए
प्रदेश की सड़कों पर घूम रही हमारी गो-माता के संरक्षण के लिए एक हजार गोशाला बनाने का फैसला किया। यह भाजपा को रास नहीं आया। प्रदेश की जनता को 100 यूनिट बिजली का फायदा प्रदेश के 1 करोड़ लोगों को हुआ। भाजपा को यह भी रास नहीं आया। कन्या विवाह में 28 हजार से बढ़कर 51 हजार रुपए की मदद की। भाजपा को यह रास नहीं आया। राम वनपथ गमन के निर्माण का संकल्प लिया। सीता माता का मंदिर श्रीलंका में बनाने का निर्णय लिया। यह भाजपा को रास नहीं आया।
’’हमने ओंकारेश्वर मंदिर के विकास की योजना बनाई। यह भाजपा को रास नहीं आया। पुजारियों का मानदेय हमने तीन गुना बढ़ाया। यह भाजपा को रास नहीं आया। आदिवासी भाइयों के लिए काम किया। वहां स्कूल खोले। 15 महीने में हमने 400 वादे पूरे किए। भाजपा को यह रास नहीं आया। आरक्षण का प्रावधान किया। भाजपा को यह रास नहीं आया। आर्थिक रूप से सामान्य कमजोर वर्ग के लिए काम किया। यह भी रास नहीं आया। प्रदेश में निवेश विश्वास से आता है। हमने मध्यप्रदेश को ऐसा प्रदेश बनाया, जहां झूठी घोषणाएं नहीं थीं। 15 महीने में हमारी सरकार में किसी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। हम विकास के पथ पर हम हमेशा रहेंगे। चुनौतियों का हम डटकर मुकाबला करेंगे। कर्तव्य पथ पर न रुकेंगे, न डिगेंगे।’’
5. किसने पैसा दिया, कल या परसों सामने आ जाएगा
भाजपा सोचती है कि वह मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है। व न मेरे प्रदेश को हरा सकती है और न मेरे हौसले को हरा सकती है। हमारे पास पद हो या नहीं हो, प्रदेश के हमारे नौजवान, पिछड़ा वर्ग और किसानों के हित के काम में हम लगे रहेंगे। 9 मार्च को 16 विधायकों को लेकर ले गए थे। किसने पैसा दिया, किसने दबाव डाला, ये समय के साथ सामने आ जाएगा। आज के बाद कल आता है, कल के बाद परसों भी आता है। परसों आएगा। जनता तय करेगी। मैंने यह तय किया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं और इसका कारण यह है कि जिन सिद्धांतों का पालन मैंने किया है।’’
भाजपा का पलड़ा भारी
कांग्रेस के सभी 22 बागियों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद संख्या बल में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसके 107 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के पास स्पीकर समेत सिर्फ 92 विधायक रह गए हैं। कांग्रेस के पास निर्दलीय और बसपा-सपा के 7 विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो कमलनाथ के लिए सरकार बचाना मुश्किल होगा।
सरकार गिरी तो राज्यपाल दे सकते हैं भाजपा को मौका
अगर कमलनाथ फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे देते हैं तो भाजपा राज्यपाल के सामने सरकार बनाने दावा पेश करेगी। मौजूदा सदस्य संख्या के मुताबिक, भाजपा के पास बहुमत होगा। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन सकते हैं। ऐसा होता है तो शिवराज रिकॉर्ड चौथी पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शिवराज के अलावा अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
भाजपा को उपचुनाव में जीतनी होंगी कम से कम 9 सीटें
मध्य प्रदेश में फिलहाल कुल 24 सीटें खाली हैं। इन सभी सीटों पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होंगे। अगर भाजपा की सरकार बनती है तो उसे सरकार बचाए रखने के लिए उप-चुनाव में कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी। अगर कांग्रेस के सात सहयोगी उसके साथ बने रहते हैं तो उप-चुनाव में 17 सीटें जीतकर वह सत्ता में वापसी कर सकती है।
22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद विधानसभा की स्थिति
- मध्यप्रदेश के 2 विधायकों के निधन के बाद कुल सीटें = 228
- इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायक = 22
- 22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद सदन में सीटें (228-22) = 206
- इस स्थिति में बहुमत के लिए जरूरी = 104
- भाजपा = 107 (बहुमत से 3 ज्यादा)
- *कांग्रेस+ = 99 (बहुमत से 5 कम)
- *कांग्रेस के 92 विधायक रह गए हैं।