IPL ऑक्शन में टीमों ने ऑलराउंडर्स पर क्यों लुटाया खजाना? मॉरिस, मैक्सवेल और गौतम हाईएस्ट पेड क्यों बने?
IPL ऑक्शन LIVE:मॉरिस अब तक के सबसे महंगे प्लेयर, राजस्थान ने 16.25 करोड़ में खरीदा; पुजारा को CSK ने 50 लाख में खरीदा
नई दिल्ली। साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर क्रिस मॉरिस ऑलराउंडर हैं, पर बेन स्टोक्स जैसे करिश्माई नहीं। इसके बावजूद उन्हें IPL इतिहास की सबसे ज्यादा रकम देकर राजस्थान रॉयल्स ने खरीद लिया। 75 लाख रुपए बेस प्राइस वाले मॉरिस के लिए रॉयल्स ने 16.25 करोड़ रुपए दिए यानी 21 गुना ज्यादा। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मैक्सवेल को बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स ने 14.25 करोड़ में खरीदा, मैक्सवेल का पिछला सीजन खास नहीं था। ऐसी ही कहानी ऑलराउंडर कृष्णप्पा गौतम की भी है।
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— IndianPremierLeague (@IPL) February 18, 2021
सबसे बड़ी वजह: मुंबई के अलावा हर टीम को मैच फिनिशर की जरूरत
मॉरिस, मैक्सवेल, कृष्णप्पा गौतम और शिवम दुबे ऐसे ऑलराउंडर हैं, जो मैच फिनिश करने का माद्दा रखते हैं। मौजूदा फ्रेंचाइजियों में केवल मुंबई के पास पोलार्ड और पांड्या ब्रदर्स जैसे फिनिशर हैं। मुंबई के अलावा किसी भी टीम के पास मैच फिनिशर नहीं हैं। ऐसे में हर फ्रेंचाइजी ने इन खिलाड़ियों को खरीदने के लिए बेट लगाई। अब इन खिलाड़ियों के बारे में सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं…
क्रिस मॉरिस (राजस्थान रॉयल्स)
क्या रोल होगा?
राजस्थान रॉयल्स ने मॉरिस को ऑर्चर के बैकअप के तौर पर लिया है, लेकिन रिकॉर्ड्स और परफॉर्मेंस से उनका रोल बदलना तय है। वो फिनिशर की भूमिका निभाएंगे।
रोल में फिट हो सकेंगे?
आंकड़े बताते हैं कि मॉरिस अपना रोल बखूबी निभा सकते हैं। उन्होंने ओवरऑल 218 टी-20 मैच में 151.02 के स्ट्राइक रेट से 1764 रन बनाए। 270 विकेट भी लिए हैं। वो ऑर्चर के साथ बॉलिंग की शुरुआत भी कर सकते हैं और आखिरी ओवरों में तेजी से रन बना सकते हैं। 2020 में उन्होंने एक मैच में RCB के लिए 313 के स्ट्राइक रेट से 8 बॉल में 25 रन बनाए थे।
इनकी जरूरत क्यों थी?
राजस्थान के पास जोफ्रा ऑर्चर के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करने वाला विदेशी फास्ट बॉलर नहीं था। टॉम करन रिलीज कर दिए गए हैं। इसके बाद फास्ट बॉलर्स की कमी भी हो गई थी। लोअर मिडिल ऑर्डर में एक्सपीरियंस और मजबूत मनोबल वाला ऑलराउंडर भी चाहिए था। मॉरिस दोनों ही जरूरतें पूरी करते हैं।
ग्लेन मैक्सवेल (बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स)
क्या रोल होगा?
बेंगलुरु मैक्सवेल का इस्तेमाल विराट और डिविलियर्स के बाद लोअर मिडिल ऑर्डर को मजबूत करने में करेगी। टीम को स्लॉग ओवर्स में भी बिग हिटर की जरूरत थी। बड़े टारगेट चेज करते वक्त उनका एक्सपीरियंस बेंगलुरु के काम आएगा।
रोल में फिट हो सकेंगे?
आंकड़े और उनका एक्सपीरियंस यही कहता है कि वे कारगर साबित होंगे। टी-20 में मैक्सवेल का स्ट्राइक रेट 152.05 का है। उन्होंने 331 छक्के और 529 चौके जमाए हैं। IPL में उन्होंने 82 मैचों में 1505 रन बनाए हैं। स्ट्राइक रेट 154.67 का है। इसके अलावा भारतीय पिचों पर उनकी ऑफ स्पिन भी काम आएगी। टी-20 में वो अब तक 108 विकेट ले चुके हैं।
इनकी जरूरत क्यों थी?
बेंगलुरु ने फिंच को रिलीज कर दिया है। फिंच टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज थे, पर ये जरूरत विराट और डिविलियर्स पूरी कर रहे हैं। ऐसे में टीम ने फिनिशर और बिग हिटर की पोजिशन के लिए मैक्सवेल पर बड़ा दांव लगाया। IPL के पिछले सीजन में तो मैक्सवेल कुछ खास नहीं कर सके, लेकिन इसके बाद बिग बैश लीग और ऑस्ट्रेलिया की तरफ से उन्होंने मैच विनिंग पारियां खेलीं और मौके पर विकेट भी चटकाए।
कृष्णप्पा गौतम (चेन्नई सुपर किंग्स)
क्या रोल होगा?
20 लाख बेस प्राइस वाले गौतम को 9.25 करोड़ यानी 46 गुना ज्यादा में चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा है। सुपरकिंग्स उन्हें मोइन अली के बैकअप के तौर पर इस्तेमाल करेगी। हरभजन के जाने के बाद मोइन अली और गौतम ऑफ स्पिनर्स के तौर पर धोनी के लिए दो विकल्प होंगे। कृष्णप्पा भी मोइन अली की तरह तेजी से रन बना सकते हैं।
रोल में फिट हो सकेंगे?
ओवरऑल 62 टी-20 मैच खेल चुके गौतम 41 विकेट ले चुके हैं। उनका इकॉनमी 7.6 का है, जो इस फॉर्मेट में काफी किफायती माना जाता है। बैटिंग में उनका स्ट्राइक रेट 160 के करीब है। वो 2 अर्धशतक भी लगा चुके हैं। घरेलू टूर्नामेंट में लंबे-लंबे सिक्स उनकी यूएसपी बन चुके हैं। यानी वो इस रोल के लिए एकदम फिट हैं।
इनकी जरूरत क्यों थी?
गौतम को पिछले सीजन में पंजाब ने अपनी बेंच स्ट्रेंथ मजबूत करने के लिए खरीदा था। उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, केवल 2 मैच में उन्हें खिलाया गया। रिकॉर्ड और एबिलिटी देखते हुए धोनी उनका ज्यादा बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं और धोनी इसी के लिए जाने भी जाते हैं। होम ग्राउंड पर धोनी मोइन अली और गौतम दोनों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, क्योंकि चेन्नई की पिच स्पिनर्स के लिए मददगार है और यहां टीम को 7 मैच खेलने हैं।
साउथ अफ्रीका के ऑलराउंडर क्रिस मॉरिस इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ऑक्शन के अब तक के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं। उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 16.25 करोड़ रुपए में खरीदा। उन्होंने युवराज का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्हें 2015 के सीजन के लिए दिल्ली ने 16 करोड़ रुपए में खरीदा था। चेतेश्वर पुजारा को CSK ने बेस प्राइस 50 लाख रुपए में खरीदा।
यह ऑक्शन चेन्नई में चल रहा है। अब तक 14वें सीजन के लिए 53 खिलाड़ियों की नीलामी हो चुकी है। इनमें से 22 विदेशी हैं। कुल 61 स्लॉट खाली थे। इसके लिए 292 प्लेयर्स को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
चौंकाने वाले 7 नाम, शाहरुख को प्रिटी की टीम ने 26 गुना कीमत पर खरीदा
- बॉलिंग ऑलराउंडर कृष्णप्पा गौतम की बेस प्राइस 20 लाख रुपए थी। उन्हें 46 गुना ज्यादा कीमत पर CSK ने 9.25 करोड़ में खरीदा। उन्होंने IPL इतिहास के अब तक के सबसे महंगे अनकैप्ड प्लेयर का रिकॉर्ड बनाया है। अनकैप्ड यानी ऐसे खिलाड़ी, जो अब तक अपने देश के लिए इंटरनेशनल मैच नहीं खेले हैं। गौतम ने अनकैप्ड प्लेयर्स के मामले क्रुणाल पंड्या का रिकॉर्ड तोड़ा। क्रुणाल को मुंबई ने 8.8 करोड़ में खरीदा था। CSK को ऑफ-स्पिन ऑलराउंडर की जरूरत थी। यह कमी अब गौतम पूरी करेंगे।
- साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी क्रिस मॉरिस की बेस प्राइस 75 लाख रुपए रही। वे इससे 21 गुना ज्यादा कीमत पर 16.25 करोड़ रुपए में बिके।
- न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर काइल जेमिसन को बेंगलुरु ने 20 गुना ज्यादा कीमत पर 15 करोड़ रुपए में खरीदा। उनकी बेस प्राइस 75 लाख रुपए थी। उन्होंने ओवरऑल 38 टी-20 में 54 विकेट लिए और 190 रन बनाए। वे 140 की रफ्तार से बॉलिंग करने के साथ मिडिल ऑर्डर को भी मजबूती देते हैं।
- ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल की बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए रही। उन्हें 7 गुना ज्यादा कीमत पर 14.25 करोड़ में RCB ने खरीदा।
- ऑस्ट्रेलियाई बॉलर जे रिचर्ड्सन को पंजाब किंग्स ने 14 करोड़ रुपए में खरीदा। उनकी बेस प्राइस 1.50 करोड़ रही। वे 9 गुना ज्यादा कीमत पर बिके। पंजाब को मोहम्मद शमी के साथ डेथ ओवर्स में पेसर की जरूरत थी। रिचर्ड्सन इस कमी को पूरा करेंगे।
- भारतीय युवा ऑलराउंडर शाहरुख खान की बेस प्राइस 20 लाख रुपए थी। 26 गुना ज्यादा कीमत पर प्रिटी जिंटा की टीम पंजाब ने उन्हें 5.25 करोड़ रुपए में खरीदा। उन्होंने अब तक 31 घरेलू टी-20 में 2 विकेट लिए हैं और 293 रन बनाए हैं।
- लीग और घरेलू टी-20 में 34 मैच खेलकर 43 विकेट ले चुके ऑस्ट्रेलिया के राइली मेरिडिथ की बेस प्राइस 40 लाख रुपए थी। उन्हें 20 गुना ज्यादा कीमत पर पंजाब ने 8 करोड़ रुपए में खरीदा।
2 ऑलराउंडर्स, जिन पर टीमों ने सबसे बड़ा दांव लगाया
मॉरिस के महंगे बिकने की वजह
- मॉरिस ने लीग, डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मिलाकर कुल 218 टी-20 खेले हैं। इसमें उन्होंने 151.02 के स्ट्राइक रेट से 1764 रन बनाए हैं। साथ ही 270 विकेट भी लिए हैं।
- IPL में अब तक वे 70 मैच में 551 रन बना चुके हैं। 80 विकेट ले चुके हैं। बैटिंग में उनका स्ट्राइक रेट मैक्सवेल से भी बेहतर 157.87 का है। RCB को मॉरिस ने रिलीज किया था। 2020 में उन्होंने एक मैच में RCB के लिए 313 के स्ट्राइक रेट से 8 बॉल में 25 रन बनाए थे।
- राजस्थान को फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर जोफ्रा आर्चर का बैकअप चाहिए था ताकि वे न खेल पाएं तो कोई मजबूत खिलाड़ी उनकी जगह ले सके। इस जरूरत के हिसाब से मॉरिस फिट बैठे, क्योंकि वे ऑलराउंडर और फिनिशर हैं।
मैक्सवेल के महंगे बिकने की वजह
- मैक्सवेल ने लीग, डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मिलाकर कुल 301 टी-20 खेले हैं। इसमें उन्होंने 152.05 स्ट्राइक रेट से 6581 रन बनाए हैं। 331 छक्के और 529 चौके जमाए हैं। 108 विकेट ले चुके हैं।
- मैक्सवेल का IPL में भी अच्छा रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने 82 IPL मैचों में 1505 रन बनाए हैं। स्ट्राइक रेट 154.67 का है। इसमें 91 छक्के और 118 चौके शामिल हैं। मैक्सवेल को पंजाब ने रिलीज किया था।
- RCB को क्रिस मॉरिस और मोइन अली को रिलीज करने के बाद मिडिल ऑर्डर में बैटिंग कर सकने वाला ऑलराउंडर चाहिए था। मिडिल ऑर्डर में बैटिंग का भार डिविलियर्स पर ही आ रहा था। मैक्सवेल अब उनके भार को कम कर सकेंगे।
अपडेट्स…
- ऑलराउंडर अर्जुन तेंदुलकर को बेस प्राइज 20 लाख रुपए में मुंबई ने खरीदा।
- आकाश सिंह को बेस प्राइज 20 लाख रुपए में राजस्थान ने खरीदा।
- ऑलराउंडर पवन नेगी को बेस प्राइज 50 लाख रुपए में कोलकाता ने खरीदा।
- वैंकटेश अय्यर को बेस प्राइज 20 लाख रुपए में कोलकाता ने खरीदा।
- ऑलराउंडर बेन कटिंग को बेस प्राइस 75 लाख रुपए में कोलकाता ने खरीदा।
- सी हरि निशांत को बेस प्राइस 20 लाख रुपए में चेन्नई ने खरीदा।
- दूसरे राउंड में हरभजन सिंह को बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए में कोलकाता ने खरीदा।
- मुजीब उर रहमान को बेस प्राइस 1.50 करोड़ रुपए में हैदराबाद ने खरीदा।
- सैम बिलिंग्स को बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए में दिल्ली ने खरीदा।
- केदार जाधव को बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए में हैदराबाद ने खरीदा।
- दूसरे राउंड में करुण नायर को बेस प्राइस 50 लाख रुपए में कोलकाता ने खरीदा।
- ऑलराउंडर सौरभ कुमार को बेस प्राइस 20 लाख रुपए में पंजाब ने खरीदा।
- मार्को जेसन को बेस प्राइस 20 लाख रुपए में मुंबई ने खरीदा।
- ऑलराउंडर भगत वर्मा को बेस प्राइस 20 लाख रुपए में चेन्नई ने खरीदा।
- ऑलराउंडर युधवीर चरक को बेस प्राइस 20 लाख रुपए में मुंबई ने खरीदा।
- जिमी नीशम को बेस प्राइस 50 लाख रुपए में मुंबई ने खरीदा।
- कुलदीप यादव को बेस प्राइस 20 लाख रुपए में राजस्थान ने खरीदा।
- एम हरिशंकर रेड्डी को चेन्नई ने बेस प्राइस 20 लाख रुपए में खरीदा।
- सुयश प्रभुदेशाई को बेस प्राइस 20 लाख रुपए में बेंगलुरु ने खरीदा।
- लियाम लिविंगस्टोन को राजस्थान ने बेस प्राइस 75 लाख रुपए में खरीदा।
वे खिलाड़ी, जिन्हें किसी ने नहीं खरीदा
- ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एरॉन फिंच को किसी ने नहीं खरीदा। उनकी बेस प्राइस 1 करोड़ रुपए थी।
- 1.50 करोड़ बेस प्राइस वाले इंग्लिश प्लेयर एलेक्स हेल्स को भी किसी ने नहीं खरीदा।
- हनुमा विहारी को टी20 के हिसाब से धीमा बल्लेबाज समझा जाता है। इस फॉर्मेट में उनका करियर स्ट्राइक रेट 112 का ही रहा है। वे अनसोल्ड रहे।
- ऑस्ट्रेलियाई बैट्समैन शॉन मार्श नहीं बिके। उनकी बेस प्राइस कीमत 1.50 करोड़ रुपए थी।
- 75 लाख रुपए बेस प्राइस वाले न्यूजीलैंड के बैट्समैन कोरी एंडरसन भी नहीं बिके।
- ऑस्ट्रेलियन बैट्समैन मार्नस लाबुशेन को किसी ने नहीं खरीदा। उनकी बेस प्राइस 1 करोड़ रुपए थी।
13 राउंड के बाद तेज रफ्तार से होगी नीलामी
ऑक्शन के शुरुआती 2 राउंड में 14 बड़े खिलाड़ियों (मार्की प्लेयर्स) के बाद बल्लेबाजों, ऑलराउंडर्स, विकेटकीपर्स और बॉलर्स पर बोली लगी। सभी 292 में से सिर्फ 10 खिलाड़ियों को 2 करोड़ रुपए की बेस प्राइस के स्लॉट में थे। 13 राउंड और 87 प्लेयर्स के बाद नीलामी तेज रफ्तार से होगी।
2 करोड़ रुपए बेस प्राइस वाले मार्क वुड ने नाम वापस लिया
नीलामी से थोड़ी देर पहले ही इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने नाम वापस ले लिया। 2019 में CSK ने उन्हें रिलीज किया था। उनकी बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए थी। क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएन के मुताबिक, वुड ने परिवार के साथ वक्त बिताने के लिए यह फैसला लिया। फिलहाल, वे भारत के खिलाफ आखिरी 2 टेस्ट खेलेंगे। इसके बाद वे भारत के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज भी खेलेंगे।सीरीज के पहले दो टेस्ट में उन्हें आराम दिया गया था।
एक टीम में मैक्सिमम 25 और मिनिमम 18 खिलाड़ी होंगे
सभी फ्रेंचाइजी अपनी टीम में मैक्सिमम 25 और मिनिमम 18 खिलाड़ी रख सकती हैं। किसी भी टीम में ज्यादा से ज्यादा 8 विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं। नीलामी शुरू होने से पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पास सबसे कम 14 खिलाड़ी और सनराइजर्स हैदराबाद के पास सबसे ज्यादा 22 खिलाड़ी थे।