ब्रिटेन / इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक वित्त मंत्री बने, ब्रेग्जिट के बाद साजिद जावीद ने इस्तीफा दे दिया था

ऋषि को कंजर्वेटिव पार्टी का उभरता सितारा माना जाता है, सरकार की ओर से मीडिया ब्रीफिंग भी वही करते हैं पिछले साल चुनाव के दौरान कई मौकों पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की जगह ऋषि ने डिबेट में हिस्सा लिया था

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लंदन. इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक (39) गुरुवार को ब्रिटेन के नए वित्त मंत्री बनाए गए हैं। अभी वे ट्रेजरी के मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त थे। ब्रेग्जिट के कुछ ही हफ्तों बाद साजिद जावीद ने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ऋषि को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सरकार के सालाना बजट से पहले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कैबिनेट में बड़े फेर-बदल किए हैं। उनमें से सुनक (चांसलर ऑफ एक्सचेकर) की नियुक्ति को बड़ा बदलाव बताया जा रहा है। बता दें ऋषि 2015 में पहली बार सांसद चुने गए। वे 2018 में स्थानीय सरकार में बतौर मंत्री शामिल हुए। 2019 में उन्हें ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया।

चुनाव प्रचार में भी ऋषि ने अहम रोल निभाया
ऋषि को कंजर्वेटिव पार्टी के उभरते सितारे के रूप में देखा जाता है। मीडिया इंटरव्यू के लिए सरकार अक्सर उन्हें ही आगे रखती है। इसके अलावा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार में भी उन्होंने अहम रोल दिखाया। कई मौकों पर टीवी डिबेट में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की जगह पर ऋषि ने हिस्सा लिया।

ऋषि ने ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की
सुनक की पत्नी का नाम अक्शता है। वे नारायण मूर्ति की बेटी हैं। ऋषि और अक्शता की दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं। ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की। ऋषि के पिता डॉक्टर हैं और उनकी माता केमिस्ट शॉप चलाती हैं।

 

ऋषि सुनाक रिचमंड संसदीय सीट से लगातार तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं.

राजनीति से पहले करियर
ऋषि सुनाक ने अपने करियर की शुरुआत बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर की थी. वो साल 2006 से 2009 तक हेग फंड के साथ मिलकर काम करते रहे. सुनाक नारायण मूर्ति की भी एक फर्म में डायरेक्टर ऑफ इनवेस्टमेंट के तौर पर काम करते रहे हैं.

राजनीतिक सफर
सुनाक का राजनीतिक सफर साल 2015 में शुरू हुआ था जब वो कंजरवेटिव पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर रिचमंड सीट से सांसद बने थे. तब देश के आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी की सरकार बनी थी और डेविड कैमरन एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बने थे. चुनाव जीतने के बाद वो Environment, Food and Rural Affairs Select Committee के सदस्य रहे. उन्होंने यूरोपीय यूनियन से यूनाइटेड किंगडम के अलग होने के प्रस्ताव का समर्थन किया था.

2017 में हुए आम चुनाव में सुनाक एक बार फिर पहले से ज्यादा वोटों से सांसद चुने गए. इस बार भी कंजरवेटिव पार्टी की सरकार बनी और प्रधानमंत्री थेरेसा में की नीतियों का सुनाक खुलकर समर्थन करते रहे. लेकिन उन्हें महत्वपूर्ण दिया जाना शुरू हुआ बोरिस जॉनसन के पीएम बनने के बाद. बोरिस जॉनसन सरकार में उन्हें Chief Secretary to the Treasury जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया है. अब उन पर भरोसा जताते हुए ब्रिटिश पीएम ने वित्त मंत्री बनाया है.

पत्नी अक्षिता (सबसे दाएं) के साथ साथ ऋषि सुनाक.

गीता पर हाथ रख कर लेते हैं शपथ
साल 2017 में जब ऋषि सुनाक दूसरी बार सांसद बने थे तो उन्होंने भागवद्गगीता पर हाथ रख कर शपथ ली थी. इस साल जब वो चुनाव जीते तो भी ये सिलसिला कायम रखा. एक अखबार ने जब इसे लेकर उनसे सवाल किया तो उनका जवाब था-मैं पूर्ण रूप से ब्रिटिश हूं और ये मेरा देश है. लेकिन मेरी धार्मिक और सास्कृतिक विरासत भारतीय है. मेरी पत्नी भी वहीं हैं. मैं खुले रूप में कहता हूं कि मैं एक हिंदू हूं. ये मेरी पहचान है.’

नारायण मूर्ति के दामाद
ऋषि मूल रूप से भारत के पंजाब से ताल्लुक रखते हैं. उनका परिवार काफी पहले ब्रिटेन चला गया था. उनके दादा-दादी का जन्म पंजाब में हुआ था. उनके पिता ब्रिटेन में ही डॉक्टर थे. ऋषि सुनाक इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद हैं. नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति और ऋषि की मुलाकात स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुई थी. दोनों की शादी साल 2009 में हुई थी. कपल को दो बेटियां हैं.

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