धर्म में राजनीति से माहौल खराब करने का खेल- सपा नेता लोटन ने भगवान श्री राम को बताया काल्पनिक पात्र, बोले- नहीं है मेरी आस्था

चौधरी लौटन राम निषाद ने भगवान राम और राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है. निषाद ने भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. फिलहाल लोटन के इस बयान के बाद धार्मिक नेताओं ने उसे आडे़ हाथ लेते विरोध जताया है।

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अयोध्या: समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद ने भगवान राम को लेकर विवादित टिप्पणी की है. निषाद ने भगवान राम को फिल्म के पात्र जैसा काल्पनिक बताया है. भगवान राम में आस्था नहीं होने के बात के साथ सपा नेता ने उनके अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया है. उन्होंने कहा कि संविधान भी मान चुका है कि प्रभु राम जैसा कोई नायक भारत में पैदा नहीं हुआ.
अयोध्या में राम मंदिर बने या कृष्ण मंदिर, उससे मुझे कोई लेना देना नहीं
निषाद ने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर बने या कृष्ण मंदिर, उससे मुझे कोई लेना देना नहीं है. भगवन राम में मेरी आस्था नहीं है. वे काल्पनिक और फिल्मी पात्र हैं. मेरी आस्था उनमें है जिनकी वजह से मुझे सीधा लाभ मिला. बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर, कर्पूरी ठाकुर, महात्मा ज्योतिबा फुले और छत्रपति साहू जी महराज ने पिछड़ा वर्ग को उनका अधिकार दिया. मेरी आस्था इन महापुरुषों में है.’
निषाद ने कहा- बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग में भ्रम पैदा करके बंटवारा करवाया
लौटन राम निषाद ने कहा कि इन महापुरुषों की वजह से हमें नौकरियां मिलीं, पढ़ने-लिखने के अवसर मिले और कुर्सी पर बैठने का अधिकार मिला. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उसने पिछड़ा वर्ग में भ्रम पैदा करके बंटवारा करवाया और इसका चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाया. निषाद ने कहा कि बीजेपी ने अखिलेश सरकार के दौरान दुष्प्रचार किया कि नौकरियों में सारा लाभ यादव और मुस्लिम उठा रहे हैं. अब हम समझ गए हैं, पिछड़ा वर्ग एकजुट हो रहा है. उत्तर प्रदेश में अगली सरकार पिछड़ा वर्ग की बनेगी.

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