दिल्ली: आज भी जारी रहेगी वकीलों की हड़ताल, पुलिस अधिकारियों पर हमले के दो नए वीडियो सामने आए

वकीलों की मांग है कि जब तक उन पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, जिन्होंने तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों के ऊपर लाठीचार्ज किया और गोली चलाई, तब तक ये हड़ताल यूं ही जारी रहेगी.

नई दिल्ली: दो नवंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद वकीलों की हड़ताल आज भी जारी रहेगी. हालांकि परसों के उग्र प्रदर्शन के बाद कल वकीलों का रुख थोड़ा नरम दिखा. कल कोर्ट का गेट खोल दिया गया और जो लोग पहुंचे उन्हें शांति का प्रतीक सफेद फूल दिया गया. इस बीच पुलिस अधिकारियों पर हमले के दो नए वीडियो भी समाने आए हैं.

 

वकीलों ने डीसीपी मोनिका भारद्वाज को बेरहमी से पीटा- पहला वीडियो

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वीडियो के मुताबिक, वकील पुलिस अधिकारियों को बुरी तरह पीटते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में जिस महिला पुलिस अधिकारी को वकील बेरहमी से पीटते हुए नजर आ रहे हैं वो डीसीपी मोनिका भारद्वाज हैं. वकीलों ने महिला अफसर के साथ ना सिर्फ बदसलूकी की बल्कि उन पर पत्थर और ईंटों से हमला भी किया. सीसीटीवी फुटेज देखकर ऐसा लग रहा है कि अगर मोनिका भारद्वाज के स्टाफ ने उनका बचाव नहीं किया होता तो उनकी जान को भी खतरा हो सकता था. ये घटना 2 नंवबर शाम सवा 4 बजे की है.

 

डीसीपी हरेंद्र के ऑपरेटर अमित को भी पीटा- दूसरा वीडियो

वहीं, दूसरी वीडियो में वकील जिस पुलिसकर्मी को बेरहमी से पीट रहे हैं वो एडिशनल डीसीपी हरेंद्र के ऑपरेटर अमित हैं. दो नवंबर को जब एक पुलिसकर्मी ने लॉकअप के अंदर से फायर किया तो डीसीपी हरेंद्र लॉकअप के अंदर भागे. लेकिन उनके ऑपरेटर बाहर ही छूट गए. जिसके बाद वकीलों ने अमित कुमार को दौड़ा कर बुरी तरफ पीटा. यही नहीं मार पीट के बाद से अमित सिंह का सर्विस रिवॉल्वर भी गायब है.

कल दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक उन जवानों से मिले जो तीस हजारी कोर्ट में हुई झड़प में जख्मी हो गए थे. हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दो अधिकारियों का ट्रांसफर भी कर दिया गया है. दिल्ली में वकीलों और पुलिस के विवाद का असर देश के दूसरे राज्यों में भी दिख रहा है. दिल्ली पुलिस के समर्थन में कल हरियाणा के सोनीपत में पुलिसवालों ने प्रदर्शन किया वहीं प्रयागराज में आज वकील हड़ताल पर रहेंगे.

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वकीलों की क्या मांग है?

 

दरअसल वकीलों की मांग है कि जब तक उन पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, जिन्होंने तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों के ऊपर लाठीचार्ज किया और गोली चलाई, तब तक ये हड़ताल यूं ही जारी रहेगी. इससे पहले गुरुवार शाम को सिविल लाइन्स में पुलिस-वकीलों के बीच बैठक बेनतीजा रही. जॉइंट सीपी ने कहा कि वकील बिना बैठक किए ही चले गए, जबकि वकीलों का कहना है कि मीटिंग के लिए बुलाकर भी पुलिस अधिकारी उनसे नहीं मिले.

 

PHQ धरने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर

 

दिल्ली हाई कोर्ट में आज दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर दिए गए धरने और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के उनके समर्थन में दिए गए बयानों के मुद्दे पर कार्रवाई की मांग करते हुए दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर सकती है. याचिका में कहा गया है कि वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प से जुड़ा मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित था लेकिन इसके बावजूद सोशल मीडिया पर पुलिस के अधिकारियों ने जमकर बयान दिए लिहाज़ा उनके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश देने की मांग की गई है.

 

याचिका में यह भी कहा गया है कि पुलिस के अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया जो उनकी आधिकारिक ड्यूटी के खिलाफ है. गौरतलब है 2 नवंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के बाद वकीलों और पुलिस कर्मियों दोनों का प्रदर्शन करते देखने को मिला और अब वकीलों ने पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

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