टेस्ट चैम्पियनशिप में क्यों पहले से दूसरे नंबर पर पहुंची टीम इंडिया, फाइनल में पहुंचने के लिए अब क्या करना होगा?
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप:पॉइंट्स के परसेंटेज के आधार पर तय होंगे दोनों फाइनलिस्ट, ICC ने लगाई मुहर; ऑस्ट्रेलिया-भारत टॉप पर काबिज
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनलिस्ट तय करने के लिए नए नियम पर मुहर लगा दी है। ICC पॉइंट्स के परसेंटेज के आधार पर टॉप-2 टीम तय करेगा। क्रिकेट वेबसाइट क्रिकइंफो के मुताबिक, मामले पर क्रिकेट कमेटी की सिफारिशों को ICC ने मान लिया है और अब नई रैंकिंग इस आधार पर ही तय की जाएगी। नई रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया टॉप पर और भारत दूसरे नंबर पर आ गया है।
ICC की सोमवार से शुरू हुई आखिरी क्वाटरली मीटिंग में चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी और क्रिकेट कमेटी द्वारा इसपर फैसला लिया गया। ICC के चीफ एग्जीक्यूटिव मनु साहनी ने कहा कि क्रिकेट कमेटी और चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी दोनों ने इस नए सिस्टम को सपोर्ट किया है। ये कोरोना के कारण टेस्ट न खेल पाने वाली टीमों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। हमने कई ऑप्शन पर विचार किया, लेकिन कमेटी को ये ऑप्शन बेस्ट लगा।
फाइनल की रेस में बनीं टीमों पर नहीं पड़ेगा असर
इस नए परसेंटेज सिस्टम से फाइनल की रेस में बनीं टीमों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। न्यूजीलैंड के लिए यह ऑप्शन सबसे बेहतरीन साबित हो सकता है। कीवी टीम को अपनी दोनों टेस्ट सीरीज पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने ही देश में खेलनी है। न्यूजीलैंड ने अपने देश में पिछले 6 टेस्ट मैच जीते हैं और अगर वह पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज के खिलाफ क्लीन स्वीप कर 240 पॉइंट्स हासिल कर ले, तो उसके कुल 420 पॉइंट्स हो जाएंगे।
मौजूदा पॉइंट्स टेबल में पॉइंट्स परसेंटेज के आधार पर भारत दूसरे स्थान पर
पॉइंट्स टेबल में टॉप पर रहने वाली दो टीमें जून में होने वाले फाइनल में आमने-सामने होंगी। पॉइंट्स परसेंटेज की बात करें, तो ऑस्ट्रेलिया 82.22% के साथ पहले, भारत 75% के साथ दूसरे और इंग्लैंड 60.83% के साथ तीसरे स्थान पर आ गई है। वहीं, पॉइंट्स में भारत पहले और ऑस्ट्रेलिया दूसरे नंबर पर था।
टीम | सीरीज | कुल पॉइंट्स | अर्जित पॉइंट्स | परसेंटेज | शेड्यूल सीरीज | मिस्ड सीरीज |
ऑस्ट्रेलिया | 3 | 360 | 296 | 82.22 | भारत, साउथ अफ्रीका | बांग्लादेश |
भारत | 4 | 480 | 360 | 75.00 | ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड | — |
इंग्लैंड | 4 | 480 | 292 | 60.83 | भारत | श्रीलंका |
न्यूजीलैंड | 3 | 360 | 180 | 50.00 | वेस्टइंडीज, पाकिस्तान | बांग्लादेश |
पाकिस्तान | 3.5 | 420 | 166 | 39.52 | न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका | बांग्लादेश* |
श्रीलंका | 2 | 240 | 80 | 33.33 | साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज | इंग्लैंड, बांग्लादेश |
वेस्टइंडीज | 2 | 240 | 40 | 16.67 | न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका | साउथ अफ्रीका |
साउथ अफ्रीका | 2 | 240 | 24 | 10.00 | श्रीलंका, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया | वेस्टइंडीज |
बांग्लादेश | 2.5 | 180 | 0 | 0.00 | वेस्टइंडीज | पाकिस्तान*, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका |
*पाकिस्तान-बांग्लादेश सीरीज का एक मैच अभी बचा हुआ है।
सीरीज में टेस्ट मैचों की संख्या पर मिलते हैं पॉइंट्स
हर टेस्ट सीरीज के 120 पॉइंट्स होते हैं। सीरीज में कुल मैचों की संख्या के आधार पर पॉइंट्स बांटे जाते हैं। दो मैचों की सीरीज में एक मैच जीतने पर टीम को 60 पॉइंट्स मिलते हैं। वहीं, मैच ड्रॉ रहने पर 30 पॉइंट्स मिलते हैं। 3 मैचों की श्रृंखला में एक मैच जीतने पर टीम को 40 और मैच ड्रॉ रहने पर 20 पॉइंट्स मिलते हैं। चार मैचों की सीरीज में टीम को जीतने पर 30 और ड्रॉ रहने पर 15 पॉइंट्स मिलते हैं। वहीं, 5 मैचों की सीरीज में जीतने पर 24 और ड्रॉ रहने पर 12 पॉइंट्स मिलते हैं।
ऐसे निकालेंगे पॉइंट्स परसेंटेज
पॉइंट्स परसेंटेज निकालने के लिए प्राप्त पॉइंट को कुल पॉइंट से डिवाइड किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी टीम ने कुल 6 सीरीज खेलीं और 4 सीरीज में क्लीन स्वीप किया, तो उसके कुल 720 में से 480 पॉइंट्स हुए। इसके मुताबिक, पॉइंट्स परसेंटेज 66.67% हुआ।
मार्च, 2021 तक सभी टीमों को 6 टेस्ट मैच सीरीज में भाग लेना था
बता दें कि टेस्ट खेलने वाले 9 देशों को 2019 से मार्च, 2021 तक 6-6 सीरीज खेलनी थी। लेकिन, कोविड-19 की वजह से इस साल कई सीरीज रद्द करनी पड़ी। भारत, इंग्लैंड और पाकिस्तान ने 4-4, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने 3-3 सीरीज खेलीं हैं। वहीं, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश सिर्फ 2-2 टेस्ट सीरीज ही खेल पाई है।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के पॉइंट सिस्टम में बदलाव किया है। अब टीमों की रैंकिंग उनके पॉइंट्स के आधार पर नहीं, बल्कि पॉइंट्स के पर्सेंटेज के आधार पर होगी। नए सिस्टम से भारत रैंकिंग में पहले से दूसरे नंबर पर आ गया है। ICC के चीफ एग्जीक्यूटिव मनु साहनी ने कहा कि क्रिकेट कमेटी और चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी दोनों ने इस नए सिस्टम को सपोर्ट किया है। ये कोरोना के कारण टेस्ट न खेल पाने वाली टीमों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
नए सिस्टम के बाद आखिर क्या बदला है? पहले सिस्टम कैसे काम कर रहा था? नए सिस्टम का किस टीम पर क्या असर पड़ेगा? आइये जानते हैं…
टेस्ट चैम्पियनशिप में क्या बदलाव हुआ है?
अनिल कुंबले की अगुवाई वाली ICC की क्रिकेट कमेटी ने टेस्ट चैम्पियनशिप में टीमों की रैंकिंग पर्सेंटेज बेसिस पर कैलकुलेट करने का फैसला किया है। इस नए सिस्टम में टीमों द्वारा खेली गई सीरीज और उस सीरीज में उनके पॉइंट्स के आधार पर पर्सेंटेज निकाला जाएगा।
इससे टीमों की पॉइंट्स टेबल में रैंकिंग में कितना बदलाव आया?
नए सिस्टम से पहले भारत 360 पॉइंट्स के साथ पॉइंट टेबल में टॉप पर था। वहीं, ऑस्ट्रेलिया 292 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर था। नया सिस्टम आने के बाद भारत दूसरे नंबर पर आ गया वहीं, ऑस्ट्रेलिया पहले नंबर पर। इसका कारण भारत का ऑस्ट्रेलिया से एक सीरीज ज्यादा खेलना। हालांकि, बाकी टीमों की रैंकिंग पर इससे कोई असर नहीं पड़ा है।
नया सिस्टम कैसे काम करता है?
कोई टीम अगर अपनी सभी छह सीरीज खेलती है तो अधिकतम 720 पॉइंट्स पा सकती है। छह सीरीज में अगर टीम के कुल 480 पॉइंट्स होते हैं तो उसका पर्सेंटेज पॉइंट 66.67% होगा। वहीं, कोई टीम अगर पांच सीरीज ही खेलती है तो मैक्सिमम पॉइंट्स 600 हो जाएंगे। पांच सीरीज खेलने वाली इस टीम के अगर 450 पॉइंट्स होते हैं तो उसका पर्सेंटेज पॉइंट्स 75% होंगे। ऐसे में पांच सीरीज खेलने वाली टीम छह सीरीज खेलकर 480 पॉइंट्स पाने वाली टीम से ऊपर रहेगी।
तो फिर पहले वाला सिस्टम क्या था और कैसे काम करता था?
- 2019 में ICC ने टेस्ट चैम्पियनशिप का ऐलान किया। तब ये कहा गया कि अगले दो साल तक टेस्ट रैंकिग की टॉप नौ टीमों के बीच टेस्ट चैम्पियनशिप होगी। इस दौरान हर टीम कुल छह टीमों के खिलाफ सीरीज खेलेगी। तीन सीरीज अपने देश में तीन सीरीज देश के बाहर।
- ये सभी सीरीज जून 2021 में टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल से पहले खत्म होनी हैं।
- एक सीरीज में चाहे दो मैच हों, चाहे पांच, सीरीज के लिए कुल 120 पॉइंट्स होते हैं। इस तरह छह सीरीज के लिए अधिकतम 720 पॉइंट्स होंगे। यानी, अगर दो मैच की सीरीज है तो एक मैच जीतने पर टीम को 60 पॉइंट्स मिलते हैं। वहीं, पांच मैचों की सीरीज है तो एक मैच जीतने पर 24 पॉइंट्स मिलते हैं। मैच ड्रॉ होने पर दोनों टीमों को बराबर पॉइंट्स मिलते हैं।
- 1 अगस्त 2019 को इंग्लैड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया टेस्ट मैच इस चैम्पियनशिप का पहला मैच था।
- अब आगे भी जो सीरीज खेली जाएंगी उनमें भी इसी तरह से पॉइंट्स मिलने हैं। जैसे- भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैच की सीरीज खेलने जा रहा है। इस सीरीज का एक मैच जीतने पर टीम इंडिया को 30 पॉइंट्स मिलेंगे। मैच टाई होता है तो 15 और ड्रॉ होता है तो 10 पॉइंट्स।
जब पॉइंट्स पहले की ही तरह मिलेंगे तो नया सिस्टम क्यों लाया गया?
- कोरोना के कारण मार्च 2020 के बाद कई टीमों की सीरीज रद्द हुईं। ICC जून 2021 में ही टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल कराना चाहता है। ऐसे में जो सीरीज रद्द हुईं, उन्हें इतनी जल्दी नहीं कराया जा सकता है।
- नई स्थिति में कुछ टीमें मार्च 2021 तक टेस्ट चैम्पियनशिप की पांच सीरीज खेल पाएंगी तो कुछ छह। वहीं, पाकिस्तान-बांग्लादेश की एक सीरीज तो बीच में ही रुक गई। बांग्लादेश तो मार्च 2021 तक सिर्फ ढाई सीरीज ही खेल पाएगा।
- ऐसे में डायरेक्ट पॉइंट्स सिस्टम में सभी टीमों को बराबर मौका नहीं मिल सकता था। इससे गैर-बराबरी को दूर करने के लिए आईसीसी को पर्सेंटेज पॉइंट्स सिस्टम लाना पड़ा।
नया सिस्टम टीमों के फाइनल में पहुंचने की संभावना पर कितना असर डालेगा?
- नया सिस्टम पॉइंट टेबल पर बहुत ज्यादा असर डाले इसकी संभावना बहुत कम है। अभी जिस तरह की स्थिति है उसमें सिर्फ न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ही ऐसी टीमें हैं जो भारत और ऑस्ट्रेलिया को टॉप-2 से नीचे कर सकने की स्थित में हैं।
- न्यूजीलैंड को अभी वेस्टइंडीज और पाकिस्तान से अपने घर में खेलना है। वहीं, इंग्लैंड को फरवरी में भारत के खिलाफ भारत में पांच मैचों की सीरीज खेलनी है।
- अगर न्यूजीलैंड अपनी दोनों सीरीज जीत लेता है। इंग्लैंड भारत को हरा देता है और ऑस्ट्रेलिया साउथ अफ्रीका से हार जाता तो ये टेस्ट चैम्पियनशिप बहुत रोमांचक हो जाएगी। क्योंकि, पॉइंट्स टेबल में टॉप पर रहने वाली दो टीमें जून में होने वाले फाइनल में आमने-सामने होंगी।
भारत के पास अब फाइनल खेलने के लिए क्या करना होगा?
सबसे पहले उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है। स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की वापसी के बाद भारत के लिए ये सीरीज उतनी आसान नहीं होने जा रही जितनी आसान 2018-19 की पिछली सीरीज थी। ऊपर से कप्तान विराट कोहली भी सीरीज के अंतिम तीन मैचों से हट सकते हैं। ऐसे में उसकी मुश्किलें बढ़ेंगी। इसके बाद उसे फरवरी में इंग्लैंड से अपने घर में 5 टेस्ट की सीरीज खेलना है। यहां उसके जीतने की संभावनाएं अधिक हैं।
ऐसे में टीम इंडिया के लिए कुछ संभावित गणित इस तरह के हैं
पहली स्थिति
- अगर भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के सभी मैच हार जाए और इंग्लैंड के खिलाफ सभी मैच जीत जाए तो उसके कुल 480 अंक और 66.67% पॉइंट पर्सेंटेज होगा।
- वहीं, न्यूजीलैंड अगर अपने घर में होने वाली दोनों सीरीज के सभी मैच जीत लेता हो तो उसके 420 अंक और 70% पॉइंट्स पर्सेंटेज हो जाएंगे। ऐसे में टीम इंडिया फाइनल की दौड़ से बाहर हो सकती है।
दूसरी स्थिति
- अगर भारत इंग्लैड से अपने सभी मैच जीत जाए और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज 3-1 से हार जाए, तो उसके पास 510 पॉइंट और 70.83% पॉइंट पर्सेंटेज होगा। ऐसे में न्यूजीलैंड अपने घर की दोनों सीरीज के सभी मैच जीतकर भी भारत से पीछे रहेगा।
तीसरी स्थिति
- अगर भारत इंग्लैड से अपने सभी मैच जीत जाए और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज 2-0 से हार जाए, तो उसके 500 पॉइंट और 69.44% पॉइंट पर्सेंटेज रह जाएगा। इस स्थिति में अगर न्यूजीलैंड अपने सभी मैच जीतती है तो भारत के लिए मुश्किल हो सकती है।
- हालांकि, अगर न्यूजीलैंड दोनों सीरीज में से एक भी मैच हारता है तो भारत के लिए आसानी हो सकती है। क्योंकि न्यूजीलैंड की दोनों सीरीज दो-दो मैचों की है। एक भी हार उसे 60 पॉइंट का नुकसान कराएगी।