ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी विचारधारा को जेब में रखा और RSS के साथ चले गए- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने ये भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को न तो बीजेपी में कोई सम्मान मिलेगा और न ही उन्हें वहां कोई संतुष्टि मिलेगी.

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नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़े सवाल पर कहा कि किसी के आने जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने ये भी कहा कि ”ये विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ कांग्रेस है और दूसरी तरफ बीजेपी-आरएसएस है.”

राहुल गांधी ने कहा कि ”मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया की विचारधारा को जानता हूं और वो मेरे साथ कॉलेज में थे. मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह जानता हूं. वो अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हो गए और अपनी विचारधारा को छोड़ दिया और आरएसएस के साथ चले गए.”

इसके साथ ही राहुल गांधी ने ये भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को न तो बीजेपी में कोई सम्मान मिलेगा और न ही उन्हें वहां कोई संतुष्टि मिलेगी. ज्योतिरादित्य जी आज जो कुछ भी बोल रहे हैं, वो उनके दिल की आवाज़ नहीं है. उनके दिल में कुछ और है और जुबां पर कुछ और. उनके दिल को वहां सुकून नहीं मिल सकता है न उतना सम्मान मिल सकता है.

राहुल गांधी ने इसके अलावा ये भी कहा कि ”इस समय सबसे बड़ी समस्या अर्थव्यवस्था और कोरोना वायरस है. कमजोर इकॉनमी से देश पर असर पड़ेगा, हमें देश की परवाह है. राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर कहा कि हमने जो देखा है, वह केवल सुनामी की शुरुआत है, चीजें और खराब होंगी. प्रधानमंत्री मोदी अर्थव्यवस्था पर एक शब्द नहीं बोल रहे, वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अर्थव्यवस्था की समझ ही नहीं है.”

”नरेंद्र मोदी सरकार ने इकॉनॉमी को नष्ट कर दिया है और देश की ये हालत हो गई है. हम लोग इकॉनॉमी चलाना जानते हैं लेकिन नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया. लाखों करोड़ों लोगों को नुकसान होगा. युवाओं को पूछना होगा कि मोदी जी ने आपके लिए क्या किया है.”

कांग्रेसियों ने सिंधिया के विरोध में नारे लगाए, पोस्टर भी फाड़ा

रोड शो के दौरान रोशनपुरा चौराहे पर जवाहर भवन के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिंधिया के विरोध में नारेबाजी की। जवाहर भवन में जिला कांग्रेस का कार्यालय है। इससे पहले, गुरुवार सुबह सीएम हाउस के पास पॉलिटेक्निक चौराहे पर सिंधिया के स्वागत में लगे पोस्टरों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काला रंग डाल दिया और उन्हें फाड़ भी दिया। बताया जा रहा है कि सिंधिया का यह पोस्टर मुख्यमंत्री कमलनाथ के पोस्टर के ऊपर लगाया गया था।

राज्यपाल के आने पर सियासत तेज होगी: राज्यपाल टंडन लखनऊ से वापस लौटने के बाद मध्य प्रदेश का राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलेगा। सबसे पहले तो उन छह मंत्रियों पर फैसला होगा, जिन्हें हटाने की सिफारिश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो दिन पहले की थी। 16 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है, जो गहमागहमी वाला होगा।

कांग्रेस विधायक शुक्ला इंदौर लौटे: कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला गुरुवार को जयपुर से इंदौर पहुंचे। कहा- वे निजी कारणों से वापस आए हैं। उनके पिता और बड़े भाई भाजपा में ही हैं और इंदौर के बड़े नेता माने जाते हैं। उनके भाजपा में शामिल होने की सूचना आई थी, जिसका विधायक ने खंडन किया था।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया: मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सिंधिया को भाजपा में सुरक्षित रखें।

सिंधिया का स्वागत याद रहेगा: राज्य के पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा- सिंधिया का स्वागत याद रखा जाएगा। कमलनाथ सरकार सरकार अल्पमत में है, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। सदन में विश्वास प्रस्ताव का सवाल ही नहीं उठता। हम सरकार बनाएंगे और अपने घोषणापत्र के अनुसार अपने काम करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह: राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। हालांकि, तब तक कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। प्रदेश कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने कहा था कि पार्टी उन्हें उम्मीदवार घोषित कर ही देगी।

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