तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल विदेशी होंगे ब्लैकलिस्ट, वीजा रद्द करने के साथ होगी सख्त कानूनी कार्रवाई

Coronavirus Live Updates: देश में आज लॉकडाउन का सातवां दिन है. अब तक देश भर में कोरोना वायरस के 1251 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें से 1117 एक्टिव केस हैं यानी उनका इलाज चल रहा है. वहीं तेलंगाना मे 6 लोगों की कोरोना से मौत हो गई.

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नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) प्रकोप जारी है. मंगलवार को लॉकडाउन का 7वां दिन है. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश भर में संक्रमितों की संख्या 1295 हो गई है. इनमें 1162 एक्टिव केस हैं, जबकि 35 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि, 102 लोग डिस्चार्ज हो गए हैं.

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के मरकज़ में शामिल होने आए लोगों में कोरोना के लक्षण की खबर के बाद अफरातफरी का माहौल है. तब्लीगी जमात के निज़ामुद्दीन मरकज़ में कई विदेशी नागरिकों सहित लगभग 1,800 लोगों में COVID-19 के कई लक्षण दिखाई दे रहे हैं, हालांकि अभी जांच रिपोर्ट्स आनी बाकी है.

 

अब टाइम्स ऑफ इंडिया के खबर के मुताबिक मरकज़ में शामिल होने आए विदेशियों, जिसमें ज्यादातर धर्म उपदेशक हैं उनके खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन करने को लेकर केस चलेगा. दरअसल ये सभी लोग टूरिस्ट वीजा पर यहां आए थे. धर्म का प्रचार करना वीजा नियमों का साफ तौर पर उल्लंघन है. नियमों का उल्लंघन करने पर कई तरह की कानूनी कार्रवाई इन लोगों के खिलाफ की जा सकती है. इनका भारत आने पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

देश मे कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र (Maharashtra) में पाये गये हैं.  सोमवार को राज्य में 216 लोग संक्रमित पाए गए और यहां अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 39 लोग रिकवर होकर घर जा चुके है. राज्य में सोमवार को दो लोगों की मौत हुई जिसमें से एक पुणे और दूसरे की मुंबई का मामला शामिल है.

आंध्र प्रदेश में सोमवार की रात 17 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अपने ताजा बुलेटिन में यह जानकारी दी.

बिहार में कल तक कोरोना वायरस के 1051 संदिग्ध नमूनों की जांच की गयी थी जिसमें से अब तक 16 पाज़िटिव पाए गए हैं। कतर से लौटे मुंगेर निवासी एक व्यक्ति की गत 21 मार्च को पटना एम्स में मौत हो गयी थी.

बता दें कि सोमवार को पुलिस खो खबर मिली की इस इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं. पुलिस ने पूरा इलाकता सील कर दिया और सभी को जांच के लिए अस्पताल ले जा रही है.

 

इसी बीच खबर आई कि तब्लीगी जमात के प्रमुख के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने FIR का आदेश दिया है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने इससे इनकार किया है.

 

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि दिल्ली सरकार की तरफ से मरकज को लेकर अभी तक कोई शिकायत दिल्ली पुलिस को नहीं मिली है. लिहाजा केस अभी तक दर्ज नहीं हुआ है. दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि यदि दिल्ली सरकार शिकायत नहीं देती है तो दिल्ली पुलिस संज्ञान लेकर भी मुकदमा दर्ज कर सकती है.

 

क्या है मामला

 

दरअसल रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. सैंकड़ों लोगों के टेस्ट हो चुके हैं. इन सबकी रिपोर्ट मंगलवार यानी आज आने की संभावना है.

 

इस वक्त पूरा इलाका सील कर दिया गया है. इसमें तबलीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है. पुलिस वालों का कहना है कि वे लोगों की पहचान करके उन्हें अस्पताल में क्वारंटाइन के लिए भेज रहे हैं.

 

दरअस 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था.स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे. इस वक्त देश में कोरोना वायरस के मद्देनज़र लॉकडाउन लगा है और किसी भी तरह की धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत नहीं है.

 

क्या है तब्लीगी जमात?

 

तब्लीगी जमात की स्थापना को लेकर एक इतिहास है. दरअसल इसकी स्थापना 1926-27 में की गई थी. हुआ कुछ यूं कि मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम कबूल कर लिया था. मुगल काल के बाद जब अंग्रेजों की हुकूमत देश पर हुई तो आर्य समाज द्वारा फिर उन लोगों का शुद्धिकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश कराने की शुरूआत की गई. इसी के मद्देनज़र दूसरी तरफ मौलाना इलियास कांधलवी ने मुसलमानों के बीच इस्लाम की शिक्षा देने के लिए तबलीगी जमात की स्थापना की. उन्होंने निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुछ लोगों के साथ तबलीगी जमात का गठन किया. इसे मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार और इसकी जानकारी देने के लिए शुरू किया.

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