कश्मीर में एलओसी पर तनाव / पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग, एक जवान शहीद और दो घायल; दो दिन पहले संघर्ष विराम उल्लंघन में महिला की मौत हुई थी

पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा के करीब पुंछ सेक्टर में फायरिंग की गई इस साल जनवरी से जून तक पाकिस्तान ने 2027 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया

0 999,144

श्रीनगर. पाकिस्तान ने रविवार सुबह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब पुंछ सेक्टर में फायरिंग की। इसमें भारत का एक जवान शहीद हो गया और दो अन्य घायल हो गए। पुंछ और राजौरी में पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी से इस महीने तीन जवानों की शहादत हुई है। भारतीय सेना भी पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलीबारी का माकूल जवाब दे रही है।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को भी पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग हुई। इसमें तीन जवान घायल हुए थे। इन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां एक जवान ने दम तोड़ दिया। 10 जूून को राजौरी सेक्टर में नायक गुरुचरण सिंह ऐसे ही हमले में शहीद हुए थे।

उरी सेक्टर में पाकिस्तान सेना ने गोलीबारी की थी

पाकिस्तान ने 12 जून को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में गोलीबारी की थी। इसमें एक महिला की मौत हो गई थी जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया था। पाकिस्तानी सेना ने मोर्टार दागे थे। 12 जून को सुबह पाकिस्तान की ओर से बारामूला जिले के रामपुर सेक्टर में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया था।  हालांंकि, भारतीय जवानों ने इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया था।

6 महीने में 2 हजार से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन
पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर अशांति फैलाने से बाज नहीं आ रहा है। नियंत्रण रेखा के उस पार से पाकिस्तानी सेना भारत के गांवों को निशाना बनाकर गोले दाग रही है। इस साल जनवरी से जून तक 6 महीने में पाकिस्तान ने 2027 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। हालांकि, हर बार भारतीय सेना ने भी इसका माकूल जवाब दिया। इस दौरान कश्मीर में 100 आतंकी मारे गए।

महामारी का फायदा उठाना चाहता है पाकिस्तान
पिछले साल पाकिस्तान ने कश्मीर में सबसे ज्यादा 3168 बार सीजफायर तोड़ा था। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना कोरोना महामारी का फायदा उठाना चाहती है। इसकी कोशिश है कि इस समय आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराई जाए।

2020 में संघर्ष विराम उल्लंघन

  • जनवरी-367
  • फरवरी-366
  • मार्च-411
  • अप्रैल-387
  • मई-382
  • जून-114

Leave A Reply

Your email address will not be published.