मुंबई: सभी प्राइवेट डॉक्टर्स को करना होगा सरकारी अस्पताल में काम, आदेश नहीं मानने पर रद्द होगा लाइसेंस

निजी डॉक्टर्स और चिकित्सा अधिकारियों को कोरोना वायरस अस्पतालों में कम से कम 15 दिनों के लिए काम करने के लिए कहा गया है. महाराष्ट्र में अबतक 15 हजार 525 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं अबतक 617 लोगों की मौत हो चुकी हैं.

मुंबई: देश में जानलेवा कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में बरपाया है. अकेले महाराष्ट्र में इस वायरस से अबतक करीब 700 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में सबसे ज्यादा केस राजधानी मुंबई से सामने आ रहे हैं. ऐसे में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय ने आज प्राइवेट डॉक्टर्स के लिए अब सरकारी अस्पताल में भी काम करने का आदेश जारी किया है.

आदेश नहीं मानने पर रद्द होगा लाइसेंस

चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय ने मुंबई में जितने भी प्राइवेट डॉक्टर हैं, उन्हें अब सरकारी अस्पताल में काम करना अनिवार्य कर दिया है. बड़ी बात ये है कि अगर किसी भी प्राइवेट डॉक्टर ने इस आदेश की अनदेखी की तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. मुंबई में करीब 25 हजार प्राइवेट डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मी हैं.

कम से कम 15 दिनों तक करना होगा काम

आदेश में निजी डॉक्टर्स और चिकित्सा अधिकारियों को कोरोना वायरस अस्पतालों में कम से कम 15 दिनों के लिए काम करने के लिए कहा गया है.

महाराष्ट्र में अबतक 617 लोगों की मौत

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में अबतक 15 हजार 525 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं अबतक 617 लोगों की मौत हो चुकी हैं. राज्य में दो हजार 819 लोग ठीक हुए हैं.

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