बसों को लेकर विवाद और बढ़ा, प्रियंका गांधी के निजी सचिव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.

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लखनऊ: प्रवासी मजदूरों को बस मुहैया कराए जाने को लेकर विवाद और बढ़ गया है. मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

यह मुकदमा भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 420, 467 और 468 के तहत दर्ज किया गया है. यह मुकदमा उत्तर प्रदेश सरकार के उस आरोप के बाद दर्ज हुआ है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दी गई 1000 बसों की सूची में शामिल कुछ वाहनों के नंबर दो पहिया, तिपहिया वाहनों और कारों के तौर पर दर्ज पाए गए हैं.

Lucknow Police lodged FIR against Priyanka Gandhi aide and UP ...

आरोपों को कांग्रेस ने किया खारिज
यूपी की योगी सरकार के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने कहा कि सरकार जानबूझ कर बसों के नंबरों में हेरफेर करके गुमराह कर रही है. हमने बसों के नंबर ही दिए हैं.

 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दो दिन पूर्व सभी बसें गोवर्धन से आगे डीग रोड पर राजस्थान सीमा से लौट गईं और अब हमारी बसें फतेहपुर सीकरी बॉर्डर पर तैयार हैं लेकिन आगरा जिला प्रशासन बसों को यहां से गुजरने ही नहीं दे रहा.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही मजदूरों के लिए भेजी जाने वाली बसों को नोएडा और गाजियाबाद भेजने का प्रस्ताव रखा था. इसके लिए प्रदेश सरकार ने दो दिन तक तो अनुमति ही नहीं दी. बाद में अनुमति दी भी तो बसों को लखनऊ भेजने को कहा गया है, जो कि अमानवीय है.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह मजदूरों के मुद्दे पर सरकार के साथ खड़े हैं, परंतु सरकार खुद इस कार्य में रोड़ा बन रही है. जो मजदूर गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर फंसे हुए हैं, उनकी मदद नहीं हो पा रही है. पहले उन्होंने हमें अनुमति ही नहीं दी और जब रात 12 बजे बसों की अनुमति दी तो इस शर्त पर कि बसों को लखनऊ लाया जाए. उन्होंने कहा कि रात के 12 बजे पत्र जारी करके बसों को लखनऊ बुलाने का क्या औचित्य है.

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