लॉकडाउन तोड़ यूपी-बिहार के लिए निकली जनता, दिल्ली बॉर्डर पर मजदूरों का हुजूम

दिल्ली के आनंद विहार और यूपी के कौशांबी बस अड्डे पर हजारों लोग अपने घर जाने को मौजूद हैं. दिल्ली में इनके लिए जिंदगी इतनी मुश्किल है कि इन्हें हर हाल में अपने गांव पहुंचना है. अपनी गृहस्थी सिर पर संभाले इन मजदूरों को न तो सोशल डिस्टेंसिंग की चिंता है और ना ही कोरोना का डर.

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  • मजदूरों में घर लौटने की बेसब्री,आनंद विहार-गाजीपुर में भीड़ बसों से गांव जा रहे हैं मजदूर

नई दिल्ली। दिल्ली में लॉकडाउन के बाद यहां से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जाने वाले मजदूरों की बाढ़ सी आ गई है. दिल्ली से यूपी के लिए निकलने वाली सड़कों पर सैकड़ों मजदूर हैं. ये मजदूर अपनी जरूरत के सामान सिर पर उठाकर बच्चों और महिलाओं समेत अपने घर की यात्रा पर निकल पड़े हैं.

कोरोना वायरस ने दुनिया में हाहाकार मचा रखा है. कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के बावजूद भी कुछ लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं. इसके चलते दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पलायन करने वालों की भीड़ देखने को मिली है. साथ ही गाजियाबाद में NH24 के पास भी हजारों लोगों की भी भीड़ दिखी. इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ” आज हमारे सैकड़ों भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गांवों की ओर पैदल जाना पड़ रहा है. इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सकें,कृपा करके दें. कांग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से मदद की खास अपील करता हूं.”

आनंद विहार बस अड्डे पर भीड़

दिल्ली के आनंद विहार और यूपी के कौशांबी बस अड्डे पर हजारों लोग अपने घर जाने को मौजूद हैं. दिल्ली में इनके लिए जिंदगी इतनी मुश्किल है कि इन्हें हर हाल में अपना गांव पहुंचना है. अपनी गृहस्थी सिर पर संभाले इन मजदूरों को न तो सोशल डिस्टेंसिंग की चिंता है और ना ही कोरोना का डर.

दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से डीटीसी की बसें इन मजदूरों को ऐटा, इटावा, झांसी, आगरा, बुलंदशहर, गोरखपुर, लखनऊ लेकर जा रही है. बिहार और झारखंड जाने वाले मजदूरों के पास तो कोई विकल्प ही नहीं है. दिल्ली पुलिस के जवान इन मजदूरों को लाइन में लगवाकर बसों में चढ़ा रहे हैं.

गाजीपुर में उमड़े मजदूर

दिल्ली के गाजीपुर में भी मजदूरों की भारी भीड़ मौजूद है. यहां कोई इंतजाम नहीं है. दिल्ली पुलिस के कुछ जवान इन्हें लगातार समझा रहे हैं, लेकिन मजदूर गुजरते वक्त के साथ व्यग्र हो रहे हैं. मजदूरों के पास कुछ घंटे के लिए खाने पीने का इंतजाम है, लेकिन पानी-दवा की भारी किल्लत है. आस-पास के रिहायशी इलाकों के कुछ लोग घर से खाना बनाकर इन्हें दे रहे हैं.

लॉकडाउन के ​बीच ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था ना होने के चलते फरीदाबाद में लोग पैदल ही अपने गांव जाने को मजबूर हैं. रईस ने बताया- हम टीकमगढ़ जाएंगे, घर में बच्ची और मां बीमार है. सुबह 6 बजे से बैठे हैं कोई वाहन नहीं आ रहा है. पुलिस वाले डंडा मारने लगे बोले निकलो यहां से.

pic_032820112350.jpgNH-24 पर गांवों की ओर जा रहे मजदूरों की तस्वीर (फोटो-पीटीआई)

लॉकडाउन के बीच शनिवार को दिल्ली गाजीपुर इलाके में भारी भीड़ दिखाई दे रही है. दरअसल दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर भारी संख्या में लोग जमा हो गए हैं. ये सभी अपने-अपने घरों को लौट रहे थे लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें बाहर निकलने से रोक दिया है.

सरकारी अपील का असर नहीं

दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के मंत्री गरीबी की मार से बेजार इन मजदूरों से बार बार अपील कर रहे हैं कि इनके लिए सभी इंतजाम दिल्ली में ही किए जाएंगे. ये अभी जहां हैं वहं ही रहें, लेकिन हुक्मरानों की बातें मजदूरों का भरोसा जीत पाने में नाकाम है.

शहर से अब नहीं रहा आसरा

मजदूर हर संकट और हर समस्या की चुनौती को समझकर शहर से गांव के लिए निकल पड़े हैं. ये शहर कभी उसके आसरे का ठिकाना था. यहां से सिर्फ उसकी ही नहीं बल्कि उसे पूरे परिवार का पेट भरता था, लेकिन कोरोना के संक्रमण ने एक झटके में सारे बने-बनाए चक्र को तोड़ दिया है. मजदूरों को अब एक ही यकीन है कि गांव में ही पहुंचकर वे सुरक्षित हो सकते हैं.

राहुल ने की मदद की अपील

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे अपने घरों के आस-पास से गुजर रहे मजदूरों को भोजन-पानी देकर मदद करें.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “आज हमारे सैकड़ों भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गांवों की ओर पैदल जाना पड़ रहा है. इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सके, कृपा करके दे! कांग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से मदद की ख़ास अपील करता हूं.” बीजेपी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से ऐसे लोगों की मदद करने को कहा है.

कोरोना वायरस मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है उसको लेकर सभी सरकारें परेशान हैं. वो हालात का मुकाबला करने की तैयारी में जुटे हैं. वहीं भारतीय रेलवे ने ट्रेन की बोगियों के अंदर ही आइसोलेशन वार्ड बनाने की व्यवस्था की है. बीच का बर्थ हटा दिया गया है साथ ही ऊपर चढ़ने के लिए दी गई सीढ़ियां भी हटा ली गईं है. बाथरूम में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे कि मरीजों को वहां पर आइसोलेट रखा जा सके.

संभल ज़िले के एक गांव में एक दुकान पर लोगों को इकट्ठा होने से मना करने पर पुलिस के सिपाहियों के साथ कथित तौर पर मार पीट की गई जिससे एक सिपाही घायल हो गया. इस संबंध में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बहजोई के कोतवाल रविन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार को क्षेत्र के चितनपुर गांव में लॉकडाउन की व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो सिपाही विनय कुमार और आदेश कुमार ड्यूटी पर तैनात थे. एक दुकान पर भीड़ जुटी देख सिपाहियों ने लोगों को इकट्ठा होने से मना किया.सिंह के अनुसार, कुछ लोगों ने इसका विरोध किया जिसके बाद उनके और सिपाहियों के बीच कहा सुनी हो गई. इस बीच, ग्रामीणों ने सिपाहियों पर कथित तौर पर हमला कर दिया जिसमे एक सिपाही विनय कुमार घायल हो गया. उन्होंने बताया कि विनय कुमार को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया. सिंह ने बताया कि इस मामले में आरिफ, यासीन सहित सात नामजद और आठ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

  • भोपाल में शासकीय आदेशों के उल्लंघन करने के जुर्म में एक पत्रकार के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया गया है. उनपर अपराध संख्या 67/20 धारा 188, 269, 270 भारतीय दंड विधान का अपराध पंजीबद्ध किया गया है. संबंधित पत्रकार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी गए थे. बाद में उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.

नगालैंड में देश के विभिन्न हिस्सों से हाल ही में 2,500 से अधिक लोग लौटे हैं और उन्हें घर में पृथक रखा गया है. राज्य में अभी तक कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है. सरकार के प्रवक्ता और योजना एवं समन्वय मंत्री नेइबा क्रोनू ने कहा कि जांच के लिए भेजे गए 17 नमूनों में से 13 संक्रमित नहीं पाए गए और बाकी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने शुक्रवार की शाम को बताया कि हाल में राज्य लौटे छात्रों समेत कुल 2,719 लोगों ने अपनी-अपनी जिला निगरानी टीमों से संपर्क किया और उन्हें कुछ समय के लिए घर में पृथक कर दिया गया है.

  • चीन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से संबंधित अपना डेटा अमेरिका के साथ साझा करेगा और देश को बीजिंग के अनुभव से सबक लेने में मदद करेगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समकक्ष शी चिनफिंग के साथ शुक्रवार को हुई एक घंटे की बातचीत के बाद आज शनिवार को यह बात कही. ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस को “चीनी वायरस” कहे जाने और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर अमेरिकी लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवनशैली को “अत्यधिक खतरे” में डालने का आरोप लगाने के बाद से बीजिंग काफी गुस्से में था। लेकिन कई दिनों तक चले इस वाक युद्ध के बाद ट्रंप ने शुक्रवार को फोन पर शी से बात की. वैश्विक महामारी के अगले केंद्र के तौर पर अमेरिका के उभरने के साथ ही शी ने ट्रंप को कोरोना वायरस से लड़ने में चीन की ओर से पूरी मदद का आश्वासन दिया लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि संक्रामक रोग कोई कोई सीमा या नस्ल नहीं जानते.

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