उत्तरी कश्मीर के गांव रामपुरा में तीन भाई-बहनों के लिए फरिश्ता साबित हुई भारतीय आर्मी

जम्मू कश्मीर में सेना ने ऑपरेशन सदभावना के तहत एक युवक की म्युजिक क्लास खोलने में मदद की है. रामपुरा के रहने वाले मुंतजिर और उनके भाई बहन को दिखाई नहीं देता इसलिए सेना ने उनकी काफी मदद की.

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में सेना जहां एक तरफ आतंकवाद से लड़ रही है वहीं दूर दराज़ के इलाकों में लोगों के लिए भी बहुत काम कर रही है. सेना ऑपरेशन आल आउट में आतंकियों का काम तमाम कर रही है वहीं ऑपरेशन सदभावना में जन सेवा के काम भी करती नजर आ रही है. सेना ऑपरेशन के तहत सामाजिक विकास के कार्यों के साथ-साथ ‘टैलेंट हंट’ का भी आयोजन कर रही है.

 

सेना उत्तरी कश्मीर के बंदिपोर के एक छोटे से गांव रामपुरा में तीन भाई-बहनों के लिए फरिश्ता साबित हुई. दरअसल 28 साल के मुंतजिर और उनके भाई बहन देख नहीं सकते हैं. मुंतजिर का घर एक नाले के किनारे है और उन्हें आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. सेना ने पैसे जुटाकर इनके लिए फुट ब्रिज बनाया ताकि रास्ता पार करने में इन्हें कोई परेशानी ना हो.

 

यही नहीं आंखो में रौशनी की कमी होने के बाजवूद मुंतजिर में कुछ करने की चाह थी और उनकी संगीत में रूची थी. इसे देखकर सेना ने मुंतजिर को एक इलेक्ट्रॉनिक की-बोर्ड दिया. इसके बाद मुंतजिर ने संगीत को अपना प्रोफेशन बनाना चाहा. सेना ने उनकी ये इच्छा भी पूरी कर दी.

 

सेना ने मुंतजिर को दो हाई क्वालिटी हारमोनियम और अन्य सामान गिफ्ट किए. इसके सहारे मुंतजिर ने म्यूजिक क्लास की शुरुआत कर दी और एक हफ्ते के अंदर ही इस क्लास में 20 स्टूडेंट्स संगीत सीखने के लिए आने लगे. वहीं मुंतजिर को ये उम्मीद है कि आने वाले समय में उनकी म्यजिक क्लास में और भी ज्यादा स्टूडेंट्स आएंगे. मुंतजिर अब इलाके के युवाओं के लिए मिसाल बन चुका है. जिसने अपने शरीर की अक्षमताओं को अपनी कमजोरी के बजाए अपनी ताकत बना लिया है.

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