पंचकुला हिंसाः राम रहीम के सहयोगी हनीप्रीत जेल से निकली बाहर, विशेष कोर्ट ने दी जमानत

डेरा प्रेमियों ने कहा कि गुरमीत सिंह पर भी जो आरोप लगे है वे सभी झूठे हैं. उन्होंने कहा कि देश द्रोह किसी बाहर देश के साथ मिलकर हिंसा करने को कहते हैं न कि अपने गुरु के लिए रोष प्रकट करने को.

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पंचकूलाः डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह की महिला सहयोगी हनीप्रीत को अदालत से जमानत मिल गई है. जमानत मिलने के बाद हनीप्रीत को जेल से रिहा भी कर दिया गया है. पंचकूला की विशेष कोर्ट ने हनीप्रीत को जमानत दी. हनीप्रीत के वकील आरएस चौहान ने बताया था कि वह अंबाला के जेल में बंद थे. जेल में बंद हनीप्रीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के लिए पेश हुई थीं. पिछले दिनों उनपर लगे राजद्रोह का आरोप भी हटा लिया गया था.

 

हनीप्रीत इस समय डेरा प्रमुख की सजा के बाद, 25 अगस्त 2017 में हरियाणा के पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में जेल में है. जैसे ही हनीप्रीत की जमानत की सूचना सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय तक पहुंची तो डेरा प्रेमियों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा.

 

‘जल्द गुरमीत सिंह भी आएंगे बाहर’

 

डेरा प्रेमियों ने इसे इंसाफ की जीत बताया और कहा कि हनीप्रीत को झूठे केस में फंसाया गया था. डेरा प्रेमियों ने कहा कि पंचकूला में हमलोग अपना रोष प्रकट करने के लिए गए थे न कि देश द्रोह करने. डेरा प्रेमियों ने बताया कि अब उन्हें गुरमीत सिंह के बाहर आने की भी पूरी उम्मीद लग रही है,

 

डेरा प्रेमियों ने कहा कि गुरमीत सिंह पर भी जो आरोप लगे है वे सभी झूठे हैं. देश द्रोह किसी बाहर देश के साथ मिलकर हिंसा करने को कहते हैं न कि अपने गुरु के लिए रोष प्रकट करने को.

 

क्या है पंचकुला विवाद

 

इससे पहले हनीप्रीत ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक कई बार जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. हर जगह उनकी याचिका को खारिज कर दी गई थी.

बता दें कि गुरमीत राम रहीम को दो महिलाओं के साथ रेप के मामले में अगस्त 2017 में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. जनवरी में एक विशेष सीबीआई अदालत ने भी गुरमीत राम रहीम सहित तीन और लोगों को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद सिरसा और पंचकूला में हिंसा हुई जिसमें 41 लोग मारे गए और 260 से अधिक घायल हो गए थे.

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