प्राइवेट लैब में COVID-19 के टेस्ट कराने के ये हैं नियम, कोई भी अपनी मर्जी से नहीं करा सकता जांच
प्राइवेट लैब में टेस्ट कराने के लिए कुछ नियम हैं. जैसे कि कोई भी शख्स अपनी मर्जी से टेस्ट नहीं करा सकता. इसके लिए मान्यताप्राप्त डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत होगी.
नई दिल्ली: भारत में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना के 1200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं वहीं 29 लोगों की इसे मौत हो चुकी है. बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने सरकारी लैब के अलावा प्राइवेट लैब को भी टेस्ट की इजाजत दे दी है और इन जगहों पर टेस्ट भी हो रहे है. भारत में अब तक 47 निजी लैब को टेस्ट की अनुमति दे दी है. वहीं 115 सरकारी लैब हैं, जहां टेस्ट चल रहे हैं.
बढ़ते मामलों को देखते हुए आईसीएमआर ने कह कि प्राइवेट लैब को भी कोविड 19 का टेस्ट कर सकेंगे. इसके लिए खास नियम भी बनाए गए हैं, जिनका सख्ती से पालन करना होगा. सोमवार को जानकारी देते हुए आईसीएमआर के साइंटिस्ट डॉ रमन गंगाखेड़कर ने बताया कि इन प्राइवेट लैब में अब तक 1334 लोगों के टेस्ट किए गए हैं.
आईसीएमआर के मुताबिक निजी लैब में टेस्ट से काफी मदद मिलेगी. आईसीएमआर के मुताबिक, इन लैब की साढ़े 16 हजार से ज्यादा कलेक्शन सेंटर हैं, जिससे टेस्ट में बहुत मदद मिलेगी. वहीं ये टेस्ट 4500 रुपये में ही करना होगा. वहीं इन प्राइवेट लैब में कोई भी टेस्ट करा सकता है लेकिन उसके लिए कई नियम हैं.
-कोई भी अपनी मर्जी से टेस्ट नहीं कर सकता है, न लैब न कोई व्यक्ति.
-मान्यताप्राप्त डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही ये टेस्ट होगा.
-टेस्ट उन्हीं का होगा जो हाल में विदेश से लौटे हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए हैं. या फिर उन्हें जिन्हें सीरियस एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस है.
-इसके अलावा हेल्थ केयर वर्कर यानी डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स जांच करा सकते हैं.
-वहीं प्राइमरी टेस्ट और कन्फर्मेशन टेस्ट दोनों के लिए प्राइवेट लैब सिर्फ 4500 रुपये ही ले सकते हैं.
आईसीएमआर का मानना है कि प्राइवेट लैब को इस काम में शामिल करने से सरकार पर दबाव कम हो जाएगा. वहीं इन निजी लैब की लंबी लैब चेन है जिसे कलेक्शन में आसानी होगी. वहीं, केस ज्यादा होने पर लोगों को भी सहूलियत होगी.
आईसीएमआर के साइंटिस्ट डॉ रमन गंगाखेड़कर ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, “एक चीज लोगों को समझनी जरूरी है कि प्राइवेट लैब हैं तो कोई भी नहीं ऐसे जाकर करा सकता है. उसके लिए हमने सख्त गाइडलाइन जारी की है. कोई ये सोचे कि मैं जाकर टेस्ट करा लेता हूं तो ये ग़लत है. आपको समझना होगा को दुनिया में ये महामारी फैली है और ऐसे ही टेस्ट कराएंगे तो वो टेस्ट किट बर्बाद हो जाएंगी और जरूरत के समय नहीं होगी.” फिलहाल भारत में 115 सरकारी लैब हैं जहां कोविड 19 का टेस्ट हो रहा है. अब तक भारत में कुल 38442 टेस्ट हुए हैं.